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Maharashtra Election 2024: सियासी पिच पर उतरे तो कई दिग्गज मगर योगी और राहुल के चौके-छक्के की सबसे ज्यादा चर्चा
Maharashtra Election 2024: महाराष्ट्र की सियासी पिच पर इस बार तमाम दिग्गज बल्लेबाज अपनी बैटिंग का हुनर दिखाने के लिए उतरे
Maharashtra Election 2024: महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में अब मतदाताओं के फैसले की घड़ी आ गई है। इस बार के चुनाव में प्रदेश की 288 विधानसभा सीटों पर सत्तारूढ़ महायुति और विपक्ष के महाविकास अघाड़ी गठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला हो रहा है। महाराष्ट्र की सियासी पिच पर इस बार तमाम दिग्गज बल्लेबाज अपनी बैटिंग का हुनर दिखाने के लिए उतरे। इस दौरान सियासी दिग्गजों ने चौके-छक्के जड़ने की भरपूर कोशिश की।
वैसे सबसे ज्यादा चर्चा में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और कांग्रेस नेता राहुल गांधी की बल्लेबाजी ही रही। इन दोनों सियासी दिग्गजों के भाषण सबसे ज्यादा चर्चा में रहे। हालांकि इस बात का खुलासा 23 नवंबर को मतगणना के दिन ही हो सकेगा कि इन दोनों नेताओं में कौन अपनी बात मतदाताओं के दिलों तक पहुंचाने में कामयाब रहा।
भाजपा की ओर से पीएम मोदी समेत कई दिग्गज उतरे
महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में भाजपा की ओर से चुनाव प्रचार करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, महाराष्ट्र के कद्दावर नेता देवेंद्र फडणवीस और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जैसे दिग्गज उतरे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र में 10 चुनावी रैलियों को संबोधित किया जबकि गृह मंत्री अमित शाह ने 16 रैलियां कीं।
महाराष्ट्र से जुड़ा होने के कारण नितिन गडकरी और देवेंद्र फडणवीस ने क्रमश: 52 और 54 सभाओं को संबोधित किया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश और झारखंड में अपनी व्यस्तता के बावजूद 11 रैलियों को संबोधित किया। भाजपा नेताओं के भाषण की बात की जाए तो योगी आदित्यनाथ की रैलियां सबसे ज्यादा चर्चा में रहीं और योगी के भाषणों ने मीडिया और सोशल मीडिया में खूब सुर्खियां बटोरीं।
महाराष्ट्र में ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ की गूंज
योगी आदित्यनाथ के भाषण में ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ वाले बयान की खूब चर्चा हुई। हालांकि महाराष्ट्र में अजित पवार और पंकजा मुंडे जैसे महायुति के वरिष्ठ नेता योगी के इस बयान से कन्नी काटते हुए नजर आए। उनका कहना था कि उत्तर प्रदेश में तो यह बयान चल सकता है मगर महाराष्ट्र के संदर्भ में इस नारे की कोई प्रासंगिकता नहीं है। इसके बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने इस नारे का मतलब बताते हुए इसे महाराष्ट्र के लिए भी उपयोगी बताया।
योगी ने अपनी चुनावी रैलियों में ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ के नारे के साथ ही अन्य मुद्दों को लेकर भी खूब चौके-छक्के लगाए। उन्होंने पाकिस्तान, बांग्लादेश और फिलिस्तीन से लेकर छत्रपति शिवाजी महाराज तक की चर्चा करके आक्रामक रणनीति के साथ हिंदुत्व को धार देने का प्रयास किया। यही कारण था कि सोशल मीडिया में भी योगी आदित्यनाथ के भाषण छाए रहे। वैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे’ वाला बयान भी महाराष्ट्र में खूब चर्चाओं में रहा।
शिवाजी महाराज से लेकर औरंगजेब तक की चर्चा
योगी आदित्यनाथ ने अपनी चुनावी पहली चुनावी रैली के साथ ही महाराष्ट्र का सियासी एजेंडा सेट कर दिया। ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ नारे का विरोध शुरू हुआ तो योगी आदित्यनाथ ने काफी चतुराई से इसे छत्रपति शिवाजी महाराज और औरंगजेब से जोड़ दिया। महाराष्ट्र की सभाओं में भी योगी अयोध्या, मथुरा और काशी का जिक्र करना नहीं भूले और शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे को घेरते हुए यहां तक कहा कि उन्हें राष्ट्रवाद, देश और धर्म की कोई चिंता नहीं है।
उन्होंने यहां तक कहा कि देश के कुछ लोगों को भारत की चिंता नहीं है और वे पाकिस्तान और फिलिस्तीन पर घड़ियाली आंसू बहाने में जुटे हुए हैं। पूर्व सांसद नवनीत राणा का जिक्र करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उन्हें इस राज्य में हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए भी संघर्ष करना पड़ा।
राहुल ने उठाया आरक्षण और संविधान का मुद्दा
दूसरी ओर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर आरक्षण और संविधान को खत्म करने की साजिश का आरोप लगाते हुए पूरी दमदारी के साथ भाजपा को घेरा। अमरावती की सभा में उन्होंने संविधान की लाल किताब दिखाते हुए कहा कि कांग्रेसी इसे देश का डीएनए मानती है। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस के चुनाव जीतने पर खटाखट सबके खाते में पैसे भेजने की बात भी कहीं।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के गढ़ नागपुर में अपनी चुनावी सभा के दौरान उन्होंने भाजपा और संघ को संविधान विरोधी बताते हुए बड़ा हमला बोला। इसके साथ ही उन्होंने अपनी चुनावी सभाओं में जातीय जनगणना कराने और आरक्षण की 50 फ़ीसदी की सीमा तोड़ने की बात भी कह डाली। उन्होंने कहा कि इसके लिए पिछड़ों और दलितों को एकजुट होना होगा।
पीएम मोदी के नारे पर बोला हमला
अपनी चुनावी सभाओं के जरिए राहुल गांधी ने आदिवासी समीकरण साधने का भी प्रयास किया। चुनाव प्रचार के आखिरी दिन राहुल गांधी ने प्रेस कांफ्रेंस के जरिए धारावी का मुद्दा उठाते हुए सरकार पर बड़ा हमला बोला। महाराष्ट्र उद्योगपति गौतम अडानी का जिक्र करते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरने का प्रयास किया। राहुल गांधी ने बीजेपी पर वार करते हुए उसके ‘एक हैं तो सेफ हैं’ नारे का मतलब समझाया।
इस दौरान राहुल ने तिजोरी (बॉक्स) से ‘एक हैं तो सेफ हैं’ का पोस्टर निकाला। राहुल ने कहा कि पीएम मोदी का स्लोगन है: एक हैं तो सेफ हैं। सवाल है- एक कौन हैं, सेफ कौन हैं और सेफ किसका है? इसका जवाब है- एक नरेंद्र मोदी, अडानी, अमित शाह हैं और सेफ अडानी हैं। वहीं इससे सबसे ज्यादा नुकसान महाराष्ट्र की जनता का होने वाला है।