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पुलेला गोपीचंद है लखनऊ ब्वॉय के फैन, लोगों को कुछ इस तरह सिखाया जिंदगी जाने का तरीका

भारत में पुरुष बैंडमिंटन का नाम आते ही पहला नाम पुलेला गोपीचंद का आता है। अपने समय के शानदार खिलाडी और बैडमिंटन के द्रोणाचार्य कहे जाने वाले पुलेला गोपीचंद लखनऊ के कनिष्क पांडेय के फैन है। दरअसल, कनिष्क कोई बैडमिंटन खिलाड़ी नहीं हैं। यह लखनऊ के होनहार युवा लेखक हैं। कनिष्क पांडेय ने अपनी पहली किताब ‘SPORTS A WAY OF LIFE’ दिल्ली में लॉन्च हुई है। इसका विमोचन पुलेला गोपीचंद ने किया है। इस किताब में कई बड़ी स्पोर्ट्स हस्तियों के उदाहरण भी लिए गए हैं।

priyankajoshi
Published on: 31 March 2017 8:27 AM GMT
पुलेला गोपीचंद है लखनऊ ब्वॉय के फैन, लोगों को कुछ इस तरह सिखाया जिंदगी जाने का तरीका
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लखनऊ : भारत में पुरुष बैडमिंटन का नाम आते ही पहला नाम पुलेला गोपीचंद का आता है। अपने समय के शानदार खिलाड़ी और बैडमिंटन के द्रोणाचार्य कहे जाने वाले पुलेला गोपीचंद लखनऊ ब्वॉय कनिष्क पांडेय के फैन है। दरअसल, कनिष्क कोई बैडमिंटन खिलाड़ी नहीं हैं। यह लखनऊ के होनहार युवा लेखक हैं। कनिष्क पांडेय की पहली किताब ‘SPORTS A WAY OF LIFE’ दिल्ली में लॉन्च हुई है। इसका विमोचन पुलेला गोपीचंद ने किया है। इस किताब में कई बड़ी स्पोर्ट्स हस्तियों के उदाहरण भी लिए गए हैं।

कौन है कनिष्क?

-कनिष्क वर्तमान में दिल्ली यूनीवर्सिटी (डीयू) के कैंपस लॉ सेंटर से एलएलबी कर रहे हैं।

-कनिष्क की इंटर तक की पढ़ाई लखनऊ के सेंट फ्रांसिस स्कूल से हुई।

-वह यूपी काडर के एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी के बेटे हैं।

-कनिष्क ने अपनी पुस्तक के रिलीज होने के बाद कहा, ‘खेलों के बारे में अपनी चिर-परिचित सोच खेलोगे कूदोगे होगे खराब को बदलना होगा।

-देश के कई युवाओं ने भी इसको सफलतापूर्वक चुनौती देकर ऐसी सोच गलत साबित किया है।

आगे की स्लाइड्स में जानें क्या हैं इस किताब में...

किताब के जरिए स्पोर्ट्स का महत्व

-कनिष्क की लिखी हुई इस किताब में सर्वे और शोध के जरिए खेलों में जीवन के महत्व को बताया गया है।

-इसके साथ ही यह बताने का प्रयास किया गया है कि किस तरह स्पोर्ट्स के माध्यम से डिप्रेशन से छुटकारा पा सकते है।

पुलेला गोपीचंद ने की तारीफ

-इस विमोचन के मौके पर पुलेला गोपीचंद ने कनिष्क की लेखनी की जमकर तारीफ की।

-तारीफ करते हुए कहा कि 'खेलों के बारे में सदियों से चली धारणा को बदलना होगा।

-साथ ही हमें खेलों को सिर्फ जीत और हार के नजरिए से देखने से भी बाज आना होगा।

क्या कहना है कनिष्क का?

-अपने किताब के बारे में कनिष्क का कहना है कि यह किताब दरअसल बेहद संजीदा शोध का नतीजा है।

-इस किताब को अमली जामा पहनाने से पहले माइक टायसन, मोहम्मद अली, मैरी कॉम, युवराज सिंह और सचिन तेंदुलकर जैसे दिग्गज खिलाड़ियों की आत्मकथाओं पर शोध किया गया है।

-इस मौके पर पुलेला गोपीचंद के अलावा पैराओलंपियन देवेंद्र झंझरिया, यूजीसी के चेयरमैन प्रोफेसर वेदप्रकाश, नेशनल साइंस अकादमी के चेयरमैन डॉ विश्वमोहन कटोच और सेंट स्टीफन कॉलेज के प्रधानाचार्य जॉन वर्गीस और कई बड़ी हस्तियां भी शामिल हुईं।

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इन्होंने पत्रकारीय जीवन की शुरुआत नई दिल्ली में एनडीटीवी से की। इसके अलावा हिंदुस्तान लखनऊ में भी इटर्नशिप किया। वर्तमान में वेब पोर्टल न्यूज़ ट्रैक में दो साल से उप संपादक के पद पर कार्यरत है।

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