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Maharashtra News: महाराष्ट्र में ईवीएम पर घमासान,विपक्षी दलों ने उठाए सवाल,चुनाव आयोग के खिलाफ खोला मोर्चा
Maharashtra News: महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी महाविकास अघाड़ी गठबंधन का हिस्सा रही है। शनिवार को पार्टी ने उद्धव ठाकरे की शिवसेना के रुख पर नाराजगी जताते हुए गठबंधन से नाता तोड़ लिया। उद्धव की शिवसेना ने बाबरी विध्वंस के दिन को गर्व का दिन बताया था जिस पर सपा विधायक ने तीखी आपत्ति जताई।
Maharashtra News: महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ महायुति की बड़ी जीत के बाद ईवीएम का मुद्दा गरमा गया है। महाविकास अघाड़ी गठबंधन में शामिल दलों के नेता ईवीएम पर लगातार सवाल खड़े कर रहे हैं। शनिवार को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया था मगर विपक्ष के अधिकांश विधायकों ने ईवीएम पर अपना विरोध जताते हुए शपथ नहीं ली।
इस बीच सोलापुर जिले के मालसिरस विधानसभा क्षेत्र के मारकडवाडी गांव में बैलेट पेपर से चुनाव की अनुमति न दिए जाने के बाद नया विवाद पैदा हो गया है। विपक्षी दलों ने प्रशासन के इस रवैए के बाद ईवीएम को लेकर सरकार और चुनाव आयोग पर हमले तेज कर दिए हैं। विपक्षी दलों के नेताओं का कहना है कि यह प्रकरण ईवीएम और चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करने वाला है।
विपक्षी दलों ने बनाया ईवीएम को मुद्दा
महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में ईवीएम के मुद्दे को लेकर घमासान तेज होता जा रहा है। शनिवार को विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान विपक्षी विधायक ने ईवीएम को मुद्दा बनाते हुए वाकऑउट किया। हालांकि समाजवादी पार्टी के दो विधायकों अबू आजमी और रईस शेख ने शपथ ग्रहण की।
महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी महाविकास अघाड़ी गठबंधन का हिस्सा रही है। शनिवार को पार्टी ने उद्धव ठाकरे की शिवसेना के रुख पर नाराजगी जताते हुए गठबंधन से नाता तोड़ लिया। उद्धव की शिवसेना ने बाबरी विध्वंस के दिन को गर्व का दिन बताया था जिस पर सपा विधायक ने तीखी आपत्ति जताई।
ईवीएम और चुनाव आयोग का जनादेश
ईवीएम के मुद्दे पर विरोध जताते हुए शिवसेना यूबीटी के नेता आदित्य ठाकरे और उनकी पार्टी के और विपक्ष के अन्य विधायकों ने पहले दिन शपथ नहीं ली। उन्होंने कहा कि अगर महाराष्ट्र में जनता का जनादेश होता तो लोग खुश होते और जश्न मनाते मगर महाराष्ट्र में कहीं भी लोगों ने महायुति की जीत का जश्न नहीं बनाया।
उन्होंने कहा कि यह ईवीएम और भारत के चुनाव आयोग का जनादेश है। उन्होंने कहा कि हमें ईवीएम पर शक है और इसी कारण हमारे विधायकों ने शपथ नहीं ली है। विधानसभा के स्पेशल सेशन के पहले दिन 173 विधायकों ने शपथ ली जबकि 115 विधायकों ने अभी तक शपथ नहीं ली है। इनमें अधिकांश विधायक विपक्षी दलों से जुड़े हुए हैं।
विरोध में विधायकों ने नहीं ली शपथ
शरद पवार की अगुवाई वाली एनसीपी के नेता जितेंद्र आव्हाड़ ने कहा कि मारकडवाडी के लोग बैलट पेपर से मतदान चाहते थे मगर प्रशासन ने यह मांग नहीं मानी। हमारा मानना है कि लोगों को मतदान का तरीका तय करने का अधिकार है। उन्होंने सवाल किया कि क्या राजनीतिक जागरूकता दिखाना गलत है? आव्हाड़ ने कहा कि ईवीएम के मुद्दे पर विरोध जताते हुए हमारे विधायकों ने आज शपथ नहीं ली।
आवाज दबाने में जुटा है प्रशासन
कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि यदि ईवीएम में समस्या नहीं है तो मारकटवाडी के लोगों की मांग क्यों नहीं मानी गई। पूरा गांव बैलेट पेपर से मतदान की मांग कर रहा है और हम इस मांग का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि हम जब भी ईवीएम और वीवीपैट की जांच की मांग करते हैं तो चुनाव आयोग की ओर से मॉक पोल की बात कही जाती है।
उन्होंने कहा कि अगर चुनाव पारदर्शी तरीके से हुए हैं और ईवीएम में कोई समस्या नहीं है तो मारकडवाडी गांव में फिर से मतदान करने में क्या समस्या है। पूरे गांव की ओर से यह मांग की जा रही है मगर प्रशासन लोगों की आवाज दबाने में जुटा हुआ है।
विपक्षी दलों को आयोग के पास जाना चाहिए
विपक्ष की ओर से ईवीएम के मुद्दे को गरमाने की कोशिशों के बीच डिप्टी सीएम और एनसीपी के नेता अजित पवार ने विपक्षी दलों के रुख पर तीखा विरोध जताया है। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान महाराष्ट्र के लोगों ने हमें बड़ी जीत दिलाई है। अब वॉकआउट से कुछ भी हासिल होने वाला नहीं है। विपक्षी दलों को कुछ कहना है तो उन्हें चुनाव आयोग के पास जाना चाहिए। अगर उन्हें लगता है कि चुनाव आयोग से भी न्याय नहीं मिलती मिले मिला तो फिर उन्हें अदालत का दरवाजा खटखटाना चाहिए।
महाराष्ट्र में इस कारण गरमाया ईवीएम का मुद्दा
दरअसल मारकटवाडी में बैलट पेपर से चुनाव की मांग को लेकर ईवीएम का मुद्दा गरमा गया है। सोलापुर की मालसिरस सीट पर विधानसभा चुनाव में एनसीपी शरद पवार गुट के उत्तम राव जानकर ने भाजपा के शरद सातपुते को हराया था। चुनाव नतीजे की घोषणा के बाद मारकटवाडी गांव के लोगों का कहना था कि वहां अधिकांश वोट एनसीपी प्रत्याशी के पक्ष में पड़े थे जबकि ईवीएम के आंकड़े के मुताबिक भाजपा प्रत्याशी को 1003 और एनसीपी उम्मीदवार को 843 वोट मिले। गांव वालों ने इस आंकड़े को पूरी तरह गलत बताया है।
चुनाव नतीजे की घोषणा के बाद गांव वालों ने दावा किया के यहां भाजपा प्रत्याशी को 100-150 से अधिक वोट नहीं मिले थे। गांव वालों ने अपने खर्चे पर बैलेट पेपर से फिर से मतदान करने की अपील की थी जिसे प्रशासन ने खारिज कर दिया था।
बाद में गांव वालों ने बैलेट पेपर से चुनाव की पूरी तैयारी की थी और पोलिंग बूथ भी बनाए थे मगर प्रशासन ने बैलेट पेपर से मतदान को रोक दिया था। इस मामले में 17 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। अब विपक्ष की ओर से इस मुद्दे को लगातार उठाया जा रहा है।