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Maharashtra Politics: एकनाथ शिंदे को लगा एक और बड़ा झटका, गृह मंत्रालय देने से भाजपा का साफ इनकार
Maharashtra Politics: डिप्टी सीएम बनने के बाद शिंदे की निगाह राज्य के गृह मंत्रालय पर थी मगर उन्हें इस मामले में भी निराशा हाथ लगी है।
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में शिवसेना शिंदे गुट के नेता एकनाथ शिंदे को एक और बड़ा झटका लगा है। मुख्यमंत्री पद हाथ से निकलने के बाद अब भाजपा शिंदे को गृह मंत्रालय देने के लिए भी तैयार नहीं है। पार्टी ने शिंदे को यह अहम मंत्रालय देने से साफ तौर पर इनकार कर दिया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ गुरुवार को एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी।
मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद देवेंद्र उपाध्यक्ष फ्रंट फुट पर खेलते हुए नजर आ रहे हैं। डिप्टी सीएम बनने के बाद शिंदे की निगाह राज्य के गृह मंत्रालय पर थी मगर उन्हें इस मामले में भी निराशा हाथ लगी है। अजित पवार को वित्त और योजना मंत्रालय मिलना तय माना जा रहा है जबकि भाजपा की ओर से शिंदे के सामने जिन मंत्रालयों का विकल्प रखा गया है,उनमें गृह मंत्रालय शामिल नहीं है। अब सबकी निगाह शिंदे के अगले कदम पर लगी हुई है।
सीएम पद के बाद एक और बड़ा झटका
जानकार सूत्रों का कहना है कि भाजपा की ओर से शिंदे गुट को साफ कर दिया गया है कि पार्टी शिंदे को गृह मंत्रालय नहीं दे सकती। एक अंग्रेजी अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा की ओर से शिंदे के सामने राजस्व, शहरी विकास या लोक निर्माण विभाग में से मंत्रालय चुनने का विकल्प रखा गया है। अजित पवार को वित्त और योजना मंत्रालय देने की बात कही गई है।
महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में महायुति की बड़ी जीत के बाद शिंदे की ओर से पहले मुख्यमंत्री पद पर दावेदारी की गई थी। इसी कारण महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद का फैसला कई दिनों तक अटका रहा। हालांकि 132 विधानसभा सीटों पर अकेले जीत हासिल करने के बाद भाजपा इस बार मुख्यमंत्री पद छोड़ने के लिए तैयार नहीं थी।
भाजपा नेतृत्व की ओर से दावेदारी नकारे जाने के बाद शिंदे मन मसोस कर रह गए। फिर उनकी निगाह गृह मंत्रालय पर लगी हुई थी मगर अब यह मंत्रालय भी उन्हें मिलता हुआ नहीं दिख रहा है।
भाजपा ने साफ कर दिया रुख
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और दो डिप्टी सीएम की ताजपोशी के बाद अब महाराष्ट्र में नए मंत्रियों को लेकर चर्चाओं का दौरा काफी तेजी से चल रहा है। महाराष्ट्र विधानसभा का शीतकालीन सत्र 16 दिसंबर से नागपुर में शुरू होने वाला है और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि विधानसभा सत्र से पहले कैबिनेट विस्तार किया जाएगा।
नए मंत्रियों और मंत्रालयों की चर्चा शुरू होने के बाद सत्तारूढ़ महायुति में शामिल शिंदे सेना की ओर से गृह मंत्रालय को लेकर दबाव बनाया जा रहा था।
हालांकि भाजपा शिंदे को गृह मंत्रालय देने के लिए तैयार नहीं है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हाल में कहा था कि केंद्र में भाजपा की अगुवाई में एनडीए की सरकार है और वहां भी गृह मंत्रालय भाजपा के ही पास है। महाराष्ट्र में भी इसी सिलसिले को बनाए रखा जाएगा ताकि आपसी सहयोग को मजबूत बनाया जा सके।
फडणवीस के पास लंबे समय से गृह मंत्रालय
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस इससे पहले 2014 से 2019 तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे हैं और इस दौरान उन्होंने गृह मंत्रालय अपने पास ही रखा था। बाद में जब फडणवीस शिंदे की सरकार में डिप्टी सीएम बने, तब भी गृह मंत्रालय उन्हीं के ही पास था। इस दौरान उन्होंने गृह मंत्रालय से जुड़े कई अहम फैसले किए थे।
यही कारण है कि फडणवीस इस बार भी गृह मंत्रालय को अपने पास ही रखना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने शिंदे सेना के सामने अन्य महत्वपूर्ण मंत्रालयों का प्रस्ताव रखा है। हालांकि संजय शिरसाट, गुलाब राव पाटिल और भुवन गुगवले जैसे वरिष्ठ नेताओं की ओर से शिंदे को गृह मंत्रालय देने की मांग की गई है।
राज्य विधानसभा में ताकतवर होने के बाद भाजपा अब इस दबाव को मानने के लिए तैयार नहीं दिख रही है। शिंदे के करीबी माने जाने वाले संजय शिरसाट ने कहा है कि पार्टी इस मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से चर्चा करेगी। ऐसे में अब सबको इस बात का इंतजार है कि भाजपा नेतृत्व से शिंदे सेना की चर्चा का क्या नतीजा निकलता है।
किस दल से होंगे कितने मंत्री
महाराष्ट्र में नए मंत्रियों को लेकर चल रही चर्चाओं के मुताबिक राज्य में 30 से 35 मंत्रियों को शपथ दिलाई जा सकती है। भाजपा के कोटे से 18 से 20 विधायकों को मंत्री बनने का मौका मिल सकता है। शिंदे गुट से 12 से 14 विधायक मंत्री बन सकते हैं जबकि एनसीपी के अजित पवार गुट से 9 से 11 विधायकों की मंत्री पद पर ताजपोशी हो सकती है। राज्य में मुख्यमंत्री समेत 43 मंत्री हो सकते हैं। राज्य में मंत्री बनने के साथ ही मलाईदार और अहम मंत्रालय झटकनै के लिए जबर्दस्त होड़ दिख रही है।