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Lok Sabha Speaker Election: क्या भाजपा स्पीकर के लिए दहाई और वोटों का कर लेगी बंदोबस्त

Lok Sabha Speaker Election: चुनाव इसलिए क्योंकि विपक्ष ने अपना उम्मीदवार उतार दिया है। लेकिन विपक्ष या इंडिया अलायन्स संख्या बल में कमजोर है प्रत्याशी के जीतने की सम्भवना नहीं है।

Yogesh Mishra
Written By Yogesh MishraReport Neel Mani Lal
Published on: 26 Jun 2024 11:51 AM IST
PM Modi and Om Birla
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पीएम मोदी और ओम बिरला  (photo: social media )

Lok Sabha Speaker Election: आज़ादी के बाद पहली बार देश में स्पीकर का चुनाव हो रहा है। अब तक सत्ता पक्ष अपना स्पीकर बनवा लिया करता था। वैसे संसद में संख्या बल के लिहाज़ से देखा जाये तो एनडीए गठबंधन को साफ बढ़त हासिल है। उसके 293 सांसद हैं। जबकि इंडिया गठबंधन के पास यह संख्या 237 की है। सदन में सात निर्दल सांसद है। तीन एनडीए के साथ दिखते हैं। तीन निर्दल सांसद जेल में हैं। इस लिहाज़ से ओम बिरला को 296 सांसदों का समर्थन मिलना तय है।

ऐसे में सवाल उठता है कि फिर आख़िर चुनाव क्यों? चुनाव इसलिए क्योंकि विपक्ष ने अपना उम्मीदवार उतार दिया है। लेकिन चूंकि विपक्ष या इंडिया अलायन्स संख्या बल में कमजोर है सो उसके प्रत्याशी के जीतने की सम्भवना नहीं ही है। फिर भी चूंकि उम्मीदवार है सो चुनाव तो होगा ही।

चुनाव ध्वनिमत से होगा कि संख्या वोटिंग से, यह भी एक पहलू है। अगर ध्वनि मत से इतर वोटिंग हुई तो लगता है सदन का एक बार फिर क्रास वोट का गवाह बनना तय है। ऐसा होने पर भाजपा कांग्रेस पर जबरन चुनाव थोपने का आरोप भी मढ़ सकेगी। यही नहीं, इस चुनाव में भाजपा के सामने विपक्ष को शह देने का पहला मौक़ा मिलेगा। अपनी आदत के मुताबिक़ भाजपा यह मौक़ा नहीं चूकने वाली। वह ओम बिरला के लिए अपने सदस्य संख्या से अधिक का बंदोबस्त करके विपक्ष को चौंका सकती है। सूत्रों की मानें तो एनडीए नौ दस और सांसदों का सहयोग हासिल करने का करिश्मा कर दिखाये तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए।

ऐसा करते भाजपा तीन निशाने साधना चाहती है। पहला तो यह विपक्षी एकता पर सीधा प्रहार होगा। दूसरा यह कि एनडीए की संख्या बढ़ाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम होगा। तीसरा निशाना यह बड़े नम्बरों से स्पीकर पद की जीत आने वाले उपचुनाव और राज्यों के विधानसभा चुनाव में एक बड़ी भूमिका निभाएगी।

स्पीकर के लिए एनडीए की ओर से भाजपा के ओम बिरला ने और इंडिया गठबंधन की ओर से कांग्रेस पार्टी के के सुरेश ने उम्मीदवारी जताई है। सुरेश आठ बार के सांसद है।


क्रॉस वोटिंग

भाजपा का खेल क्रॉस वोटिंग का होगा। इंडिया अलायन्स से और ओवैसी जैसे सदस्यों की तरफ से अगर ओम बिरला के पक्ष में कुछ वोट गिर गए तो ये भाजपा की बड़ी स्कोरिंग जीत होगी। जेल में बंद निर्वाचित सांसद अभी तक शपथ ही नहीं ले सकें हैं सो उनका वोट देने का सवाल ही नहीं है।


क्या है दलीय स्थिति

18 वीं लोकसभा – 543 सीटें

राजग (293)

- भाजपा (240)

- टीडीपी (16)

- जद (यू) (12)

- शिवसेना (7)

- लोजपा-रामविलास (5)

- जद (से) (2)

- जन सेना पार्टी (2)

- रालोद (2)

- अपना दल (सोनेलाल) (2)

- अगप (2)

- आजसू (1)

- हम (से) (1)

- राकांपा (1)

- यूपीपीएल (1)

विपक्ष (234)

- इंडिया (237)

( विपक्ष और इंडिया के आँकड़ों में अंतर क्यों ?)

- कांग्रेस (102)

- सपा (37)

- तृणमूल (29)

- द्रमुक (24)

- शिवसेना (उद्धव) (9)

- राकांपा (शरद) (8)

- जेकेएनसी (3)

- आईयूएमएल (3)

- झामुमो (1)

- आरएसपी (1)

- वीसीके (1)

अन्य : 9

- वाईएसआरसीपी (4)

- बीजद (12)

- माकपा (3)

- भाकपा (2)

- शिअद (2)

- मजलिस (1)

- लोजपा (आरवी) (1)

- एआईयूडीएफ (1)

- केसी (एम) (1)

- रालोपा (1)

निर्दलीय - 7

निर्दलीय सदस्य

लोकसभा में 7 निर्दलीय सदस्य हैं। जिनमें से दो पहले ही निष्ठा बदल चुके हैं। एक सदस्य कांग्रेस में शामिल हो चुका है जबकि एक शिवसेना (शिंदे) में चला गया है। बाकी बचे 5 जिनमें पप्पू यादव भी हैं। जेल में बंद इंजीनियर राशिद और अमृतपाल सिंह भी हैं।





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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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