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Consensual Relationship: एमपी हाईकोर्ट की केंद्र को बड़ी सलाह, सहमति से सेक्स की उम्र घटाएं

Consensual Relationship: ग्वालियर बैंच ने कहा कि वर्तमान में इंटरनेट के कारण बच्चे बहुत जल्दी विकसित और समझदार हो रहे हैं। उनके द्वारा उठाए गए कदम कई बार उनका भविष्य अंधकार कर देते हैं।

Krishna Chaudhary
Published on: 30 Jun 2023 11:25 AM GMT
Consensual Relationship: एमपी हाईकोर्ट की केंद्र को बड़ी सलाह, सहमति से सेक्स की उम्र घटाएं
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Madhya Pradesh High Court (Pic: Social Media)

Consensual Relationship: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सहमति से सेक्स बनाने की उम्र पर बड़ी टिप्पणी की है। एमपी हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने रेप से जुड़ी एक याचिका की सुनवाई करते हुए कहा कि इंटरनेट के कारण आज के दौर में किशोर बहुत जल्दी विकसित और समझदार हो रहे हैं। ऐसे में सहमति से यौन संबंध बनाने की उम्र को घटा दिया जाना चाहिए। पीठ ने केंद्र सरकार से मौजूदा उम्र 18 साल से घटाकर 16 साल करने पर विचार करने का अनुरोध किया है।

ग्वालियर बैंच ने कहा कि वर्तमान में इंटरनेट के कारण बच्चे बहुत जल्दी विकसित और समझदार हो रहे हैं। उनके द्वारा उठाए गए कदम कई बार उनका भविष्य अंधकार कर देते हैं। कई किशोर और नवयुवक पीड़ित लड़की जिसकी उम्र 18 साल से कम होती है, शारीरिक संबंध बना लेते हैं विपरीत सेक्स के प्रति आकर्षण के चलते लड़कों को ऐसे मामलों में दोषी मान लिया जाता है। जबकि वे नासमझी में ये कृत्य कर बैठते हैं। इसके बाद पुलिस उनके खिलाफ पॉक्सो एक्ट और रेप जैसे गंभीर अपराध दर्ज करती है। इस कारण कई किशोर अन्याय का शिकार हो जाते हैं।

एमपी हाईकोर्ट के ग्वालियर बैंच का यह बयान काफी अहम है। ऐसे में सरकार क्या दिशा में कोई पहल करती है देखने वाली बात होगी। बता दें कि दिल्ली के चर्चित निर्भया कांड के बाद ही आपसी सहमति से यौन संबंध बनाने की उम्र को 16 साल से बढ़ाकर 18 साल कर दिया गया था।

नाबालिग से रेप के आरोपी पर दर्ज एफआईआर रद्द

दरअसल, ग्वालियर के थाटीपुर थानाक्षेत्र के रहने वाले राहुल जाटव के खिलाफ 14 साल की नाबालिग लड़की के साथ रेप करने का मामला दर्ज हुआ था। पीड़िता उसके यहां कोचिंग पढ़ने आती थी। 17 जुलाई 2020 को इस मामले में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। तब से वह सलाखों के पीछे ही है। आरोपी राहुल जाटव के वकील राजमणि बंसल ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा कि दोनों के बीच संबंध आपसी सहमति से बने थे। ऐसे में उनके मुवक्किल को झूठा फंसाया गया है। उन्होंने जाटव के खिलाफ दर्ज एफआईआर को निरस्त करने की गुहार हाईकोर्ट से लगाई थी। सभी तर्कों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने राहुल जाटव के खिलाफ दर्ज एफआईआर को निरस्त कर दिया और केंद्र सरकार से आपसी सहमति से यौन संबंध बनाने की उम्र घटाने पर विचार करने को कहा है।

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