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LS में राहुल गांधी को बोलने से रोकेगी BJP, कार्यवाही से पहले रणनीति बनाएगा OPPOSITION

जब सत्ता व विपक्ष के बीच सदन में नोटबंदीं के बाद देश में पैदा हालात पर लोकसभा में शांतिपूर्ण चर्चा कराने पर पूर्ण सहमति बनी तो उसके बाद आश्चर्यजनक तौर पर संसदीय कार्यमंत्री ने विपक्ष पर पूरे तीन सप्ताह संसद की कार्रवाई बाधित करने के मामले में क्षमा मांगने को कहा।

zafar
Published on: 10 Dec 2016 3:04 PM GMT
LS में राहुल गांधी को बोलने से रोकेगी BJP, कार्यवाही से पहले रणनीति बनाएगा OPPOSITION
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नई दिल्ली: चार दिन के अवकाश के बाद जब बुधवार को संसद के दोनों सदनों की बैठक दोबारा होगी तो नोटबंदी के सवाल पर सत्ता व विपक्ष की तकरार और सदन के भीतर एक दूसरे को शह-मात देने का खेल जारी रहने के आसार बढ़ गए हैं। भले ही सरकार व विपक्ष के बीच चर्चा का समापन वोटिंग के नियम से न कराने पर सहमति बनी है लेकिन इसके बाद भी बहस में कौन किसे कैसे मात देगा, इस पर अभी दांवपेच आजमाने के सवाल पर सरकार व विपक्ष के बीच गहरा अविश्वास कायम है।

सत्ता पक्ष की रणनीति

सत्ता पक्ष ने तय कर लिया है कि राहुल गांधी को लोकसभा में बोलने नहीं देना है। जाहिर है कि भाजपा राहुल के इस बयान पर पूरी तरह आग बबूला है कि नोटबंदी पर जब वे लोकसभा में भाषण देंगे तो भूकंप आ जाएगा।

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी चूंकि नोटबंदी के बाद देश के कई हिस्सों में बैंकों व एटीएम के बाहर लंबी कतारों में खड़े लोगों के मामले को लगातार उठा रहे हैं और बाकी विपक्षी खुलकर उनके साथ हैं तो ऐसी सूरत में सरकार को अब लगता है कि संसद समाप्ति के बाद ऐसा न हो कि संसद के भीतर बहस में राहुल के हमले सरकार पर भारी पड़ जाएं। बताते चलें कि शुक्रवार 9 दिसंबर को जब सत्ता व विपक्ष के बीच सदन में नोटबंदीं के बाद देश में पैदा हालात पर लोकसभा में शांतिपूर्ण चर्चा कराने पर पूर्ण सहमति बनी तो उसके बाद आश्चर्यजनक तौर पर सरकार की ओर से संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने विपक्ष पर पूरे तीन सप्ताह संसद की कार्रवाई बाधित करने के मामले को लेकर क्षमा मांगने को कहा।

राहुल को बोलने से रोकेंगे

अनंत कुमार के इस प्रस्ताव पर एकजुट विपक्ष के सहमत होने का कोई सवाल नहीं उठता था इसलिए लोकसभा में नोटबंदी पर विधिवत चर्चा का मुद्दा चार दिन की छुट्टियों के पहले ही हवा में उड़ गया। अब सत्ता पक्ष की रणनीति यह है कि किसी भी तरह राहुल गांधी की, नोटबंदी पर होने वाली चर्चा में शिरकत पर अड़ंगा लगाया जाए।

इस बीच कांग्रेस समेत 16 विपक्षी पार्टियों के मोर्चे की बुधवार 14 दिसंबर को सुबह 9.30 बजे संसद भवन में बैठक होने के आसार हैं। उसमें तय होगा कि नोटबंदी पर देश में व्याप्त हालात और राज्यों से मिल रहे फीडबैक को किस तरह से उठाया जाए। इस बीच विपक्षी सांसद अपने-अपने राज्यों में नोटबंदी के बाद बैंकों में नकदी की कमी और रोजमर्रा की दिक्कतों से जूझ रहे आम लोगों के फीडबैक को विपक्षी दलों की संसदीय मुहिम से जोड़ने की कोशिश करेंगे।

शर्त ने बदल दिया माहौल

बता दें कि बीते शुक्रवार को कांग्रेस ही नहीं समूचा विपक्ष सत्ता पक्ष से बहस के स्वरूप पर सहमति के बाद पूरी तैयारी के साथ चर्चा आरंभ करने के लिए लोकसभा में दाखिल हुआ था। यही नहीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी अस्वस्थ होने के बाद भी सुबह कार्यवाही आरंभ होते ही लोकसभा में मौजूद रहीं। तय था कि राहुल गांधी धमाकेदार भाषण करने वाले हैं। इससे सत्ता पक्ष का आत्मविश्वास डोलता नजर आया। संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने उसके बाद ही माफी मांगने की शर्त लगा दी तो सत्ता व विपक्ष में बहस की सहमति का माहौल मिनटों में ही काफूर हो गया।

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