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संकट में नौकरियाँ: 6 लाख से अधिक पलायन, खतरे में इंडस्‍ट्री-ए‍ग्रीकल्‍चर

कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लागू लॉकडान और कर्फ्यू के कारण मजदूरों के पलायन से पंजाब की इंडस्‍ट्री और एग्रीकल्‍चर संकट में छा गया है। करीब दो महीने से लागू लॉकडाउन के कारण उद्योग और व्‍यापार का ठप हो गया है।

Shreya
Published on: 12 May 2020 9:41 AM GMT
संकट में नौकरियाँ: 6 लाख से अधिक पलायन, खतरे में इंडस्‍ट्री-ए‍ग्रीकल्‍चर
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दुर्गेश पार्थ सारथी

लुधियाना: कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लागू लॉकडान और कर्फ्यू के कारण मजदूरों के पलायन से पंजाब की इंडस्‍ट्री और एग्रीकल्‍चर संकट में छा गया है। करीब दो महीने से लागू लॉकडाउन के कारण उद्योग और व्‍यापार का ठप हो गया है। ऐसे में मजदूरों के सामने रोजी रोटी का संकट आ खड़ा हुआ है। हलांकि प्रशासन और स्‍वयंसेवी संगठनों के सदस्‍य दिन रात इस प्रयास में लगे हैं कि मजदूरों और कामगारों के सामने भोजन का संकट न हो। फिर भी मजदूर पलायन कर रहें हैं।

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7 लाख से अधिक मजदूर रहते हैं लुधियाना में

एक अनुमान के मुताबिक पंजाब की औद्योगिक नगरी लुधियाना में करीब सात लाख से अधिक मजदूर और कामकारण रहते हैं। जबकि इतने ही मजदूर प्रदेश के अमृतसर, बठिंडा और पटियाला सहित विभिन्‍न जिलों में रहते हैं। इनमें कुछ तो यहां पर स्‍थाई निवासी हो गए हैं जबकि, ज्‍यादतर मजूदर प्रवासी है। मजदूरों में उत्‍तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के मजदूरों की संख्‍या अधिक है।

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छह दिन में पांच लाख से अधिक मजदूर कर चुके हैं पलायन

पिछले छह दिनों में श्रमिक स्‍पेशल ट्रेनों के माध्‍यम से पंजाब के अमृतसर, जालंधर, लुधियाना, पटियाला और बठिंडा सहित विभिन्‍न शहरों से पांच लाख से अधिक मजदूर पलायन कर चुके हैं। कृषि और उद्योग क्षेत्र में कार्यरत इन मजदूरों का पलायन जारी है। स्‍थानीय इन्‍हें बसों और अन्‍य साधनों से रेलवे स्‍टेशन ला कर उन्‍हें उनकी घर वापसी करवा रहा है।

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उद्योगपति चिंतित

भारी संख्‍या में मजदूरों के पलायन से पंजाब के उद्योगपति चिंतित हैं। उनका कहना है कि सरकार मजदूरों का पलायन रोके। मजदूर चले गए तो कारखानों की मशीनें थम जाएंगी। जिसका असर देश की इकोनॉमी पर पड़ेगा। उनका तर्क है कि कुशल मजदूर तैयार करने में समय लगेगा । ऐसे में कारोबार जगत प्रभावित होगा। हलांकि, इस बीच देस का सबसे बड़ा कारोबारी घराना हीरो साइकिल ने अपना उत्‍पादन शुरू कर दिया है। इसके साथ ही कुछ और उद्योग चल पड़े हैं ऐसे में उद्योगपतियों की कुछ उम्‍मीदें जगी हैं।

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किसान भी चिंतित

कुछ ही दिनों में पंजाब में धान की रोपाई शुरू होने वाली है। भारी संख्‍या में मजदूरों के पलायन से किसानों के सामने भी मजदूरों का संकट खड़ा हो गया है। किसान हरणचरण सिंह का कहना है कि धान रोपाई का सीजन सर पर है। इस सीजन में काफी संख्‍या में उप्र: बिहार, झारखंड और छत्‍तीसगढ़ से मजदूर धान की रोपाई करने आते थे। अब किसानों के सामने सबसे बड़ा संकट खड़ा हो गया। और तो और धान रोपाई की मजदूरी भी बढ़ जाएगी। ऐसे में केंद्र और राज्‍य सरकारों को पहल के आधार पर मजदूरों का पलायन रोकना चाहिए और उनके लिए कुछ करना चाहिए।

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