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LTTE Chief Prabhakaran Alive 'प्रभाकरण जिंदा है, वो जल्द ही सामने आएगा', तमिल नेता का सनसनीखेज दावा
LTTE Chief Prabhakaran Alive: तमिलनाडु में वर्ल्ड कॉन्फेडरेशन ऑफ तमिल्स के अध्यक्ष पी नेदुमारण ने एक बयान में दावा किया है कि लिट्टे चीफ प्रभाकरण अभी भी जिंदा है। वह स्वस्थ है।
LTTE Chief Prabhakaran Alive: लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) चीफ प्रभाकरण (Prabhakaran) को लेकर चौंकाने वाले दावे हुए हैं। कहा जा रहा है कि प्रभाकरण जिंदा है। वर्ल्ड कॉन्फेडरेशन ऑफ तमिल्स (World Confederation of Tamils) के अध्यक्ष पी नेदुमारण ने तमिलनाडु के तंजावुर में एक बयान में ये दावा किया। आपको बता दें, साल 2009 में श्रीलंकाई सेना ने एक सैन्य अभियान में लिट्टे प्रमुख प्रभाकरण को मार गिराने की बात कही थी। हालांकि, नए दावे से लोग हैरान हैं।
नेदुमारण ने ये भी कहा है कि, 'मैं पुष्टि कर सकता हूं कि तमिल नेशनल लीडर प्रभाकरण (Prabhakaran Alive) अभी भी जिंदा हैं। उन्होंने यह भी कहा कि, ये खुलासा वह प्रभाकरण के परिवार की सहमति से कर रहा है। नेदुमारण ने दावे में कहा, कि लिट्टे प्रमुख जिंदा और स्वस्थ है। प्रभाकरण जल्द ही सामने आएंगे और तमिलों के बेहतर जीवन के लिए नई योजना की घोषणा भी करेंगे।'
'प्रभाकरण के बाहर आने का यही सही वक्त'
तमिलनाडु के तंजावुर (Thanjavur) में मुलिवैक्कल मेमोरियल में मीडिया से बात करते हुए वर्ल्ड कॉन्फेडरेशन ऑफ तमिल्स के नेता नेदुमारण ने कहा, 'अंतरराष्ट्रीय स्थिति और श्रीलंका में राजपक्षे सरकार के खिलाफ सिंहली (Sinhalese) लोगों के शक्तिशाली विद्रोह के चलते प्रभाकरण के बाहर आने का यही सही वक्त है।'
तमिलों से आह्वान, प्रभाकरण को समर्थन दें
इतना ही नहीं, नेदुमारण ने दुनियाभर में इलम तमिलों (Tamil Eelam) यानी श्रीलंकाई तमिलों एयर भारतीय तमिल से अपील की है कि वे लिट्टे प्रमुख प्रभाकरण को पूरा समर्थन देने के लिए एकजुट रहें। नेदुमारण ने तमिलनाडु सरकार (Government of Tamil Nadu), राजनीतिक पार्टियों और तमिलनाडु की जनता से भी प्रभाकरण के साथ खड़े होने का आह्वान किया है।
'लिट्टे नेता से मिल चुकी है सहमति'
मीडिया के एक सवाल का जवाब देते हुए नेदुमारण ने कहा, 'वो प्रभाकरण के परिवार के सदस्यों के संपर्क में थे। उन्होंने ही उनके स्वास्थ्य संबंधी जानकारी दी। साथ ही, ये भी दावा किया कि इस जानकारी को जारी करने के लिए उन्हें लिट्टे नेता से सहमति मिल चुकी है।'
300 समर्थकों के साथ किया था आत्महत्या
ख़बरों के अनुसार, मई 2009 में श्रीलंकाई सेना ने प्रभाकरण को चारों तरफ से घेर लिया गया था। जिसके बाद लिट्टे प्रमुख ने 300 समर्थकों के साथ आत्महत्या कर ली थी। एक अन्य रिपोर्ट में ये कहा गया था कि श्रीलंकाई सेना के हमले में प्रभाकरण मारा गया था। वर्ल्ड तमिल फेडरेशन के अध्यक्ष नेदुमारण के बयान से सनसनी मच गई है।