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Maharashtra Election 2024: कांग्रेस और उद्धव गुट के बीच जमकर तकरार, सीट बंटवारे की गुत्थी उलझी

Maharashtra Election 2024: अब सभी की निगाहें एनसीपी के मुखिया शरद पवार पर टिकी हुई हैं क्योंकि कांग्रेस और उद्धव गुट दोनों इस मुद्दे को सुलझाने के लिए पवार की अदालत में पहुंच गए हैं।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 21 Oct 2024 8:28 AM IST
Uddhav Thackeray, Rahul Gandhi
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Uddhav Thackeray, Rahul Gandhi (photo: social media )

Maharashtra Election 2024: महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने 99 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है मगर महाविकास अघाड़ी गठबंधन में अभी तक सीट बंटवारे का मुद्दा नहीं सुलझ पाया है। प्रदेश की कई सीटों को लेकर कांग्रेस और शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट में खींचतान बनी हुई है। सीट बंटवारे का मुद्दा सुलझाने के लिए मुंबई के एक होटल में चली दस घंटे लंबी बैठक के दौरान भी कोई सहमति नहीं बन सकी।

अब सभी की निगाहें एनसीपी के मुखिया शरद पवार पर टिकी हुई हैं क्योंकि कांग्रेस और उद्धव गुट दोनों इस मुद्दे को सुलझाने के लिए पवार की अदालत में पहुंच गए हैं। विदर्भ की कुछ सीटों को लेकर कांग्रेस के रवैए से उद्धव गुट काफी नाराज है और इसकी शिकायत कांग्रेस हाईकमान से भी की गई है। ठाकरे गुट ने आगे की रणनीति पर चर्चा करने के लिए उद्धव ठाकरे के आवास मातोश्री पर आपात बैठक भी की है। ठाकरे गुट की ओर से कांग्रेस पर अड़ियल रवैया अपनाने का आरोप भी लगाया जा रहा है।

हरियाणा की हार के बावजूद तनातनी बरकरार

चुनाव आयोग की ओर से घोषित किए गए कार्यक्रम के मुताबिक महाराष्ट्र में 20 नवंबर को एक ही चरण में मतदान होना है। मतदान में अब एक महीने से कम का वक्त होने के कारण महाविकास अघाड़ी गठबंधन में शामिल तीनों दलों कांग्रेस, शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट और एनसीपी के शरद पवार गुट की चिंताएं बढ़ती जा रही हैं। भाजपा की ओर से 99 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी किए जाने के बाद महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन की चुनौतियां और बढ़ गई हैं।

हालांकि हरियाणा की हार से अचंभित कांग्रेस महाराष्ट्र में सहयोगी दलों को नाराज नहीं करना चाहती। हरियाणा की हार के बाद कड़ी कांग्रेस की ओर से काफी फूंक-फूंक कर कदम रखा जा रहा है। हरियाणा में आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन न हो पाने के कारण कई सीटों पर कांग्रेस को करारा झटका लगा था। पार्टी अब वही कहानी महाराष्ट्र में नहीं दोहराना चाहती है।

उल्लेखनीय बात यह भी है कि कांग्रेस हाईकमान की ओर से पार्टी की प्रदेश इकाई को भी कड़ी हिदायत दी गई है कि पार्टी हरियाणा की गलती महाराष्ट्र में नहीं दोहराना चाहती। इसके बावजूद ठाकरे की शिवसेना और कांग्रेस के बीच तनातनी का माहौल बना हुआ है।

विदर्भ और मुंबई की सीटों को लेकर फंसा पेंच

महाविकास अघाड़ी गठबंधन से जुड़े सूत्रों का कहना है कि महाराष्ट्र की अधिकांश सीटों पर तीनों दलों के बीच तालमेल हो गया है मगर विदर्भ की कुछ सीटों को लेकर कांग्रेस और उद्धव ठाकरे गुट के बीच सहमति नहीं बन पा रही है। मुंबई के एक होटल में गठबंधन की करीब 10 घंटे तक चली बैठक के दौरान इस मुद्दे पर गहराई से चर्चा की गई मगर अंतिम सहमति नहीं बन सकी।

सूत्रों का कहना है कि विदर्भ के अलावा मुंबई की कुछ सीटों को लेकर भी अभी खींचतान बनी हुई है। ठाकरे गुट का कहना है कि विदर्भ और मुंबई की सीटों को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले अड़ियल रवैया अपनाए हुए हैं जिसके कारण सीटों के बंटवारे का अभी तक ऐलान नहीं किया जा सका है।

