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Mahalakshmi Murder Case: महालक्ष्मी के 59 टुकड़ों के कातिल ने क्यों की आत्महत्या? सुसाइड नोट में बताई क़त्ल की पूरी कहानी

महालक्ष्मी के 59 टुकड़े के कातिल मुक्ति रंजन ने की आत्महत्या | Mahalakshmi murderer | Mukti Ranjan Suicide | Newstrack News

Sonali kesarwani
Published on: 26 Sept 2024 2:20 PM IST
Mahalakshmi Murder Case
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महालक्ष्मी के 59 टुकड़ों की कहानी

Mahalakshmi Murder Case: कर्नाटक के बेंगलुरु में 3 सितंबर की शाम वायलिकावल इलाके में कुछ ऐसा हुआ जिसका अंदाजा कोई कभी नहीं लगा सकता था। यहाँ फ्लैट पर 29 साल की सेल्सवूमन महालक्ष्मी की लाश टुकड़ों में कटी हुई फ्रिज में पड़ी थी। पहले तो किसी को कुछ नहीं पता था कि उस फ्लैट में ऐसा कुछ हुआ है। कुछ दिन तक जब महालक्ष्मी का कोई कॉल नहीं आया और न कोई जानकारी मिली तब महालक्ष्मी की मां मीना राणा महालक्ष्मी की जुड़वा बहन के साथ फ्लैट पर आ गई। और 21 सितंबर को जैसे ही उन्होंने फ्लैट का दरवाजा खोला उनके होश उड़ गए।

महालक्ष्मी की मां मीना राणा और जुड़वाँ बहन ने देखा कि पूरे कमरे में खून धब्बे, छोटे-छोटे मांस के टुकड़े और सामान बिखरा पड़ा था। बदबू इतनी कि वहां खड़ा रह पाना भी मुश्किल हो रहा था। दोनों ने देखा कि खून के धब्बे फ्रिज के पास जाकर खत्म हो रहे हैं। तभी मां फ्रिज के पास गईं। और जैसे ही उन्होंने फ्रिज का दरवाजा खोला उनके तो पैरो तले जमीन खिसक गई। फ्रिज के अंदर टुकड़ों में इंसानी लाश पड़े थे। और निचे महालक्ष्मी का कटा हुआ सिर रखा था। माँ और बहन के चिल्लाने की आवाज सुनकर आस- पड़ोस के लोग भी तुरंत कमरे में आ गए।

महालक्ष्मी के परिवार की तरफ से तुरंत पुलिस को इसकी सूचना देकर बुलाया गया। पुलिस जब वहां आई तो बदबू इतनी ज्यादा थी कि खड़े हो पाना मुश्किल हो रहा था। तुरंत फोरेंसिक टीम को जांच के लिए बुलाया गया। मदद के लिए पोस्टमार्टम हाउस से कुछ लोगों को बुलाया गया। शव के कुल 59 टुकड़े पुलिस को मिले। मौके से सबूतों को इकठ्ठा किया गया। उसके बाद पुलिस पूरे मामले की जांच शुरू करती है। सबसे बड़ा सवाल यही था कि कौन है महालक्ष्मी का कातिल?


महालक्ष्मी की माँ का बयान

पुलिस इस पूरे मामले की जांच के लिए सबसे पूछताछ करना शुरू करती है। पूछताछ में महालक्ष्मी की माँ मीणा ने बताया कि वो मूल रूप से नेपाल की निवासी। लेकिन 35 साल पहले कमाने के लिए पति चरण सिंह के साथ बंगलुरु आ गए थे। यही पर महालक्ष्मी और उसकी जुड़वाँ बहन का जन्म भी हुआ। महालक्ष्मी की शादी हेमंत दास से कराई गई थी जो नेलमंगला इलाके में रहता था। वो मोबाइल रिपेयर की दुकान चलाता है। दोनों को उनकी शादी से एक बेटी भी हुई है। लेकिन 2023 में महालक्ष्मी और हेमंत के बीच दूरियां आ गईं। दोनों अलग हो गए। महालक्ष्मी फिर वायलिकावल इलाके में आकर रहने लगी। महालक्ष्मी की माँ ने आगे बताया कि वो हर 15- 20 दिन में उससे मिलने आती रहती थी।

