TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

Mission 2024: भाजपा के खिलाफ एकजुट होने की कवायद, PM चेहरे को लेकर क्या थम जाएगा घमासान?

Mission 2024: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के 70वें जन्मदिन के मौके पर चेन्नई में आयोजित कार्यक्रम में विपक्षी दलों के नेताओं का बड़ा जमावड़ा लगा।

Anshuman Tiwari
Published on: 2 March 2023 11:40 AM IST (Updated on: 2 March 2023 3:28 PM IST)
Mission 2024
X

एमके स्टालिन के 70वें जन्मदिन पर कई विपक्षी नेता मौजूद (Pic: Social Media)

Mission 2024: अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा का विजय रथ रोकने के लिए विपक्षी दलों ने कवायद शुरू कर दी है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के 70वें जन्मदिन के मौके पर बुधवार को चेन्नई में आयोजित कार्यक्रम में विपक्षी दलों के नेताओं का बड़ा जमावड़ा लगा। इस कार्यक्रम के जरिए विपक्षी एकजुटता का संदेश देने की कोशिश की गई। इस दौरान विपक्षी दलों के नेताओं ने भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर चुनाव लड़ने पर जोर दिया। उनका यह भी कहना था कि प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर चुनाव के बाद फैसला किया जा सकता है।

इस कार्यक्रम में कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर फारूक अब्दुल्ला, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी मौजूद थे। इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने कहा कि मैंने कभी नहीं कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में कौन नेतृत्व करेगा और कौन प्रधानमंत्री बनेगा। हालांकि पीएम पद के चेहरे को लेकर विपक्षी दलों में घमासान थमना आसान नहीं माना जा रहा है। विपक्ष के कई बड़े नेता इस कार्यक्रम में मौजूद नहीं थे और उनकी ओर से कोई बयान भी अभी तक सामने नहीं आया है।

फारूक का पहले चुनाव जीतने पर जोर

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि यह आगे बढ़ने का समय है। उन्होंने स्टालिन से राष्ट्रीय परिदृश्य पर आने की अपील भी की। उन्होंने कहा कि आपने इस राज्य का निर्माण किया है। अब आप केंद्र में आएं और राष्ट्र का निर्माण करें। देश को आगे स्टालिन जैसे लोगों की जरूरत है जो सबके साथ मिलकर काम कर सके।

उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे जी से कहना चाहूंगा कि मौजूदा समय में हमें चुनाव जीतने पर जोर देना चाहिए। विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री कौन बनेगा, इसे चुनाव जीतने के बाद भी तय किया जा सकता है। मौजूदा समय में इसे लेकर कोई विवाद नहीं किया जाना चाहिए।

फारूक के बयान पर खड़गे ने दी सफाई

बाद में अपने संबोधन के दौरान खड़गे ने भी विपक्ष की एकजुटता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में जीत की बुनियाद डालने के लिए सबसे पहले अपने गठबंधन को मजबूत बनाना जरूरी है। विभाजनकारी ताकतों को हराने के लिए समान विचारधारा वाले दलों को एक मंच पर आना चाहिए। अपने संबोधन के दौरान खड़गे ने पीएम चेहरे को लेकर भी सफाई दी। उन्होंने कहा कि मैंने कभी यह बात नहीं कही है कि चुनाव में नेतृत्व कौन करेगा और प्रधानमंत्री कौन बनेगा। हालांकि यह भी उल्लेखनीय है कि रायपुर में हाल में हुए कांग्रेस के अधिवेशन के दौरान खड़गे ने कहा था कि 2024 में कांग्रेस की अगुवाई में केंद्र में मजबूत सरकार का गठन होगा।

उन्होंने कहा कि फारूक अब्दुल्ला को मैं बताना चाहता हूं कि हम भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई लड़ना चाहते हैं। हम इस बात पर जोर नहीं दे रहे हैं के चुनाव में कौन नेतृत्व करेगा और कौन आगे चलकर प्रधानमंत्री बनेगा। मौजूदा समय में हमारी इच्छा भाजपा के खिलाफ मिलकर लड़ाई लड़ने की है।

विपक्ष के कई बड़े चेहरे नहीं थे मौजूद

विपक्षी एकता के लेकर फारूक अब्दुल्ला और खड़गे की ओर से दिया गया यह बयान सियासी नजरिए से काफी अहम माना जा रहा है। हालांकि इस कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी, आप संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और बीआरएस मुखिया और तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर मौजूद नहीं थे। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए नहीं पहुंचे थे। इन सभी नेताओं को विपक्ष में ताकतवर माना जाता है और विपक्ष की ओर से इन सभी नेताओं का नाम समय-समय पर प्रधानमंत्री पद के दावेदारों में सुना जाता रहा है।

विपक्षी दलों में घमासान थमना आसान नहीं

कांग्रेस की ओर से भी समय-समय पर राहुल गांधी की अगुवाई में विपक्षी गठबंधन के चुनावी अखाड़े में उतरने की बात कही जाती रही है। ऐसे में सियासी जानकारों का मानना है कि पीएम पद के चेहरे को लेकर सियासी घमासान थमना इतना आसान नहीं है। विपक्ष के कई बड़े नेता अलग-अलग सुर अलापते नजर आ रहे हैं। खड़गे की ओर से भले ही बयान दिया गया है मगर कांग्रेस के सभी नेताओं को यह बात स्वीकार होगी, इसे निश्चित तौर पर नहीं कहा जा सकता। ऐसे में भाजपा के खिलाफ विपक्ष का गठबंधन बनना आसान नहीं माना जा रहा है।

तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर ने भी पिछले दिनों विपक्षी दलों के नेताओं को बुलाकर बड़ी रैली का आयोजन किया था। इस रैली के जरिए उन्होंने तीसरा मोर्चा बनाने के संकेत भी दिए थे। देखने वाली बात यह होगी कि विपक्षी नेताओं की ओर से शुरू की गई यह कवायद क्या रंग दिखाती है।



\
Jugul Kishor

Jugul Kishor

Content Writer

मीडिया में पांच साल से ज्यादा काम करने का अनुभव। डाइनामाइट न्यूज पोर्टल से शुरुवात, पंजाब केसरी ग्रुप (नवोदय टाइम्स) अखबार में उप संपादक की ज़िम्मेदारी निभाने के बाद, लखनऊ में Newstrack.Com में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। भारतीय विद्या भवन दिल्ली से मास कम्युनिकेशन (हिंदी) डिप्लोमा और एमजेएमसी किया है। B.A, Mass communication (Hindi), MJMC.

Next Story