उद्धव गुट ने भी दिखाए आक्रामक तेवर

विदर्भ की कई सीटों को लेकर कांग्रेस के अड़ जाने के बाद उद्धव गुट ने भी आक्रामक तेवर अपना लिया है। उद्धव गुट का कहना है कि कांग्रेस के रुख में तनिक भी लचीलापन नहीं दिख रहा है जिसके कारण सीटों की गुत्थी उलझी हुई है। उद्धव ठाकरे गुट की ओर से मातोश्री पर पार्टी नेताओं की आपात बैठक की गई है। हालांकि अभी तक इस बात का खुलासा नहीं हो सका है कि इस बैठक में क्या चर्चा हुई है। जानकारों का कहना है कि इस बैठक के दौरान इस बात पर चर्चा की गई है कि महाविकास अघाड़ी गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर आगे बातचीत की जाए या नहीं।

कांग्रेस प्रभारी ने की मनाने की कोशिश

उद्धव गुट की ओर से आक्रामक तेवर दिखाए जाने के बाद कांग्रेस के महाराष्ट्र प्रभारी रमेश चेन्निथल्ला मातोश्री पहुंचे। सूत्रों के मुताबिक चेन्निथल्ला ने उद्धव गुट के नेताओं के साथ सीट बंटवारे पर चर्चा की है और उनकी नाराजगी दूर करने का प्रयास किया है। वैसे महाविकास अघाड़ी गठबंधन की ओर से एकजुटता का संदेश दिया जा रहा है ताकि मतदाताओं के दिलो दिमाग में किसी प्रकार के भ्रम की स्थिति न पैदा हो। कांग्रेस और उद्धव गुट दोनों के नेता किसी भी प्रकार का मतभेद होने की बात से इनकार कर रहे हैं।

शरद पवार से विवाद सुलझाने की आस

अब दोनों दल एनसीपी के मुखिया शरद पवार के पास पहुंचे हैं ताकि उनसे चर्चा करके सीट बंटवारे के विवाद को सुलझाया जा सके। कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने शरद पवार से लगातार संपर्क बनाए रखा है तो दूसरी ओर उद्धव गुट के कई नेताओं ने पवार से मुलाकात की है। शरद पवार से मुलाकात करने वाले नेताओं में पूर्व मंत्री अनिल परब और उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे भी शामिल हैं।

शिवसेना नेताओं की ओर से तर्क दिया जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी ने रामटेक और अमरावती सीट कांग्रेस को दे दी थी। ऐसे में विधानसभा चुनाव के दौरान उद्धव गुट को ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने का मौका दिया जाना चाहिए। उद्धव गुट की ओर से विदर्भ की 12 सीटों की डिमांड की जा रही है।

इसके पीछे पार्टी का तर्क यह है कि इन सभी सीटों पर एमवीए का कोई विधायक नहीं है और ऐसे में इन सीटों पर अब उद्धव गुट को चुनाव लड़ने का मौका दिया जाना चाहिए।। दूसरी ओर कांग्रेस इन सीटों पर अपनी दावेदारी छोडने के लिए कतई तैयार नहीं है। पार्टी की ओर से नासिक पश्चिम सीट पर भी दावा किया जा रहा है।

कांग्रेस को मामला सुलझ जाने की उम्मीद

सियासी जानकारों का कहना है कि लगातार बढ़ते तनाव के बीच अब सबकी निगाहें दिल्ली में गांधी परिवार और शरद पवार पर टिकी हुई हैं। कहा जा रहा है कि अब कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के दखल देने के बाद ही यह मामला सुलझ सकता है। पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे ने अभी हाल में बयान दिया था कि महाविकास अघाड़ी गठबंधन में तनाव और मतभेद इतना ज्यादा नहीं बढ़ना चाहिए कि गठबंधन ही टूट जाए।

उद्धव ठाकरे गुट की ओर से गठबंधन की बैठक में वार्ता करने वाले राज्यसभा सांसद संजय राउत ने भी कड़ा तेवर अपना रखा है। हालांकि कांग्रेस की ओर से बातचीत के जरिए मामला सुलझ जाने का दावा किया गया है। पार्टी के प्रदेश प्रभारी चेन्निथल्ला ने दावा किया है कि गठबंधन पूरी मजबूती के साथ एकजुट होकर चुनाव लड़ेगा और सीटों के विवाद को जल्द ही सुलझा लिया जाएगा।



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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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