बिस्किट खाकर 14 दिन में पैदल तय किया 1500 किमी. का सफर, घर पहुचंते ही मौत

सलमा ने बताया सफर के दौरान अली उन्हें फोन कर रहे थे। वह 10 लोगों के साथ झांसी एक ट्रक में छिपे ताकि उन्हें पुलिस का सामना ना करना पड़े, जिसके लिए उन्होंने ड्राइवर को 3,000 रुपए भी दिये, वहां से वह बहराइच तक पैदल आए और फिर पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया।

Aditya Mishra
Published on: 29 April 2020 11:48 AM IST
बिस्किट खाकर 14 दिन में पैदल तय किया 1500 किमी. का सफर, घर पहुचंते ही मौत
X

नई दिल्ली: लॉकडाउन ने देश भर में फंसे लाखों मजदूरों की मुश्किलें बढ़ा दी है। काम-काज बंद होने के बाद उनके पास न तो खाने पीने के लिए पैसे बचे हैं और न ही रहने के लिए कोई स्थायी जगह।

ऐसे में मजदूर पैदल या साइकिल से हजारों किमी. का सफर तय कर अपने घरों के लिए निकल पड़े हैं। वे बिना भोजन किये यात्रा कर रहे हैं। इसमें से चंद खुशनसीब ऐसे हैं जो सही सलामत अपने घर पर पहुंच रहे हैं। जबकि बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो रही है।

ऐसा ही एक मामला श्रावस्ती जिले में भी सामने आया है। श्रावस्ती के रहने वाले इंसाफ अली ने सोचा था कि घर पहुंच कर वह आराम से रहेंगे। उनका ख्याल था कि घर पर कम से कम खाने की दिक्कत तो नहीं ही होगी, लेकिन किस्मत को शायद कुछ और ही मंजूर था।

14 दिन तक पैदल चलकर मुंबई से 1500 किलोमीटर का तय किया सफर

14 दिन तक पैदल चल कर मुंबई से 1500 किलोमीटर का सफर करके अली अपने घर तो पहुंचा, लेकिन चार घंटे बाद ही उसकी जान चली गई। 35 साल के अली जिला स्थित मटखनवा गांव के निवासी थे। 27 अप्रैल यानी सोमवार को पहुंचने के बाद उनकी मौत हो गई।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक राज मिस्त्री का काम करने वाले अली का पोस्टमार्टम भी नहीं हो पाया था, क्योंकि अस्पताल को उनके कोरोना टेस्ट के फाइनल रिपोर्ट का इंताजर था, पोस्टमार्टम तभी होगा जब रिजल्ट निगेटिव आएगा।

अली की पत्नी सलमा बेगम और उनके रिश्तेदारों को अभी तक इसका अंदाजा नहीं लग पाया है कि आखिर मौत हुई कैसे? परिजनों की मानें तो फोन पर बातचीत के दौरान अली ने बताया था कि वह बिस्किट खाकर अपना सफर तय कर रहे हैं।

सलमा ने बताया सफर के दौरान अली उन्हें फोन कर रहे थे। वह 10 लोगों के साथ झांसी एक ट्रक में छिपे ताकि उन्हें पुलिस का सामना ना करना पड़े, जिसके लिए उन्होंने ड्राइवर को 3,000 रुपए भी दिये, वहां से वह बहराइच तक पैदल आए और फिर पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया।

उनसे कहा गया कि वह वापस जाएं। किसी तरह से घर तक पहुंचे। उनको फोन बंद हो गया था इसलिए बात नहीं हो पा रही थी। यहां पहुंच कर उन्होंने फोन किया कि मैं वापस मटखनवा आ जाऊं।

इस खिलाड़ी ने लॉकडाउन तोड़ने वालों को दी ये सलाह, बताया-घर पर रहने का महत्व

आधा परिवार पंजाबा में फंसा

अली के आखिरी वक्त में भी उसे ना देख पाने वाले सलमा ने बताया कि वह अपने छह वर्षीय बेटे इरफान के साथ मायके में थीं। जब तक वह वापस आईं तब तक शव को अस्पताल लेकर चले गए थे। अली के दो अन्य भाई भी मजदूर हैं जो लॉकडाउन के चलते पंजाब में फंसे हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, सलमा ने बताया कि अली 13 अप्रैल को ही मुंबई से निकले थे और बताया कि उनके पास पैसे नहीं है। उन्हें काम नहीं मिल रहा था, वह गांव आते तो कम से कम आस पड़ोस में कुछ ना कुछ हो ही जाता।

खोले गए केदारनाथ मंदिर के कपाट, लॉकडाउन के कारण भक्तों को अनुमति नहीं

Aditya Mishra

Aditya Mishra

Next Story