×

Devendra Fadnavis News: देवेंद्र फडणवीस को पार करनी हैं बड़ी चुनौतियां, आसान नहीं है डगर

Devendra Fadnavis News:महाराष्ट्र भारत का तीसरा सबसे बड़ा राज्य है और फडणवीस के सामने इसे विकास की राह पर वापस लाने का बड़ा काम है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 6 Dec 2024 12:48 PM IST (Updated on: 6 Dec 2024 1:30 PM IST)
Devendra Fadnavis
X

देवेंद्र फडणवीस  (photo: social media ) 

Devendra Fadnavis News: देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में अपने तीसरे कार्यकाल की शुरुआत करने जा रहे हैं। शानदार बहुमत वाले गठबंधन की सरकार बनाने के बावजूद फडणवीस के प्रशासन के सामने सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक, लगभग सभी मोर्चों पर कई चुनौतियाँ होंगी।

नई महायुति सरकार के सामने आर्थिक समस्याएं बहुत बड़ी होंगी। फडणवीस को कर्ज में डूबे राज्य की वित्तीय स्थिति और सत्तारूढ़ गठबंधन द्वारा चुनावों के दौरान किए गए लोकलुभावन उपायों के बीच संतुलन बनाने की चुनौती से निपटना होगा। महाराष्ट्र भारत का तीसरा सबसे बड़ा राज्य है और फडणवीस के सामने इसे विकास की राह पर वापस लाने का बड़ा काम है। फडणवीस के नेतृत्व में महायुति गठबंधन को क्षेत्रीय असमानताओं जैसे अन्य मुद्दों को भी हल करना होगा। उन्हें शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में बेरोजगारी की समस्या का भी समाधान करना होगा।


- इस साल की शुरुआत में सीएजी की एक रिपोर्ट के अनुसार, राज्य को सात वर्षों में 2.75 लाख करोड़ रुपये का कर्ज चुकाना है, जिससे कल्याणकारी योजनाओं के लिए फंड्स एक कठिन कार्य बन गया है। महाराष्ट्र में 9.7 करोड़ मतदाताओं में से 4.7 करोड़ महिलाएँ हैं और महायुति सरकार का टारगेट उनमें से 2.5 करोड़ को माझी लड़की बहन योजना के तहत कवर करना है। सत्तारूढ़ गठबंधन के नेताओं ने इसी योजना को अपनी जीत में बड़ा योगदान माना है सो इसे पूरा करना बड़ी जिम्मेदारी है।

इस योजना में मासिक भुगतान 1,500 रुपये से बढ़ाकर 2,100 रुपये करने से राज्य सरकार को उन्हें कवर करने के लिए सालाना 63,000 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे। यह 2.5 करोड़ महिलाओं (1,500 रुपये की मौजूदा मासिक सहायता पर) को कवर करने के लिए मौजूदा अनुमानित राशि 45,000 करोड़ रुपये की तुलना में 40 फीसदी वृद्धि होगी।

- इसके अलावा, मुख्यमंत्री युवा कार्य प्रशिक्षण योजना के लिए वार्षिक आवंटन 10,000 करोड़ रुपये है; मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना (खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग) जिसके तहत घरों को तीन गैस सिलेंडर आवंटित किए जाते हैं, जिससे लगभग 52 लाख परिवारों को लाभ मिलने की उम्मीद है; बालिकाओं की मुफ्त उच्च शिक्षा योजना जिसके लिए सालाना 2,000 करोड़ रुपये आवंटित किए जाते हैं; और मुख्यमंत्री बलिराजा विद्युत रियायत योजना जिस पर अनुमानित वार्षिक लागत 14,716 करोड़ रुपये है।


राजनीतिक चुनौती

- यूँ तो कमजोर विपक्ष नए सीएम के लिए अच्छी खबर है, लेकिन गठबंधन के भीतर संघर्ष को संभालना संभावित रूप से समस्या पैदा कर सकता है। अपने पूर्ववर्ती एकनाथ शिंदे को उपमुख्यमंत्री पद स्वीकार करने में कठिनाई ने दिखा दिया है कि वह यस मैन नहीं बने रहेंगे और उनकी शिवसेना सरकार में अपना रास्ता बनाने के लिए कड़ी सौदेबाजी करेगी।

- सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए अगली बड़ी चुनौती स्थानीय निकाय चुनाव होंगे, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) चुनाव भी शामिल है। 85000 करोड़ रुपये के बजट के साथ भारत का सबसे अमीर नगर निकाय, बीएमसी लगभग तीन दशकों से उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) के नियंत्रण में है। बीएमसी पर नियंत्रण करना और उद्धव की पार्टी को करारा झटका देना फडणवीस और शिंदे दोनों के राजनीतिक एजेंडे में सबसे ऊपर होगा।


सामाजिक चुनौतियां

- मुख्यमंत्री फडणवीस को जाति समीकरण बनाये रखने की चुनौती होगी। भाजपा ने रणनीतिक रूप से सुनिश्चित किया है कि ओबीसी को एकजुट करने से उसे विपक्ष के लिए मराठाओं के एकजुट होने से रोकने में मदद मिलेगी। फिलवक्त, ऐसा लगता है कि मराठा कोटा कार्यकर्ता मनोज जरांगे-पाटिल के कोटा आंदोलन की हवा निकल गई है और इस स्थिति से सरकार को तत्काल कोई समस्या होने की संभावना नहीं है। लेकिन फडणवीस को इस समस्या का स्थायी समाधान खोजना होगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि स्थिति आगे चलकर और अधिक गंभीर न हो जाए और आगे चलकर समस्याएँ पैदा न करें।



Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

Next Story