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क्या खतरे में है एकनाथ शिंदे की कुर्सी, SC छीन सकता है मुख्यमंत्री पद? समझें कानूनी दांव-पेच की बारीकियां

Maharashtra Politics: 7 साल पहले यानी 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री कलिखो पुल को पद से हटा दिया था। इस दौरान वो मात्र 145 दिन ही मुख्यमंत्री रहे थे। हालांकि, महाराष्ट्र का मामला भी काफी उलझा हुआ है।

Aman Kumar Singh
Published on: 28 March 2023 4:19 AM IST
क्या खतरे में है एकनाथ शिंदे की कुर्सी, SC छीन सकता है मुख्यमंत्री पद? समझें कानूनी दांव-पेच की बारीकियां
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maharashtra cm eknath shinde (Social Media)

Maharashtra Politics : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की सांसदी जाने के बाद महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे (Maharashtra CM Eknath Shinde) आगे बढ़कर खेलते दिखे। सावरकर पर राहुल के दिए बयान पर भी उन्होंने जमकर घेरा। खूब खरी-खरी सुनाई। इतना है नहीं, सीएम एकनाथ शिंदे ने राहुल गांधी को यहां तक कहा कि, उन्हें एक और मानहानि का मुकदमा झेलना पड़ सकता है। महाराष्ट्र में बीजेपी के साथ मिलकर सरकार चला रहे शिंदे राहुल गांधी मुद्दे पर अपनी सहयोगी पार्टी के लिए फ्रंटफुट पर खेलती नजर आई। दरअसल, शिंदे भी बेखौफ नहीं है। उन्हें भी कुर्सी जाने का डर सता रहा है।

आपको बता दें, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे कानूनी दांव-पेंच में पड़ने वाली मार से घबराए हुए हैं। शिंदे को इस बात की चिंता है कि कहीं शिंदे बनाम उद्धव गुट (Shinde vs Uddhav) की लड़ाई में सुप्रीम कोर्ट उनसे मुख्यमंत्री की कुर्सी न छीन ले। अगर, ऐसा हुआ तो उनका सियासी भविष्य खतरे में पड़ जाएगा। क्योंकि, राजनीतिक पंडित यहां तक कह रहे हैं कि उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) फिर एक राह पर चल सकते हैं।

CJI ने रखा फैसला सुरक्षित

शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट और उद्धव ठाकरे खेमे के बीच चल रही 'जंग' में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) की अध्यक्षता वाली संविधान खंडपीठ झगड़े से संबंधित याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।

कयासबाजी तेज, कई तरह के सवाल उठ रहे

इस बीच महाराष्ट्र में सियासी अटकलों का बाजार गर्म है। लोग पूछ रहे हैं क्या एकनाथ शिंदे आगे भी महाराष्ट्र के सीएम बने रहेंगे? या राज्य में एक बार उद्धव ठाकरे ही मुख्यमंत्री बनने वाले हैं? क्या शिंदे गुट (Shinde faction) के एमएलए अयोग्यता का सामना करेंगे? क्या महाराष्ट्र में सदन को भंग कर दिया जाएगा? अगर ऐसा होगा तो वहां जल्द ही विधानसभा चुनाव कराने की नौबत आ जाएगी। या मौजूदा स्थिति ही बनी रहेगी। कयासबाजी के बीच ये सवाल भी उठ रहा है कि क्या शीर्ष अदालत किसी भी मुख्यमंत्री को अपने फैसले के जरिए हटा सकता है? इन्हीं सवालों का जवाब NDTV के लिए एक लेख में राजनीतिक रणनीतिकार अमिताभ तिवारी (Political strategist Amitabh Tiwari) ने देने की कोशिश की है। वो लिखते हैं पहले भी सत्ता पर बैठे मुख्यमंत्री को पद से हटाया गया है।

SC ने कलिखो पुल सरकार को बर्खास्त किया था

अपने लेख में स्तंभकार ने विस्तार से समझाया है। इसके लिए उन्होंने 7 साल पहले यानी 2016 का उदाहरण दिया। तब सुप्रीम कोर्ट ने अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री कलिखो पुल (Kalikho Pul) को पद से हटा दिया था। इस दौरान वो मात्र 145 दिन ही मुख्यमंत्री रहे थे। कलिखो पुल को पद से हटाते हुए शीर्ष अदालत ने राज्य में यथास्थिति बहाल की थी। इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने उनके सभी फसलों को भी अमान्य करार दिया था। चूंकि, महाराष्ट्र का मामला भी काफी उलझा हुआ है। यहां दल-बदल से संबंधित संविधान की 10वीं अनुसूची को एक बार फिर चर्चा में ला दिया है। हालांकि, इस मामले में शिंदे खेमे के विधायकों ने दल-बदल या किसी अन्य दल में विलय नहीं किया है। वो असली शिवसेना होने का दावा करते रहे हैं।

महाराष्ट्र में सीएम एकनाथ शिंदे ने तत्कालीन गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी (Bhagat Singh Koshyari) की सहायता से (जैसा उद्धव गुट के द्वारा आरोप लगाया जाता है) विश्वास मत के दौरान भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर बहुमत हासिल की। इसके बाद बाद उन्होंने अपना स्पीकर नियुक्त किया।

...मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा क्यों सौंप दिया?

उल्लेखनीय है कि, चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (Chief Justice DY Chandrachud) ने दोनों गुटों और राज्यपाल द्वारा रखी गई प्रमुख दलीलों पर सवाल खड़े किए हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, शीर्ष अदालत के खंडपीठ का फैसला इन्हीं दोनों बिंदुओं पर टिका हो सकता है। हालांकि, सीजेआई ने उद्धव ठाकरे खेमे (Uddhav Thackeray camp) के सामने ये सवाल किया है कि आपने विश्वास मत परीक्षण (vote of confidence) से पहले ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा क्यों सौंप दिया? कोर्ट की नजर में उद्धव ठाकरे का ये कदम बहुत बड़ा 'पॉलिटिकल ब्लंडर' है।



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Aman Kumar Singh

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