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Maharashtra: फडणवीस ने बता दिया महाराष्ट्र में जीत का सच, बोले-इस नारे ने पलट दी बाजी
Maharashtra: फडणवीस ने कहा कि पहली मीटिंग में ही शिंदे डिप्टी सीएम बनने को तैयार थे। शिंदे की पार्टी में दो राय चल रही थी। आम राय थी कि शिंदे को सरकार में शामिल होना चाहिए।
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति गठबंधन को मिली जीत का सच मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बताया है। उन्होंने यह भी बताया कि आखिर वे मुख्यमंत्री कैसे चुने गए? फडणवीस ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा कि जीत में हमारे प्रधानमंत्री का एक हैं तो सेफ हैं नारा काफी असरदार रहा था। इससे महायुति गठबंधन को चुनाव में लाभ हुआ। उन्होंने कहा कि इसका असर यह रहा कि महाराष्ट्र में जो विभाजन की राजनीति चल रही थी, लोगों ने उसे सिरे से नकार दिया। इससे लोगों को भरोसा मिला। उन्होंने कहा, यहां के लोगों के मन में एक टीस थी, लेकिन एक हैं तो सेफ हैं नारे ने लोगों को उम्मीदें दी। इस तरह से एक हैं तो सेफ हैं नारे ने कमाल कर दिया और लोगों ने एक हैं तो सेफ हैं को मानते हुए वोट किया। उन्होंने कहा कि हमने लाडकी बहिण, निशुल्क बिजली और शिक्षा जैसी योजनाओं से भी चुनाव में फायदा हुआ और यही कारण रहा कि चुनाव में बीजेपी 132 सीटें मिलीं और वह सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी।
बीजेपी को 132 सीटें मिलने के बाद ही पार्टी ने यह फैसला किया कि मुख्यमंत्री बीजेपी का ही होगा। फडणवीस ने सीएम योगी के बटेंगे तो कटेंगे से एक हैं तो सेफ हैं नारे पर शिफ्ट होने के सवाल पर कहा कि आपको देखना होगा कि गिलास आधा भरा हुआ होता है तो आधा खाली भी होता है।
पहली मीटिंग में शिंदे डिप्टी सीएम बनने को तैयार थे
फडणवीस ने कहा कि पहली मीटिंग में ही शिंदे डिप्टी सीएम बनने को तैयार थे। शिंदे की पार्टी में दो राय चल रही थी। आम राय थी कि शिंदे को सरकार में शामिल होना चाहिए। लेकिन कुछ लोगों की ये भी राय थी कि शिंदे सरकार में शामिल नहीं हो बल्कि वह कॉर्डिनेशन कमेटी के चेयरमैन बने। लेकिन हमारी पहली बैठक में ही तय था कि मुख्यमंत्री बीजेपी से होना चाहिए। शिंदे ने सहमति जताई थी कि सीएम बीजेपी से होना चाहिए और वह डिप्टी सीएम बनने के लिए तैयार थे। लेकिन पार्टी में ऐसे नेता या कार्यकर्ता भी होते हैं, जो चाहते हैं कि उनकी पार्टी से मुख्यमंत्री बनना चाहिए। पार्टी कार्यकर्ता सोचते हैं कि हमारे नेता का मान हो। लेकिन हमारे मन में कोई संदेह नहीं था। मेरे खुद शिंदे से व्यक्तिगत संबंध हैं।
फडणवीस ने कहा कि लेकिन मेरी पार्टी ने कहा कि मुझे पद स्वीकार करना चाहिए तो मैंने स्वीकार किया। एक तथ्य ये भी है कि अगर पार्टी का मजबूत आदमी सरकार में नहीं होगा तो पार्टी नहीं चलती।
16 दिसंबर से पहले होगा मंत्रिमंडल विस्तार
मंत्रालय को लेकर जब सवाल किया गया कि क्या एकनाथ शिंदे ने कोई मंत्रालय मांगा है? इस पर फडणवीस ने कहा कि उन्होंने अभी तक कोई मंत्रालय नहीं मांगा है। जब मांगेंगे तो इस पर चर्चा करेंगे। फडणवीस ने कहा कि 16 दिसंबर से पहले मंत्रिमंडल विस्तार होगा। हमारे बीच लगभग सभी विभागों पर सहमति बनी है। गृह विभाग हमेशा हमारे साथ रहा है।