महालक्ष्मी के पति हेमंत का बयान

पुलिस को पूछताछ से पहले हेमंत पर भी शक था। क्योकि महालक्ष्मी ने इससे पहले अपने पति पर मारपीट का आरोप लगाया था। लेकिन जब पुलिस पूछताछ के लिए गई तो कुछ अलग ही कहानी निकल के आई। हेमंत ने पुलिस को बताया कि साहब मेरी पत्नी का अशरफ नाम के हेयर ड्रेसर के साथ अफेयर चल रहा था। अशरफ उसे अक्सर घर लेने और बाइक पर छोड़ने भी आया करता था। उसी ने महालक्ष्मी की हत्या की होगी।


अशरफ से पुलिस की पूछताछ

हेमंत के बयान के बाद पुलिस अशरफ की तलाश में जुट गई थी। अशरफ बेंगलुरु में ही था और अपने काम पर था। पुलिस उसे पूछताछ के लिए थाने लाई। वहां अशरफ से पुलिस ने लंबी पूछताछ की। बाद में 20 दिनों में उसकी लोकेशन, कॉल डिटेल रिकॉर्ड और चश्मदीदों की गवाही के बाद पुलिस ने अशरफ को छोड़ दिया। इससे बाद पुलिस सीसीटीवी कैमरे को खंगाला शुरू करती है। तब एक फुटेज में यह पता चलता है कि 2 सिंतबर की रात को दो लोग स्कूटी से महालक्ष्मी के घर आये थे। फुटेज में उनका चेहरा तो नहीं दिखा लेकिन अब आरोपी कोई और था इतना पुलिस को आईडिया लग गया था।

कातिल के भाई ने खोली गुत्थी

महालक्ष्मी के कातिल को ढूंढने में पुलिस जोरो शोर से लगी थी तभी कातिल का भाई पुलिस के हाथ लग गया। और जिस कातिल की पुलिस को तलाश थी, उसका परिवार भी मुंबई में रहता है। कातिल के एक भाई तक बेंगलुरु पुलिस पहुंची। कातिल के भाई ने पुलिस को बताया कि महालक्ष्मी के कत्ल के बाद उसके भाई ने खुद उसे ये बताया था कि उसने महालक्ष्मी की हत्या कर दी है।

महालक्ष्मी का कातिल निकला मुक्ति रंजन

आखिरकार पुलिस को महालक्ष्मी के कातिल का पता चल ही गया। जिसका नाम था मुक्ति रंजन। अब पुलिस ने केस की इन्वेस्टिगेशन काफी तेज कर दी थी। क्योकि पुलिस के मन में काफी सवाल थे। फिर पुलिस को यह पता चला कि मुक्ति रंजन इस समय ओडिशा में है। लेकिन जब तक पुलिस उसके पास पहुँच पाती उससे पहले ही खबर मिलती है कि मुक्ति रंजन ने 25 सितंबर को भद्रक शहर में आत्महत्या कर लिया है। पुलिस जब वहां पहुँचती है तो उन्हें वहां एक डायरी और डेथ नोट मिला।


मुक्ति रंजन ने सुसाइड नोट में क्या लिखा था?

मुक्ति रंजन ने अपने डेथ नोट में लिखा- “मैंने 3 सितंबर को महालक्ष्मी की हत्या कर दी थी। उस दिन मैं महालक्ष्मी के घर गया था। हमारी किसी बात पर बहस हुई। तब महालक्ष्मी ने मुझपर हमला कर दिया। यह बात मुझे पसंद नहीं आई और गुस्से में मैंने उसे मार डाला। फिर मैंने उसकी लाश के 59 टुकड़े किए और उन्हें फ्रिज में डालकर वहां से भाग गया। मैंने कमरा साफ करने की कोशिश भी की थी ताकि लोगों को बदबू न आए। महालक्ष्मी का व्यवहार मुझे बिल्कुल भी पसंद नहीं था। मुझे बाद में हत्या का पछतावा जरूर हुआ। क्योंकि गुस्से में मैंने जो कुछ भी किया वो गलत था। मैं डर गया था इसलिए यहां भाग आया।”

मुक्ति रंजन सुसाइड से पहले गया था घर

मुक्ति रंजन ओडिशा के फंडी गांव का रहने वाला था। वो बंगलौर में एक कपड़े की दुकान में काम करता था। आत्महत्या के एक दिन पहले यानी 24 सितंबर को वो अपने घर आया था। वहां वो कुछ देर घर पर रुका और रात को स्कूटी बाइक से बाहर चला गया। इस बार वह अपना लैपटॉप लेकर चला गया और उसके बाद वह कहां गया किसी को नहीं पता। और अगले दिन उसकी लाश में कुलेपाड़ा नामक कब्रिस्तान में लटका हुआ मिला। तो इस तरह से महालक्ष्मी के 59 टुकड़ों की गुत्थी सुलझती है।

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