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Maharashtra Crisis : CM एकनाथ शिंदे 4 जुलाई को साबित करेंगे बहुमत, उद्धव ने BJP पर निकाली भड़ास

शिवसेना का उद्धव गुट आज फिर सुप्रीम कोर्ट गया। उनकी मांग है कि 16 बागी विधायकों को सस्पेंड किया जाए, जिनके खिलाफ अयोग्यता की कार्यवाही शुरू की गई। इसमें एकनाथ शिंदे का नाम भी है।

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Written By aman
Published on: 1 July 2022 10:30 AM GMT (Updated on: 1 July 2022 10:37 AM GMT)
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Uddhav Thackeray and Eknath Shinde

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Maharashtra Crisis : महाराष्ट्र में सियासी उठापटक फिलहाल ख़त्म होता नहीं दिख रहा है। जिन्हें ये लग रहा था कि एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही राज्य में जारी सियासी संग्राम थम गया है, तो उन्हें बता दें कि आज शिवसेना 'बागी' विधायकों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची है। हालांकि, उसे वहां राहत नहीं मिली। उद्धव ठाकरे के गुट वाली शिवसेना ने मांग उठाई है कि सर्वोच्च न्यायालय उन 16 बागी विधायकों को निलंबित करे, जिनके खिलाफ 'अयोग्यता' की कार्यवाही शुरू की गई है। ज्ञात हो कि, इन बागी 16 विधायकों में महाराष्ट्र के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का नाम भी है।

शिंदे सरकार का 4 जुलाई को शक्ति परीक्षण

महाराष्ट्र में कल राज्य के अगले मुख्यमंत्री के तौर पर एकनाथ शिंदे ने शपथ ग्रहण किया। जिसके बाद राज्य में सियासी हलचल तेज है। ताजा जानकारी के मुताबिक, विधानसभा में होने वाले विशेष सत्र को एक दिन के लिए बढ़ा दिया गया है। महाराष्ट्र विधानसभा (Maharashtra Assembly) का विशेष सत्र अब 3 और 4 जुलाई 2022 को आयोजित होगा। रविवार को विधानसभा के विशेष सत्र में विधानसभा स्पीकर का चुनाव किया जाएगा। इसके बाद, सोमवार को नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सरकार (CM Eknath Shinde) को अपना बहुमत साबित करेंगे।

उद्धव के निशाने पर बीजेपी

एकनाथ शिंदे के महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद आज शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने खुलकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) को आड़े हाथों लिया। ठाकरे ने कहा, ये सब सम्मान के साथ भी हो सकता था। उद्धव ठाकरे ने कहा, कि अगर मेरे मेरी बात सुनी जाती तो हम ढाई- ढाई साल के फॉर्मूले को अपना सकते थे। उन्होंने कहा, ढाई साल तक बीजेपी का भी मुख्यमंत्री रहता।

उद्धव - क्या यह पहले नहीं हो सकता था?

इतना ही नहीं, उद्धव ने सवाल उठाया कि, 'बीजेपी अब यह कह रही है कि उसने शिवसेना के व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनाया। तो ढाई साल पहले क्यों नहीं बनाया गया? क्या यह पहले नहीं हो सकता था? उद्धव ने बीजेपी से कहा कि, एक तथाकथित 'शिवसैनिक' को मुख्यमंत्री बनाया गया।'

'मैंने अमित शाह से यही कहा था'

पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आगे कहा, 'जिस तरह से ये सरकार (एकनाथ शिंदे सरकार) बनी है। एक तथाकथित शिवसेना कार्यकर्ता को सीएम बना है। मैंने अमित शाह से यही कहा था। यह कार्य सम्मानजनक तरीके से भी किया जा सकता था। उस समय शिवसेना आधिकारिक तौर पर आपके (bjp) के साथ थी। ठाकरे ने सख्त तेवर के साथ कहा, ये मुख्यमंत्री शिवसेना के नहीं हैं।'

मेरा गुस्सा मुंबई के लोगों पर मत निकालो

शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने मेट्रो शेड को आरे शिफ्ट करने के फैसले पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, कि मेरा गुस्सा मुंबई के लोगों पर मत निकालो। मेट्रो शेड को शिफ्ट (shift to metro shed) करने का फैसला मत बदलो। उन्होंने कहा, मुंबई के पर्यावरण के साथ मत खेलो। बता दें कि, डिप्टी सीएम पद की शपथ लेते है देवेंद्र फडणवीस ने मेट्रो शेड को आरे में शिफ्ट करने का आदेश दिया है।

सर्वोच्च अदालत ने इस मामले पर तुरंत सुनवाई से आज इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, कि वह इस मामले पर 11 जुलाई को ही सुनवाई करेगी। तब महाराष्ट्र से संबंधित शेष अर्जियों पर सुनवाई होगी। बता दें कि, यह याचिका शिवसेना के चीफ व्हिप सुनील प्रभु ने लगाई थी।

क्या कहा उद्धव खेमे ने?

आपको बता दें कि, शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट ने कहा था कि जब तक सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) बागी विधायकों की 'अयोग्यता' पर फैसला न दे तब तक विधानसभा में नई सरकार के बहुमत परीक्षण (Majority Test) पर रोक लगाई जाए। शिवसेना नेता सुनील प्रभु ने सर्वोच्च न्यायालय के पिछले आदेश की दुहाई भी दी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने 12 जुलाई 2022 तक यथास्थिति बहाल रखने को कहा था। लेकिन, इस बीच महाराष्ट्र में नई सरकार ने कल शपथ भी ले ली।

जानें क्या था उद्धव खेमे का तर्क?

उद्धव ठाकरे के गुट ने कहा, कि सुप्रीम कोर्ट को इस मसले पर सुनवाई करनी चाहिए ताकि संविधान की 10वीं अनुसूची प्रभावी रहे। उन्होंने आरोप लगाया गया कि डिप्टी स्पीकर को इस वक्त असहाय कर दिया गया। ज्ञात हो कि, डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल ने ही शिवसेना के 16 बागी विधायकों के खिलाफ 'अयोग्यता' की कार्यवाही की शुरुआत करते हुए नोटिस भेजा था। बाद में एकनाथ शिंदे गुट के विधायकों ने डिप्टी स्पीकर पर भेदभाव का आरोप लगाया।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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