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Lok Sabha Election 2024: पूर्व केंद्रीय मंत्री थामेंगे बीजेपी का दामन ! गुजरात में कांग्रेस को एक और बड़ा झटका
Lok Sabha Election 2024: पूर्व केंद्रीय मंत्री नारायण भाई राठवा जल्द भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकते हैं। राठवा का राज्यसभा में कार्यकाल हाल ही में समाप्त हुआ है।
Lok Sabha Election 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के गृह राज्य गुजरात में कांग्रेस को लगातार झटके पे झटके लग रहे हैं। पार्टी के दो कद्दावर विधायक बीजेपी में शामिल हो चुके हैं और ये सिलसिला जारी है। अब एक और दिग्गज नेता के पार्टी छोड़ने की अटकलें जोरों पर है। पूर्व केंद्रीय मंत्री नारायण भाई राठवा जल्द भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकते हैं। राठवा का राज्यसभा में कार्यकाल हाल ही में समाप्त हुआ है।
गुजरात विधानसभा में कांग्रेस उस हैसियत में नहीं है कि वह अपने किसी नेता को राज्यसभा पहुंचा सके, लिहाजा राठवा अपने सुरक्षित भविष्य के लिए नई जगह तलाश चुके हैं। मिली जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस नेता प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष सीआर पाटिल की मौजूदगी में भगवा दल में शामिल होंगे। नारायण भाई राठवा की गिनती गुजरात के कद्दावर आदिवासी नेताओं में होती है। छोटा उदयपुर और पूरे आदिवासी बेल्ट में उन्हें कांग्रेस का सबसे बड़ा चेहरा माना जाता है।
यूपीए एक में रेल राज्य मंत्री थे राठवा
67 वर्षीय नारायण भाई राठवा शुरू से खांटी कांग्रेसी रहे हैं। वो अब तक पांच बार लोकसभा सांसद रह चुके हैं। 1989 में छोटा उदयपुर से पहली बार चुनाव जीतने वाले राठवा ने 2004 तक इस सीट पर कब्जा बनाए रखा। यूपीए सरकार के पहले कार्यक्रम में उन्हें रेलराज्य मंत्री भी बनाया गया। राठवा को 2009 के आम चुनाव में बीजेपी के रामसिंह राठवा ने पटखनी दे दी। इसके बाद 2018 में कांग्रेस ने उन्हें राज्यसभा भेजा।
2022 के गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान छोटा उदयपुर सीट से कांग्रेस के दो कद्दावर आदिवासी नेता अपने बेटों के लिए टिकट मांग रहे थे। नारायण सिंह राठवां को आलाकमान से नजदीकी का फायदा मिला और उनके बेटे संग्राम को टिकट मिल गया। इससे नाराज कांग्रेस के एक अन्य कद्दावर आदिवासी नेता मोहन भाई राठवा ने पार्टी छोड़ दी। वो अपने बेटे राजेंद्र सिंह को बीजेपी से टिकट दिलाने में कामयाब रहे। राजेंद्र ने बड़े अंतर से जीत दर्ज भी की। 78 वर्षीय मोहन भाई राठवा कांग्रेस से 10 बार विधायक रह चुके हैं।
आदिवासी बेल्ट में बीजेपी को फायदा
गुजरात का छोटा उदयपुर क्षेत्र पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश और राजस्थान से भी सीमा साझा करता है। यहां के आदिवासी पारंपरिक रूप से कांग्रेस के वोटर रहे हैं। नारायण सिंह राठवां और मोहन भाई राठवा आदिवासी बेल्ट में दिग्गज नेता के रूप में पहचान रखते हैं। ऐसे में इन दोनों नेताओं के भाजपा में होने से बीजेपी को तीनों राज्यों के आदिवासी बहुल सीटों पर बढ़त मिल सकती है।
बता दें कि गुजरात में पहली बार कांग्रेस और आम आदमी पार्टी गठबंधन कर चुनाव लड़ रही है। 26 में से 24 सीटों पर कांग्रेस और दो पर आप चुनाव लड़ेगी। आप को भरूच और भावनगर की सीट मिली है।