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Maharashtra: शिवसेना में टूट पर अजित पवार का बड़ा खुलासा, विधायकों की नाराजगी से बेखबर थे उद्धव ,आगाह करने पर भी नहीं चेते

Maharashtra: अजित पवार का कहना है कि उद्धव ठाकरे को अपने विधायकों पर जरूरत से ज्यादा भरोसा था और उनका यह भरोसा ही महाविकास अघाड़ी गठबंधन की सरकार के लिए भारी पड़ गया।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 4 Feb 2023 10:59 AM IST
Ajit Pawar
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Ajit Pawar (photo: social media )

Maharashtra: एनसीपी के वरिष्ठ नेता और उद्धव सरकार में डिप्टी सीएम रहे अजित पवार ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि मैंने तत्कालीन मुख्यमंत्री और शिवसेना के मुखिया उद्धव ठाकरे को पहले ही उनकी पार्टी में बगावत के प्रति आगाह कर दिया था मगर फिर भी उद्धव ठाकरे सतर्क नहीं हुए।

उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे को अपने विधायकों पर जरूरत से ज्यादा भरोसा था और उनका यह भरोसा ही महाविकास अघाड़ी गठबंधन की सरकार के लिए भारी पड़ गया। उन्होंने कहा कि यदि उद्धव ठाकरे ने समय रहते कदम उठाए होते तो आज स्थितियां कुछ दूसरी होतीं।

उद्धव को था विधायकों पर भरोसा

पवार ने शुक्रवार को कहा कि मुझे शिवसेना में बढ़ती नाराजगी का एहसास पहले ही हो गया था और इसी कारण मैंने उद्धव ठाकरे को सतर्क कर दिया था। शिवसेना में टूट से पहले ही मैंने उद्धव को इस बात की जानकारी दे दी थी कि उनकी पार्टी के विधायकों में नाराजगी बढ़ती जा रही है जो बाद में टूट का कारण बन सकती है। मैंने इस संबंध में उद्धव को एक बार नहीं बल्कि दो-तीन बार आगाह किया था मगर उन्हें अपने विधायकों पर जरूरत से ज्यादा भरोसा था।

राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा कि उद्धव ने अपने विधायकों की नाराजगी का कारण जानने की कोई कोशिश नहीं की। शिवसेना विधायकों की बगावत को रोकने के लिए उन्होंने कोई ठोस कदम नहीं उठाया जिसका खामियाजा बाद में हमारी सरकार को भुगतना पड़ा।

टूट रोकने के लिए नहीं किया कोई प्रयास

मीडिया से बातचीत के दौरान पवार ने कहा कि 15-16 विधायकों के पहले जत्थे के शिवसेना से अलग होने के बाद अन्य विधायकों को एकजुट रखने की जरूरत थी,लेकिन उद्धव और उनके करीबी नेताओं की ओर से इस दिशा में कोई प्रयास नहीं किया गया। इस कारण विधायकों में इस तरह की भावना पैदा हुई कि जो पार्टी छोड़ना चाहता है, वह पार्टी छोड़ने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र है। उन्होंने कहा कि सच्चाई तो यह है कि उद्धव समेत शिवसेना के अन्य नेताओं को विधायकों के इस बागी तेवर का आभास ही नहीं था। उन्होंने अपने विधायकों पर जरूरत से ज्यादा भरोसा कर रखा था और यह भरोसा ही उद्धव सरकार और शिवसेना के लिए काफी महंगा साबित हुआ।

पवार ने कहा कि मैं तो अभी भी इस बात को लेकर काफी हैरान हूं कि आखिरकार उद्धव ठाकरे पार्टी में बढ़ रही नाराजगी से इतने बेखबर क्यों थे। आखिर उन्होंने पार्टी की बगावत को रोकने की दिशा में कदम क्यों नहीं उठाया। यदि उन्होंने समय रहते कोशिश की होती तो आज शिवसेना की दूसरी स्थिति होती।

बगावत के बाद गिर गई थी उद्धव सरकार

उल्लेखनीय है कि शिवसेना में पिछले साल हुई बगावत के कारण उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। पार्टी के 39 विधायकों ने उनके खिलाफ बागी तेवर अपना लिया था और बाद में भाजपा के साथ मिलकर राज्य में शिंदे सरकार का गठन हुआ था। पार्टी में टूट के समय एकनाथ शिंदे ने आरोप लगाया था कि उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा से समझौता कर लिया है। इस कारण ही पार्टी विधायक बगावत करने के लिए मजबूर हो गए।

पहले भी इस तरह की खबरें सामने आ चुकी हैं कि उद्धव ठाकरे को पार्टी के विधायकों में बढ़ रही नाराजगी का एहसास ही नहीं था। वे पार्टी की एकजुटता के प्रति निश्चिंत बने हुए थे और इनका यह भरोसा ही पार्टी के लिए काफी महंगा पड़ा। अब शिवसेना में दो गुट बन चुके हैं और पार्टी के सिंबल की लड़ाई चुनाव आयोग में चल रही है। माना जा रहा है कि जल्द ही इस बाबत आयोग की ओर से फैसला लिया जा सकता है।



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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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