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महाराष्ट्र में MVA में सीट बंटवारे का मामला उलझा, उद्धव अपनी मांग पर अड़े मगर कांग्रेस झुकने को तैयार नहीं

Maharashtra Politics: उद्धव गुट के नेता संजय राउत की ओर से सीट बंटवारे पर सहमति का दावा किया गया है मगर कांग्रेस और एनसीपी ने इस दावे को खारिज कर दिया है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 29 Aug 2024 9:58 AM IST
महाराष्ट्र में MVA में सीट बंटवारे का मामला उलझा, उद्धव अपनी मांग पर अड़े मगर कांग्रेस झुकने को तैयार नहीं
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Uddhav Thackeray  (Photo: social media )

Maharashtra News: महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी गठबंधन (MVA) में शामिल दलों के बीच सीट बंटवारे का मामला उलझ गया है। सीट बंटवारे को अंतिम रूप देने के लिए गठबंधन में शामिल तीनों दलों कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (शरद पवार गुट) की कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं मगर सीट बंटवारे पर अभी तक सहमति नहीं बन सकी है। राज्य में कई विधानसभा सीटें ऐसी हैं जिन पर तीनों दलों की ओर से दावेदारी की जा रही है।

विशेष रूप से कांग्रेस और शिवसेना के उद्धव गुट के बीच मामला उलझा हुआ है। उद्धव गुट के नेता संजय राउत की ओर से सीट बंटवारे पर सहमति का दावा किया गया है मगर कांग्रेस और एनसीपी ने इस दावे को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही उद्धव ठाकरे सीएम पद का चेहरा घोषित करने की मांग पर भी अड़े हुए हैं जबकि कांग्रेस और एनसीपी इसके लिए तैयार नहीं हैं।

चार बैठकों में भी सीट बंटवारे पर सहमति नहीं

पिछले एक महीने के दौरान महाविकास अघाड़ी गठबंधन में शामिल तीनों प्रमुख दलों के नेताओं की चार बैठकें हो चुकी हैं। इन बैठकों के दौरान कांग्रेस, उद्धव गुट और शरद पवार गुट अपनी-अपनी मांगों पर अड़ा रहा। इस कारण मुंबई की अधिकांश सीटों समेत राज्य के कई अन्य इलाकों की सीटों को लेकर भी कोई सहमति नहीं बन सकी। राज्य में कई विधानसभा सीटें ऐसी हैं जिन्हें लेकर दोनों दलों के बीच जबर्दस्त खींचतान दिख रही है।

शिवसेना के उद्धव गुट की ओर से लोकसभा चुनाव की तरह विधानसभा चुनाव में भी अधिक सीटें हासिल करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। दूसरी ओर कांग्रेस इसके लिए तैयार नहीं है। कांग्रेस का कहना है कि लोकसभा चुनाव के नतीजे को पैमाना बनाया जाना चाहिए और इसी आधार पर सीटों का बंटवारा होना चाहिए। लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने 17 में से 13 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करके अपनी ताकत दिखाई थी।


कांग्रेस उद्धव गुट की डिमांड पूरी करने को तैयार नहीं

महाराष्ट्र में 2019 के विधानसभा चुनाव के दौरान शिवसेना का भाजपा के साथ गठबंधन था। उस समय शिवसेना का विभाजन नहीं हुआ था। भाजपा ने 150 सीटों पर चुनाव लड़ा था जबकि शिवसेना ने 124 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। शिवसेना को 56 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। बाद में एकनाथ शिंदे की अगुवाई में शिवसेना के अधिकांश विधायक अलग हो गए थे।

शिवसेना में विभाजन के बाद उद्धव गुट की ताकत घट गई है और ऐसे में कांग्रेस उद्धव गुट को मांग के मुताबिक सीटें देने के लिए तैयार नहीं है। कांग्रेस और उद्धव गुट के बीच ज्यादा खींचतान दिख रही है और यही कारण है कि चार दौर की बातचीत के बाद अभी तक सीट बंटवारे पर मुहर नहीं लग सकी है।


सीएम चेहरे को लेकर भी फंसा पेंच

उद्धव गुट के नेता संजय राउत की ओर से सीट बंटवारे पर सहमति का दावा किया जा रहा है मगर कांग्रेस और शरद पवार गुट ने इस दावे को पूरी तरह खारिज कर दिया है। दोनों दलों का कहना है कि अभी सीट बंटवारे को लेकर बातचीत चल रही है। इसके साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सीएम चेहरा घोषित करने की मांग पर अड़े हुए हैं।

उनका कहना है कि इस बात का फैसला चुनाव से पहले किया जाना चाहिए। अगर सीटों की संख्या के आधार पर सीएम पद का फैसला होगा तो तीनों दलों के बीच सीटों के लिए मारामारी बढ़ेगी। तीनों दलों की हर बैठक के दौरान उद्धव ठाकरे इस बात पर जोर देते रहे हैं मगर कांग्रेस और शरद पवार गुट इसके लिए भी तैयार नहीं दिख रहा है। अभी तक इस मुद्दे पर भी तीनों दलों के बीच सहमति नहीं बन सकी है।



Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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