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महाराष्ट्र में CAA - NRC विरोध की आग ग्रामीण अंचलों तक पहुँची

Mayank Sharma
Published on: 21 Dec 2019 1:41 PM IST
महाराष्ट्र में CAA - NRC विरोध की आग ग्रामीण अंचलों तक पहुँची
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मुंबई, 21 दिसंबर। नागरिकता संशोधन अधिनियम CAA के खिलाफ चल रहा आंदोलन अब तेजी के साथ महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाकों में भी फैल रहा है। हिंगोली, बीड, परभनी, पुणे, औरंगाबाद, नासिक, कोल्हापुर के आस पास के ग्रामीण इलाकों में भी आंदोलन मुखर होता जा रहा है। वैसे तो महाराष्ट्र में चल रहा आंदोलन शांतिपूर्ण ही है, लेकिन जैसे जैसे यह आंदोलन आगे बढ़ रहा है हिंसा की घटनाएं भी दर्ज हो रही हैं।

मुख्यमंत्री ने दिया बयान

स्थिति को देखते हुए कल नागपुर में चल रहे शीतकालीन सत्र में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस संदर्भ में अपना दर्ज करते हुए कहा कि, “मैं राज्य के सभी समाज, जाति एवं धर्म के भाइयों और बहनों को बताना चाहता हूँ कि महाराष्ट्र सरकार किसी भी समाज, जाति या धर्म के अधिकारों को खतरे में नहीं आने देगी।"

पुणे में सम्पन्न हुए आंदोलन में एक बड़ा हुजूम इकठ्ठा हुआ और मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह संख्या लाखों में रही है। इस बीच हिंगोली, बीड, परभनी के कई इलाकों में हिंसा और पथराव की घटनाएं दर्ज हुई हैं।

ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुँचा CAA - NRC विरोध

बीड, हिंगोली और अंबेजोगाई तहसील में महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (MSRTC) की बसों के क्षतिग्रस्त होने की घटनायें दर्ज हुई हैं। परभनी में भी पथराव की घटनायें हुई हैं, यहाँ अग्निशमन विभाग के वाहनों के क्षतिग्रस्त होने की भी खबरें हैं। इन तीनों ही तहसीलों में CAA एवं NRC के खिलाफ प्रदर्शन बड़े पैमाने पर रहा है।

हालांकि स्थानीय पुलिस स्थिति को नियंत्रण में रखने में कामयाब रही, लेकिन इन जिलों में स्थिति असहज रही है। परभनी में अधिकतर दुकानों और प्रतिष्ठानों के बंद रहने की ख़बरें हैं।

औरंगाबाद

औरंगाबाद में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के सांसद इम्तियाज जलील द्वारा भी एक विरोध रैली निकाली गई है। इस रैली में तिरंगा धारण करने वाले लोगों और डॉ बाबासाहेब अम्बेडकर की तस्वीरों के साथ एक लाख से अधिक लोगों की भागीदारी देखी गई। इम्तियाज जलील ने इस संदर्भ में यहाँ कहा, "हमने लोगों को किसी भी राजनीतिक व्यक्ति या पार्टी के झंडे या बैनर ले जाने से मना किया है, जो संदेश हम भेजने का इरादा रखते हैं, वह यह है कि हम राजनीतिक रूप से जागरूक नागरिक संविधान की रक्षा के लिए उत्सुक हैं,"।

पुणे में, 30 से अधिक मुस्लिम और दलित संगठनों की काफी बड़ी भीड़ इकठ्ठा हुई, शहर के मुस्लिम बहुल कैंप क्षेत्र, जिला कलेक्टर कार्यालय और बाबागान दरगाह से एक 'मूक मोर्चा' निकला।

मुलिवसी मुस्लिम मंच के संस्थापक अंजुम इनामदार ने अपने बयान में कहा कि,

"सीएए और एनआरसी देश की बहुलतावाद और धार्मिक भावना के विपरीत है। धर्म को नागरिकता देने या वंचित करने का आधार नहीं बनाया जा सकता। यदि एनआरसी लागू किया जाता है, तो यह सदियों से इस देश में रहने वाले मुस्लिम समुदाय पर अनकही कठिनाइयों का कारण बनेगा, जबकि साथ ही इस राष्ट्र के सामाजिक ताने-बाने को नष्ट कर देगा,”।

आंदोलन शांतिप्रिय रखने की अपील

महाराष्ट्र के आंदोलनकारियों ने लोगों से प्रदर्शन को शांतिपूर्ण रखने की भी, उन्होंने अहमदाबाद, लखनऊ और देश के अन्य हिस्सों में विरोध प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा की निंदा की और कड़ाई से संवैधानिक तरीके से एंटी-सीएए और एंटी-एनआरसी आंदोलन जारी रखने की आवश्यकता पर जोर दिया।

कोल्हापुर में, भारी सुरक्षा तैनाती के बीच, जिला कलेक्ट्रेट के पास, अंबेडकराइट और मुस्लिम संगठनों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया, जबकि पड़ोसी सांगली जिले के कई हिस्सों में भी विरोध प्रदर्शन किया गया।



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