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Lumpy Skin Disease: राजस्थान और गुजरात के पशुपालक इस बीमारी से परेशान, सैंकड़ों की संख्या में मर चुके हैं मवेशी

Lumpy Skin Disease: लम्पी त्वचा रोग से सबसे अधिक परेशान फिलहाल राजस्थान और गुजरात के पशुपालक हैं, जिनके कई मवेशी इस बीमारी के भेंट चढ़ चुके हैं।

Krishna Chaudhary
Published on: 25 July 2022 9:51 AM GMT
Lumpy skin disease in animals of Rajasthan and Gujarat, hundreds of cattle have died
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लम्पी त्वचा रोग से ग्रसित एक मवेशी: Photo- Social Media

Lucknow: एक तरफ इंसान जहां कोरोनावायरस (coronavirus) और मंकीपॉक्स (monkeypox) जैसी बीमारियों से परेशान है वहीं दूसरी तरफ जानवरों में भी एक खतरनाक वायरस फैलने लगा है, जो अभी तक सैंकड़ों मवेशियों को लील चुका है। इस बीमारी से सबसे अधिक परेशान फिलहाल राजस्थान (Rajasthan) और गुजरात के पशुपालक हैं, जिनके कई मवेशी इस बीमारी के भेंट चढ़ चुके हैं। लम्पी त्वचा रोग (Lumpy Skin Disease) नामक यह बीमारी गाय, भैंस और बैल जैसे पालतू जानवरों को खास तौर पर निशाना बना रहा है।

गुजरात में सैंकड़ों मवेशियों की मौत

गुजरात के पशुपालन मंत्री राघवजी पटेल (Gujarat Animal Husbandry Minister Raghavji Patel) ने बताया कि लम्पी त्वचा रोग के कारण राज्य में 999 मवेशियों की मौत हो चुकी है। अभी तक 37 हजार संक्रमित मवेशियों का इलाज किया जा चुका है। इसके अलावा इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए 2.68 लाख पशुओं को टीका भी लगाया गया है। हालांकि, गुजरात सरकार ये बताने में असफल रही कि राज्य में इसका पहला मामला कब सामने आया था।

गुजरात के इन जिलों में फैला वायरस

गुजरात सरकार द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, पशुओं में तेजी से फैलने वाला लम्पी वायरस राज्य के 14 जिलों में अपने पैर पसार चुका है। प्रभावित जिले हैं – कच्छ, द्वारका, जामनगर, बनासकांठा, राजकोट, पोरबंदर, मोरबी, अमरेली, भावनगर, जूनागढ़, गिर सोमनाथ, बनासकांठा, सूरत, अमरेली और सुरेंद्रनगर।

राजस्थान में भी बरपा रहा कहर

पशुओं के लिए काल बने इस चर्मरोग (dermatitis) से राजस्थान के पशुपालक भी परेशान हैं। पशुपालकों का कहना है कि इस बीमारी से उनके पशुओं की दर्दनाक मौतें हो रही है। राजस्थान के बाड़मेर और आसपास के जिलों में कई पशुओं की मौत हो चुकी है। लेकिन सरकार की तरफ से इसके रोकथाम को लेकर कोई खास कदम नहीं उठाया गया है, जिससे किसानों में नाराजगी है। वहीं पशु विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जिले में नोडल अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि अपने इलाके में निरंतर निगरानी रखें।

बीमारी का लक्षण

डॉक्टरों का कहना है लम्पी त्वचा रोग होने पर सबसे पहले पशुओं को बुखार आता है। त्वचा पर गांठें और मुंह में छाले होने लगती है। पशु चरना-फिरना बंद कर देता है। सिर और गर्दन के हिस्सों में काफी दर्द रहता है। इस दौरान पशुओं में दूध देने की क्षमता भी कम हो जाती है। कमजोर पशु इससे अधिक समय तक झेल नहीं पाते हैं और उचिक इलाज के अभाव में प्राण त्याग देते हैं।

पशुपालक बरतें ये सावधानियां

पशु विशेषज्ञों का कहना है कि ये वायरस मच्छरों और मक्खियों से फैलता है। इसलिए पशुओं को रखने वाले स्थान को साफ रखें। जिन मवेशियों में इस वायरस का लक्षण दिखे, उसे तुरंत अन्य पशुओं से अलग कर दें, उसके खाने का इंतजाम भी अलग करें क्योंकि इनके संपर्क में आने से स्वस्थ पशु भी संक्रमित हो सकते हैं। इसके बाद पशु चिकित्सकों से परामर्श अवश्य लें।

Shashi kant gautam

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