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Budget 2019: मोदी से आगे हैं मनमोहन इस मामले में, बोलते बोलते सूख गया था गला

अब तक का सबसे लंबा बजट भाषण वित्तमंत्री रहते हुए मनमोहन सिंह ने दिया था। तत्कालीन वित्तमंत्री मनमोहन सिंह ने 1991 में 18,177 शब्दों का सबसे लंबा बजट भाषण दिया था। वहीं, सबसे छोटा भाषण 1977 में एचएम पटेल ने पेश किया था। एचएम पटेल ने 800 शब्दों का सबसे छोटा बजट भाषण दिया था।

SK Gautam
Published on: 5 July 2019 1:56 PM IST
Budget 2019: मोदी से आगे हैं मनमोहन इस मामले में, बोलते बोलते सूख गया था गला
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budget-manmohan singh

नई दिल्ली : सदन में आज केंद्रीय बजट पेश किया गया। ये मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट था। आजादी के बाद से अब तक 88 केंद्रीय बजट पेश किए जा चुके हैं।

हम आपको बता दें कि अब तक का सबसे लंबा बजट भाषण वित्तमंत्री रहते हुए मनमोहन सिंह ने दिया था। तत्कालीन वित्तमंत्री मनमोहन सिंह ने 1991 में 18,177 शब्दों का सबसे लंबा बजट भाषण दिया था। वहीं, सबसे छोटा भाषण 1977 में एचएम पटेल ने पेश किया था। एचएम पटेल ने 800 शब्दों का सबसे छोटा बजट भाषण दिया था।

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आइए जानते हैं बजट से जुड़ी अनोखी बातें...

अल्पकालीन समय के लिए पहला बजट

आजादी के बाद पहला केंद्रीय बजट 15 अगस्त 1947 से 31 मार्च 1948 तक के लिए पेश किया गया था। हालांकि, भारत-पाकिस्तान बंटवारे की वजह से ये निर्धारित समय तक नियोजित नहीं हो सका था। उसके बाद 26 नवंबर 1947 को तत्कालीन वित्त मंत्री आरके शनमुखम चेट्टी ने पहला बजट पेश किया।

इन तीन प्रधानमंत्रियों ने पेश किया था बजट

जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी तीन ऐसे प्रधानमंत्री रहे हैं, जिन्होंने प्रधानमंत्री रहते हुए बजट पेश किया था। गौरतलब है कि 1970 में प्रधानमंत्री रहते हुए इंदिरा गांधी ने वित्तमंत्री का भी पदभार संभाला था। इस तरह 1970 में इंदिरा गांधी बजट पेश करने वाली पहली महिला वित्त वित्त मंत्री बनीं। वहीं, 49 साल बार दूसरी महिला वित्त मंत्री के रूप में आज देश का बजट निर्मला सीतारमण पेश करेंगी।

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मनमोहन सिंह का सबसे लंबा बजट भाषण

मनमोहन सिंह ने सबसे लंबा बजट भाषण दिया था। इनके बाद अरुण जेटली ने साल 2014, 2016 और 2017 में लंबा भाषण दिया था। वहीं, बजट पेश करने के लिए सबसे ज्यादा समय जसवंत सिंह ने लिया था। जसवंत सिंह ने 2003 में बजट पेश करने के लिए 2 घंटे 13 मिनट का समय लिया था।

दो वित्तमंत्री बने राष्ट्रपति

आर वेंकटमन और प्रणब मुखर्जी दो ऐसे वित्तमंत्री हैं जो आगे चलकर भारत के राष्ट्रपति भी बने। इसके अलावा सीडी देशमुख रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के पहले गवर्नर थे, जो बाद में वित्तमंत्री बने. उन्होंने 1991 में देश का बजट पेश किया था।

सुबह 11 बजे बजट पेश करने की परंपरा

साल 2000 तक केंद्रीय बजट संसद में शाम 5 बजे पेश किया जाता था, लेकिन 2001 में तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने सुबह 11 बजे बजट पेश कर नई परंपरा शुरू की। वहीं, पहले फरवरी के अंतिम दिन बजट पेश होता था, जिसे मोदी सरकार ने बदलकर 1 फरवरी कर दिया।इसके अलावा रेल बजट को भी खत्म करके आम बजट में ही शामिल कर दिया गया।

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रिकॉर्ड पूर्व वित्त मंत्री मोरारजी देसाई के नाम

मोरारजी देसाई ने सबसे ज्यादा 10 बार बजट पेश किया था। वहीं, पी. चिदंबरम को यह मौका 8 बार मिला। इसके अलावा प्रणब मुखर्जी, यशवंत सिन्हा, वाईबी चव्हाण और सीडी देशमुख ने 7-7 बार देश का बजट पेश किया। वहीं, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, यशवंत सिन्हा और अरुण जेटली ने लगातार 5 बार बजट पेश कर चुके हैं।



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