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Maharashtra Budget से पहले ही शुरू हो गया विपक्ष का हाय तौबा, संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस से कर गए किनारा
Maharashtra Budget:उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि बजट सत्र से पहले आज विपक्ष बैठक में शामिल नहीं हुआ। विपक्ष ने हमें एक पत्र भेजा है। हम निश्चित रूप से इस सत्र को सुचारू रूप से चलाने की कोशिश करेंगे।
Maharashtra Budget Session
Maharashtra Budget: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजीत पवार ने कल यानी 3 मार्च से शुरू हो रहे महाराष्ट्र बजट सत्र से पहले एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जिसमें विपक्ष ने शिरकत नहीं किया। इस पर सत्ता पक्ष ने विपक्ष पर निशाना साधा है।
उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि बजट सत्र से पहले आज विपक्ष बैठक में शामिल नहीं हुआ। विपक्ष ने हमें एक पत्र भेजा है। हम निश्चित रूप से इस सत्र को सुचारू रूप से चलाने की कोशिश करेंगे।
अजीत पवार पेश करेंगे महाराष्ट्र का बजट
उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि यह हमारी सरकार का दूसरा सत्र है। केवल हमने यानी सीएम देवेंद्र फडणवीस और मैंने भूमिकाएं बदली हैं। लेकिन हां, अजीत दादा की भूमिका स्थिर है। हमने कई परियोजनाएं शुरू की हैं जिन्हें MVA सरकार ने रोक दिया था। अजीत दादा महाराष्ट्र का बजट पेश करेंगे। चाहे आप कितनी भी ब्रेकिंग न्यूज़ दें, हम यानी महायुति नहीं टूटेंगे।
महाराष्ट्र में गर्मी है शीत युद्ध की गुंजाइश ही नहीं
महायुति के भीतर क्या शीत युद्ध जैसी स्थिति है? सवाल पर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि शीत युद्ध क्या है? ऐसा कुछ नहीं है। महाराष्ट्र की इस भीषण गर्मी में। शीत युद्ध कैसे संभव है? हालांकि विपक्ष प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्यों शामिल नहीं हुआ खबर लिखने तक इसकी वजह सामने नहीं आई है। न ही विपक्ष के नेता का काई बयान इस पर आया है।
सीएम देवेंद्र फडणवीस ने क्या कहा
महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हम सब मिलकर काम कर रहे हैं और सीएम ने जो बातें कहीं हैं कि उन्होंने कुछ काम रोक दिया है या रोक दिया है, वो पूरी तरह से झूठी हैं। ये सब अफ़वाहें हैं। सीएम ने यह भी कहा कि आज हमने विपक्ष को चहापन यानी बजट सत्र से पहले नाश्ता के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन उन्होंने इसका बहिष्कार कर दिया। उन्होंने एक बैठक की, जिसमें उनके कोई भी बड़े नेता नहीं आए। उन्होंने हमें 9 पेज का पत्र दिया है, जिसमें 9 लोगों के नाम हैं, 7 लोगों के हस्ताक्षर हैं और उस पत्र में उन्होंने ऐसे मुद्दे उठाए हैं, जो उन्होंने सिर्फ़ प्रेस से लिए हैं।