बाढ़ में सब डूबा! बस सबके प्यारे गांधी को नहीं होने दिया कुछ भी

बारिश के कहर से पूरा एमपी भीग गया है। सभी लोग इसकी वजह से बहुत परेशान हैं। लेकिन यह उन लोगों को देखकर समझा जा सकता है

Roshni Khan
Published on: 15 May 2023 10:14 AM GMT (Updated on: 15 May 2023 2:16 PM GMT)
बाढ़ में सब डूबा! बस सबके प्यारे गांधी को नहीं होने दिया कुछ भी
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भोपाल: बारिश के कहर से पूरा एमपी भीग गया है। सभी लोग इसकी वजह से बहुत परेशान हैं। लेकिन यह उन लोगों को देखकर समझा जा सकता है, जिन्होंने सरदार सरोवर बांध के पानी में असहाय होकर अपना सब कुछ डूबते देखा, लेकिन गांधी की प्रतिमा को बचाने के लिए अपनी जान दांव पर लगा दी। वाकया धार जिले के चिखल्दा गांव का है लगभग 3200 की आबादी वाले इस गांव में 1200 मकान हैं। इस गांव का बड़ा हिस्सा बारिश की वजह से डूब चूका है, वहीं गांधी का प्रतिमा स्थल भी धीरे-धीरे डूब रहा था। यह बात यहां के लोगों को नागवार गुजरी। लेकिन गांव के लोगों ने पानी के बीच जाकर गांधी की प्रतिमा को बचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

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"सरकार कुछ भी करे, बापू हमारे मार्गदर्शक और संरक्षक हैं''

Madhya Pradesh: People of flood-affected villages rescue Mahatma Gandhis statue

अंतर्राज्यीय परियोजना सरदार सरोवर बांध का जलस्तर 138.68 मीटर बढ़ाए जाने से मध्यप्रदेश के 192 गांव और एक नगर में लगातार बढ़ रहा है। इन्हीं में से एक, धार जिले के चिखल्दा गांव में बढ़ते पानी से जहां मकान, खेत जलमग्न हो रहे थे, वहीं गांधी की प्रतिमा भी धीरे-धीरे जलमग्न होने के करीब पहुंच रही थी। ऐसे में ग्रामीणों ने निर्णय लिया कि "सरकार कुछ भी करे, बापू हमारे मार्गदर्शक और संरक्षक हैं और उनकी प्रतिमा हमारे गांव की शान है। हम उनकी प्रतिमा की न तो बेइज्जती होने देंगे और न ही प्रतिमा को वहां से हटाएंगे। ऐसे में प्रतिमा स्तंभ को और ऊंचा कर बापू की प्रतिमा जलस्तर से ऊपर करने की जिम्मेदारी मोहन भाई (भवरिया) को सौंपी गई।"

नर्मदा बचाओ आंदोलन के अमूल्य निधि ने आईएएनएस को बताया कि गांव के मोहन भाई के साथ नौशाद मंसूरी, भारत मछुआरा, विनोद कुमार, टिक्कुब कैलाश, हरीश कैलाश और जुम्मा मुंशी ने गहरे पानी में जाकर लगभग दो क्विंटल वजनी प्रतिमा को स्तंभ से अलग किया और उसे ऊंचे उठाए रखने के साथ एक नया स्तंभ बनाकर मूर्ति को स्थापित किया।

जलस्तर 140 मीटर तक भी पहुंच गया तो भी नहीं डूबेगी मूर्ति

ऐसा बताया गया कि जब सरदार सरोवर बांध का 140 मीटर तक जलस्तर पहुंच जाएगा, तब भी गांधी की प्रतिमा नहीं डूबेगी। वर्तमान में बांध का जलस्तर 138.68 मीटर है। गांधी प्रतिमा के स्तंभ को लगभग पांच फुट ऊपर किया गया है। ज्ञात हो कि दो साल पहले बड़वानी जिले के राजघाट में जलस्तर बढ़ने पर 27 जुलाई, 2017 को उनकी समाधि को 'बड़ी बेइज्जती से उखाड़ कर' उनके भौतिक अवशेषों (साथ में महादेवभाई देसाई और कस्तूरबा के भी) को कचरा गाड़ी से ढोया गया था।

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सरदार सरोवर बांध पीड़ितों का कहना है कि एक तरफ देश में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती धूमधाम से मनाई जा रही है, उनके नाम पर प्रचार का सहारा लिया जा रहा है, लेकिन, सरकार न तो उनके विचारों की कद्र कर रही है और न ही उनकी स्मृतियों की और न उनकी प्रतिमाओं की। ऊंचे स्तर पर विराजित गांधी प्रतिमा को ग्रामीणों और आंदोलन की नेत्री मेधा पाटकर ने पुष्प अर्पित किए। इस दौरान चिखल्दा तथा अन्य स्थानों के कार्यकर्ता और ग्रामीणों ने संकल्प लिया कि "हम गांधी बापू के रास्ते पर चलते हुए अपने अधिकार की लड़ाई जारी रखेंगे। सरकार यदि अपने वादे से मुकरी तो संघर्ष कड़ा किया जाएगा।"

Roshni Khan

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