Maharashtra में अब औरंगजेब के मकबरे पर विवाद, मनसे की ध्वस्त करने की मांग पर गरमाई सियासत

Maharashtra Aurangzeb tomb controversy: मनसे की मांग को देखते हुए एक बार फिर माहौल गरमा गया है और मकबरे के बाहर पुलिस की तैनाती कर दी गई है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Monika
Published on: 18 May 2022 2:49 AM GMT
Aurangzeb tomb controversy
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महाराष्ट्र में अब औरंगजेब के मकबरे पर विवाद (photo: social media )

Maharashtra Aurangzeb Controversy: महाराष्ट्र में चल रहे हनुमान चालीसा विवाद के बीच अब औरंगजेब के मकबरे को लेकर नया विवाद पैदा हो गया है। राज्य की मस्जिदों से लाउडस्पीकर न उतारने पर हनुमान चालीसा का पाठ करने की चेतावनी देने वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने अब औरंगजेब के मकबरे (Aurangzeb tomb controversy)के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मनसे की ओर से इसे ध्वस्त करने की मांग करने के बाद राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन सतर्क हो गया है।

मनसे की मांग को देखते हुए एक बार फिर माहौल गरमा गया है और मकबरे के बाहर पुलिस की तैनाती कर दी गई है। मकबरे में पर्यटकों के प्रवेश पर भी पाबंदी लगा दी गई है। हिंदुत्व के एजेंडे पर लगातार घिरती जा रही शिवसेना के लिए औरंगजेब के मकबरे का मुद्दा नई मुसीबत पैदा करने वाला साबित हो रहा है। भाजपा ने भी इस मुद्दे पर हमलावर रुख अपना रखा है। इससे उद्धव सरकार की मुसीबतें और बढ़ गई हैं।

ओवैसी के दौरे के बाद पैदा हुआ विवाद

दरअसल औरंगजेब का मकबरा पिछले दिनों तब चर्चा में आया था जब एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी के भाई अकबरुद्दीन ओवैसी इस मकबरे पर पहुंचे थे। उनके इस दौरे के बाद राज्य का सियासी तापमान बढ़ गया था। भाजपा की ओर से इस मुद्दे पर हमला किए जाने के बाद शिवसेना रक्षात्मक मुद्रा में आ गई थी। हालांकि शिवसेना ने भी इस पर आपत्ति जताते हुए ओवैसी के औरंगजेब के मकबरे पर जाने की आलोचना की थी।

अब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने इस मकबरे को गिराने की मांग उठाकर राज्य सरकार को घेरा है। मनसे के प्रवक्ता गजानन काले ने मकबरे के संबंध में शिवसेना के संस्थापक बाला साहब ठाकरे के बयान की याद दिलाई है। उन्होंने कहा कि ठाकरे ने सामना में खुद कहा था कि औरंगजेब के मकबरे को गिरा दिया जाना चाहिए। राज्य में शिवसेना की ही सरकार है और ऐसे में अभी तक इस मकबरे का अस्तित्व क्यों बचा हुआ है।

औरंगजेब की प्रताड़ना की याद दिलाई

मनसे के प्रवक्ता ने इतिहास की चर्चा करते हुए कहा कि मुगल सम्राट औरंगजेब ने छत्रपति शिवाजी के पुत्र संभाजी राजे को काफी बेरहमी से प्रताड़ित किया था। औरंगजेब ने मराठी समाज के स्वराज को कुचलने की कोशिश की थी और महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ उद्धव सरकार इस मकबरे की सुरक्षा में जुटी हुई है।

मनसे नेता ने कहा कि इस मकबरे को सुरक्षा प्रदान करना हमारे घावों पर नमक छिड़कने की तरह है। औरंगजेब को लेकर हम अब भी उसी रुख पर कायम हैं और इस मकबरे के अस्तित्व को बचाने का कोई तुक नहीं है। मनसे की ओर से यह मांग उठाए जाने के बाद अब उद्धव सरकार की मुसीबतें और बढ़ गई हैं।

भाजपा का भी हमलावर रुख

भाजपा के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी पिछले दिनों इस मुद्दे को लेकर उद्धव सरकार पर बड़ा हमला बोला था। उनका कहना था कि एआईएमआईएम के नेता ओवैसी का औरंगजेब के मकबरे पर जाकर श्रद्धांजलि देना शर्म की बात है। उनका कहना था कि औरंगजेब की पहचान पर कोई कुत्ता भी पेशाब नहीं करेगा। मुंबई में भाजपा की ओर से आयोजित महा संकल्प सभा में उन्होंने इस मुद्दे को जोरदार ढंग से उठाते हुए उद्धव सरकार को घेरा था।

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में हनुमान चालीसा का पाठ करने पर गिरफ्तारी की जाती है मगर औरंगजेब के मकबरे पर जाने वालों के खिलाफ एफआईआर तक नहीं दर्ज की जाती। उनका कहना था कि शिवसेना ने अपने संस्थापक बाला साहब ठाकरे के विचारों को ही त्याग दिया है।

बाला साहब ठाकरे ने कभी नहीं सोचा होगा कि उनके बेटे के शासनकाल में हनुमान चालीसा पढ़ना ही देशद्रोह बन जाएगा। दूसरी ओर औरंगजेब की कब्र पर जाने को शिवसेना की ओर से राजकीय शिष्टाचार बताया जा रहा है।

हिंदुत्व के एजेंडे पर घिरी उद्धव सरकार

महाराष्ट्र में कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार चला रहे उद्धव ठाकरे सियासी मजबूरियों के चलते हिंदुत्व की पिच पर लगातार घिरते जा रहे हैं। भाजपा और मनसे ने शिवसेना की सियासी मजबूरियों को समझते हुए हिंदुत्व के मुद्दे पर को और धारदार बनाने की कोशिशें शुरू कर दी हैं।

भाजपा की ओर से आयोजित महा संकल्प सभा में हनुमान चालीसा का पाठ भी किया गया था। अब मनसे की ओर से औरंगजेब के मकबरे को ध्वस्त करने की मांग उठाकर उद्धव सरकार को घेरने की कोशिश की गई है। मनसे की यह मांग राज्य सरकार की मुसीबत बढ़ाने वाली है। अभी तक शिवसेना के किसी बड़े नेता की ओर से इस मुद्दे पर कोई जवाब नहीं दिया गया है।

Monika

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पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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