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....जब काम नहीं आई कोई योजना, किसानों के गुस्से को शांत करने सामने आया RSS
जबलपुर : मध्यप्रदेश में भाजपा के सबसे बड़े वोट बैंक किसानों में बढ़ी नाराजगी ने पार्टी के मार्गदर्शक संगठन आरएसएस को चिंता में डाल दिया है। यही कारण है कि आरएसएस ने संगठन और सरकार के प्रतिनिधियों के साथ शुक्रवार को जबलपुर में एक दिवसीय समन्वय बैठक बुलाने का फैसला किया है, जिसमें किसान आंदोलन से हुए नुकसान की भरपाई पर विचार-विमर्श होगा। पिछले महीने हुए किसान आंदोलन और मंदसौर में पुलिस कार्रवाई में छह किसानों की मौत हो जाने से भाजपा और राज्य की शिवराज सरकार के प्रति किसानों में गुस्सा बढ़ा है।
जगह-जगह किसान सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार ने आठ रुपये किलो प्याज खरीदने से लेकर मूंग व उड़द की दल तक समर्थन मूल्य पर खरीदने का ऐलान कर दिया है, फिर भी किसान गुस्से में हैं। जो किसान कर्ज से परेशान हैं, वे आत्महत्या किए जा रहे हैं। 24 दिनों में 42 किसान आत्महत्या कर चुके हैं।
भाजपा सूत्रों के अनुसार, किसानों के गुस्से से लेकर पार्टी के खिलाफ बन रहे माहौल को समझने के लिए आरएसएस के 'महाकौशल प्रांत' के पदाधिकारियों के अलावा भाजपा प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान, संगठन मंत्री सुहास भगत, सरकार राज्य की ओर से तीन मंत्री जिनमें कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन, वित्तमंत्री जयंत मलैया और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री कुसुम महदेले के साथ एक बैठक बुलाई है। यह बैठक विजयनगर स्थित अग्रसेन मंडप में होने जा रही है।
सूत्रों का कहना है कि संघ संगठन और सरकार के मंत्रियों के साथ बैठक में इस तरह की रणनीति बनाने की कोशिश करेगा, जिससे सरकार के खिलाफ माहौल बनना रुक सके।
दरअसल, मंदसौर गोलीकांड के बाद विपक्षी कांग्रेस ने अपना धर्म निभाते हुए पूरे प्रदेश में सरकार के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है, वहीं देश के 130 किसान संगठनों ने मिलकर मंदसौर से गुरुवार को किसान मुक्ति यात्रा शुरू की है, जो कई राज्यों से होकर दिल्ली तक जाएगी और इसमें शामिल किसान शिवराज राज की हकीकत देश को बताएंगे।