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Suryakant Patil Quits BJP: चुनावी हार के बाद महाराष्ट्र में BJP को बड़ा झटका,पूर्व मंत्री सूर्यकांता एनसीपी में शामिल,शरद पवार ने किया स्वागत
Suryakant Patil Quits BJP2024: इसी कड़ी में पूर्व केंद्रीय मंत्री सूर्यकांता पाटिल भाजपा छोड़कर शरद पवार की अगुवाई वाली एनसीपी में शामिल हो गई हैं
Suryakant Patil Quits BJP 2024: महाराष्ट्र के लोकसभा चुनाव में इस बार भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए को करारा झटका लगा है। दूसरी ओर इंडिया गठबंधन अच्छा प्रदर्शन करने में कामयाब रहा है। अब महाराष्ट्र में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और उसके पहले सियासी पाला बदल का दौर शुरू हो गया है। इसी कड़ी में पूर्व केंद्रीय मंत्री सूर्यकांता पाटिल भाजपा छोड़कर शरद पवार की अगुवाई वाली एनसीपी में शामिल हो गई हैं।
पाटिल ने शनिवार को ही भाजपा से इस्तीफा दे दिया था और उसके बाद से ही उनके शरद पवार के साथ जाने के कयास लगाए जा रहे थे। उन्होंने करीब 10 साल बाद एनसीपी में वापसी की है। 2014 में उन्होंने एनसीपी से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थामा था। राज्यसभा चुनाव में प्रत्याशी न बनाए जाने के बाद इस बार उन्हें लोकसभा चुनाव का भी टिकट नहीं मिला था जिसे लेकर वे नाराज चल रहे थीं।
शरद पवार ने किया पाटिल का पार्टी में स्वागत
पूर्व केंद्रीय मंत्री सूर्यकांता पाटिल का ताल्लुक नांदेड़ से है और उनकी नांदेड़ और आसपास के इलाकों में अच्छी पकड़ मानी जाती है। नांदेड़ से ही ताल्लुक रखने वाले अशोक चव्हाण को भाजपा ने हाल में राज्यसभा सदस्य बनाया था। इस बार नांदेड़ लोकसभा सीट पर भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा है और इसे लेकर कई दिनों से सियासी खींचतान चल रही है। अब पाटिल के शरद पवार खेमे में शामिल होने से भाजपा को एक और झटका लगा है।
एनसीपी नेता शरद पवार ने पाटिल की पार्टी में वापसी का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि पाटिल के साथ आने से नांदेड़,बीड, परभणी, हिंगोली और आसपास के इलाकों में पार्टी को मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव नजदीक है और पाटिल के साथ आने से पार्टी प्रत्याशियों की चुनावी संभावनाएं मजबूत होंगी।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष पर बोला हमला
पाटिल के करीबी सूत्रों का कहना है कि वे अशोक चव्हाण को राज्यसभा का सदस्य बनाए जाने से नाराज थीं। उनका मानना था कि उनकी दावेदारी की पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की ओर से अनदेखी की गई। लोकसभा चुनाव के दौरान भी पाटिल टिकट की दावेदार थीं मगर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की ओर से उन्हें टिकट नहीं दिया गया था।
पार्टी से इस्तीफा देने के बाद पाटिल ने महाराष्ट्र प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष से उन्होंने कई बार मुलाकात करने की कोशिश की मगर उन्होंने मिलने का समय ही नहीं दिया। ऐसी स्थिति में मेरे लिए भाजपा में बने रहने का कोई मतलब नहीं
किसान आंदोलन के दौरान रखी थी अलग राय
हालांकि इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पिछले 10 वर्षों के दौरान उन्होंने बहुत कुछ सीखा है। किसान आंदोलन के दौरान भी सूर्यकांता पाटिल ने पार्टी लाइन से अलग हटकर राय रखी थी। इसके बाद उन्हें पार्टी में साइड लाइन कर दिया गया था।अब विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने पाला बादल करके नई सियासी पारी शुरू की है। अब यह देखने वाली बात होगी कि उनके पाल बदल का नांदेड़ और आसपास के इलाकों पर कितना असर पड़ता है।