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Maharashtra: NCP अध्यक्ष जयंत पाटिल से ED कर रही पूछताछ, मनी लॉन्ड्रिंग का है आरोप

Maharashtra News: जांच एजेंसी के नोटिस पर शुक्रवार सुबह 10 बजे एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल मुंबई स्थित दफ्तर में पेश हुए। उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है।

Krishna Chaudhary
Published on: 12 May 2023 8:15 PM IST
Maharashtra: NCP अध्यक्ष जयंत पाटिल से ED कर रही पूछताछ, मनी लॉन्ड्रिंग का है आरोप
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Jayant Patil (photo: social media )

Maharashtra: गुरूवार को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद से महाराष्ट्र की राजनीति गरमाई हुई है। सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों इसे अपने-अपने हिसाब से जीत मान रहे हैं। इस बीच राज्य में केंद्रीय एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) एकबार फिर एक्टिव हो गई है। जांच एजेंसी के नोटिस पर शुक्रवार सुबह 10 बजे एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल मुंबई स्थित दफ्तर में पेश हुए। उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। इसी मामले में उनसे पूछताछ चल रही है।

पिछले दिनों प्रवर्तन निदेशालय ने जयंत पाटिल को नोटिस भेजकर 12 मई को मुंबई के बल्लाड स्थित कार्यालय में हाजिर होने को कहा था। ईडी से मिले नोटिस की पुष्टि करते हुए पाटिल ने कहा था कि मुझे आईएल एंड एफएस (IL&FS) मामले में समन किया गया है। मेरा इस मामले से कोई लेना – देना नहीं है। मैंने कोई लोन उनसे नहीं लिया है। इस मामले में जांच एजेंसी का सहयोग करूंगा।

क्या है पूरा मामला ?

ईडी इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज (IL&FS) से जुड़ी कथित अनियमितताओं को लेकर एक जांच कर रहा है। यह जांच आईएल एंड एफएस समूह की कोहिनूर सीटीएनएल में इक्विटी निवेश से संबंधित है। कोहिनूर सीटीएनएल दादर में कोहिनूर स्क्वॉयर टॉवर का निर्माण कर रहा है। आईएल एंड एफएस में कथित तौर पर घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग का मामला साल 2019 में सामने आया था। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने सबसे पहले केस दर्ज किया था। इसके बाद मामले में प्रवर्तन निदेशालय की एंट्री हुई थी।

साल 2019 में ईडी ने इस मामले में पूछताछ के लिए मनसे सुप्रीमो राज ठाकरे को भी समन किया था और वे हाजिर भी हुए थे। कोहिनूर सीटीएनएल में राज ठाकरे भी पार्टनर थे। हालांकि, बाद में वे अपने हिस्से का शेयर बेचकर कंपनी से निकल गए थे।

शरद पवार के करीबी हैं जयंत पाटिल

एनसीपी के कई नेता इन दिनों केंद्रीय जांच एजेंसियों के रडार पर हैं। एनसीपी स्टेट चीफ जयंत पाटिल को शरद पवार का काफी करीबी माना जाता है। इसलिए इस कार्रवाई को उनके करीबियों पर शिकंजा कसने के तौर पर देखा जा रहा है। ऐसा नवाब मलिक और अनिल देशमुख जैसे नेताओं के साथ हो चुका है। अजीत पवार के नेतृत्व में एनसीपी का एक खेमा इन्हीं केंद्रीय एजेंसियों के खौफ में बीजेपी के साथ जाना चाहता था, जिसे समय रहते शरद पवार ने अपने एक सियासी दांव से विफल कर दिया।

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