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Maharashtra Election 2024:महाराष्ट्र में चार दिग्गजों की सियासी साख दांव पर,सीधी फाइट वाली 87 सीटों से पता लगेगी ताकत
Maharashtra Election 2024: राज्य में सत्तारूढ़ महायुति और महाविकास अघाड़ी गठबंधन के बीच चल रही सियासी जंग में चार दिग्गज नेताओं के सियासी कद का भी फैसला होने वाला है।
Maharashtra assembly elections 2024: महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में चार दिग्गज नेताओं की साख दांव पर लगी हुई है। राज्य में सत्तारूढ़ महायुति और महाविकास अघाड़ी गठबंधन के बीच चल रही सियासी जंग में चार दिग्गज नेताओं के सियासी कद का भी फैसला होने वाला है। इस विधानसभा चुनाव में शिवसेना के दोनों गुटों के नेता मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे के अलावा एनसीपी के दोनों गुटों के नेता शरद पवार और अजित पवार की सियासी ताकत का पता लगने वाला है।
दोनों पार्टियों के दो फाड़ होने के बाद इन चारों नेताओं के लिए विधानसभा चुनाव सियासी नजरिए से काफी अहम हो गया है। महाराष्ट्र विधानसभा को 87 सीटों पर इन चार दलों के बीच मुकाबला हो रहा है और इन सीटों के नतीजे का हर किसी को बेसब्री से इंतजार है। चुनावी बाजी जीतने के लिए इन चारों दिग्गज नेताओं ने पूरी ताकत लगा रखी है।
दोनों गुटों की ओर से असली शिवसेना का दावा
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपनी शिवसेना (यूबीटी) को असली शिवसेना बताते रहे हैं। वे पार्टी और चुनाव निशान छिनने के बाद चुनाव आयोग और मोदी सरकार पर निशाना साधते रहे हैं। वे शिंदे गुट की शिवसेना को नकली शिवसेना बताते रहे हैं। दूसरी ओर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का दावा है कि उनकी शिवसेना ही असली है और वे महाराष्ट्र में शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे के सपनों को पूरा करने की कोशिश में जुटे हुए हैं।
राज्य की 49 सीटों पर शिंदे और उद्धव सेना की जंग
ऐसे में विधानसभा चुनाव के नतीजे से इस बात का भी पता लगने वाला है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे में कौन ज्यादा ताकतवर है। राज्य की 49 विधानसभा सीटों पर दोनों शिवसेना के बीच सीधा मुकाबला हो रहा है। मुंबई को शिवसेना का गढ़ माना जाता रहा है और यहां की 12 सीटों पर दोनों शिवसेना के बीच सीधा मुकाबला होगा।
दोनों के बीच सीधे फाइट वाली सीटों के चुनाव नतीजे असली और नकली शिवसेना का फैसला करने में बड़ी भूमिका निभाएंगे और यही कारण है कि इन सीटों के नतीजे का हर किसी को इंतजार है।
शरद और अजित पवार में 38 सीटों पर सीधा मुकाबला
एनसीपी के दोनों दलों की सियासी ताकत का इसी विधानसभा चुनाव में परीक्षण होना है। महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार की बगावत के बाद एनसीपी का विभाजन हो गया था और अजित पवार पार्टी के अधिकांश विधायकों को अपने साथ ले जाने में कामयाब रहे थे। यही कारण है कि एनसीपी के संस्थापक और महाराष्ट्र के कद्दावर नेता शरद पवार इस बार के विधानसभा चुनाव में अजित पवार को सबक सिखाने की कोशिश में जुटे हुए हैं।
राज्य की 38 विधानसभा सीटों पर एनसीपी के दोनों गुटों के बीच सीधा मुकाबला हो रहा है। पश्चिम महाराष्ट्र को एनसीपी का गढ़ माना जाता रहा है और इस इलाके में शरद पवार और अजित पवार दोनों अपना प्रभुत्व कायम रखना चाहते हैं। इस कारण इस इलाके में ही दोनों दिग्गज नेताओं के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है।
लोकसभा चुनाव में पिछड़ गए थे अजित पवार
इससे पहले लोकसभा चुनाव के दौरान भी चारों दिग्गज नेताओं की सियासी ताकत का पता लगा था। हालांकि इस मामले में अजित पवार थोड़ा पिछड़ गए थे। अजित पवार की अगुवाई वाली एनसीपी ने चार सीटों पर चुनाव लड़ते हुए सिर्फ एक सीट पर जीत हासिल की थी।
दूसरी ओर शरद पवार अपनी ताकत दिखाने में कामयाब हुए थे और उन्होंने 10 सीटों पर चुनाव लड़ते हुए आठ सीटों पर जीत हासिल की थी। बारामती लोकसभा क्षेत्र में शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार को हरा दिया था।
शिंदे और उद्धव गुट में हुआ था कड़ा मुकाबला
यदि शिवसेना के दोनों गुटों की बात की जाए तो मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उद्धव पवार की अगुवाई वाली शिवसेना के बीच 13 सीटों पर कड़ा मुकाबला हुआ था। इनमें 7 सीटों पर शिंदे गुट ने बाजी मार ली थी जबकि 6 सीटों पर उद्धव गुट अपनी ताकत दिखाने में कामयाब रहा था।
अब विधानसभा चुनाव के दौरान भी शिवसेना और एनसीपी के बीच सीधी फाइट वाली सीटों पर सबकी निगाहें लगी हुई है। इन सीटों के नतीजे से महाराष्ट्र के चार दिग्गज नेताओं शरद पवार, अजित पवार, उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे का सियासी कद तय होगा।