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Mahakal Lok in Ujjain: उज्जैन में "महाकाल लोक", प्रोजेक्ट का पहला चरण पूरा

Mahakal Lok in Ujjain: महाकाल मंदिर कॉम्प्लेक्स अब "महाकाल लोक", कहलायेगा। महाकाल मंदिर परिसर को भव्य रूप देने के लिए महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट का पहला चरण पूरा हो गया है।

Neel Mani Lal
Published on: 27 Sept 2022 9:15 PM IST
MP Mahakal Lok News
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MP Mahakal Lok News (image social media)

Mahakal Lok in Ujjain: महाकाल मंदिर कॉम्प्लेक्स अब "महाकाल लोक", कहलायेगा। महाकाल मंदिर परिसर को भव्य रूप देने के लिए महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट का पहला चरण पूरा हो गया है। मध्य प्रदेश के उज्जैन में महा काल कॉम्प्लेक्स परियोजना का पहला चरण पूरा हो गया है। राज्य मंत्रिमंडल ने आज हुई बैठक में इस परिसर का नाम 'महाकाल लोक' रखने का फैसला किया। बैठक की प्रतीकात्मक रूप से अध्यक्षता भगवान महाकाल ने की, जिन्हें स्थानीय लोग राजा मानते हैं।

बैठक शुरू होने से पहले मंत्रियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि महाकाल परिसर में पर्यटकों और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कई कार्य पूरे किए जा चुके हैं। सीएम ने कहा, 'यह हमारे लिए गर्व की बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर को परिसर के पहले चरण का उद्घाटन करेंगे। उन्होंने कहा कि मंदिर के पूरे महाकाल परिसर के हिस्से को आकर्षक ढंग से सजाया गया है। मंदिर के पास स्थित रुद्र सागर तालाब को पुनर्जीवित किया गया है।

शिवराज सिंह चौहान ने देश, प्रदेश और सब लोगों के सुख-समृद्धि की भी प्रार्थना की और कहा कि महाकाल महाराज उज्जैन के राजा हैं और हम उनके सेवक हैं। सीएम ने कहा कि उज्जैन में महाकाल महाराज के जुलूस के साथ पुलिस बैंड भी होता है। अब एक विशेष महाकाल पुलिस बैंड का गठन किया जाएगा, जिसका उपयोग विभिन्न त्योहारों पर किया जाएगा। इसके लिए 36 नए पद सृजित किए जाएंगे । उन्होंने कहा कि यह सभी के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। पिछले सिंहस्थ (2016) के बाद, महाकाल परिसर को व्यापक रूप से विकसित करने का विचार आया था।

इसके लिए 2017 में समाज के सभी वर्गों के सहयोग से परिसर के विस्तार की योजना बनाई गई थी। पहले चरण के लिए 2018 में निविदाएं आमंत्रित की गई थीं। शिवराज सिंह ने कहा कि बाद में, सरकार बदलने के कारण, काम को निलंबित कर दिया गया था, लेकिन हमने वर्ष 2020 में उज्जैन का दौरा किया और विस्तार से काम की समीक्षा की। परिसर विस्तार के प्रथम चरण में 351 करोड़ रुपये के कार्य पूरे हो चुके हैं। सीएम ने कहा कि दूसरे चरण में 310.22 करोड़ रुपये का काम किया जाएगा।

परिसर के विस्तार के कार्य में कई मकान विस्थापित हुए और 150 करोड़ रुपये की लागत से पुनर्वास कार्य कराया गया। रुद्रसागर के पुनरुद्धार के कारण क्षिप्रा नदी का पानी भक्तों के उपयोग के लिए इसमें रखा जाएगा। मंदिर के लिए एक विशेष 'महाकाल पथ' का निर्माण किया गया है। इसे प्रकाश और ध्वनि व्यवस्था से सुसज्जित किया गया। नर्मदा नदी का पानी हमेशा क्षिप्रा नदी में प्रवाहित होगा, यह सुनिश्चित करने के लिए सैद्धांतिक निर्णय लिया गया है। फैक्ट्रियों से दूषित पानी को डायवर्ट करने का काम किया जा रहा है। क्षिप्रा नदी के किनारे रिवरफ्रंट भी विकसित किया जाएगा, जो उज्जैन को एक अलग लुक देगा।



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Prashant Dixit

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