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Maharashtra Political Crisis: बागी विधायकों की सुरक्षा के लिए बड़ा फैसला, घरों पर CRPF जवानों की तैनाती
Maharashtra Political Crisis: शिवसैनिकों की ओर से बागी विधायकों और बागी नेता एकनाथ शिंदे के सांसद बेटे के कार्यालय को निशाना बनाए जाने के बाद सुरक्षा मुहैया कराने का फैसला किया।
Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray)के खिलाफ बगावत करने वाले 16 विधायकों की सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। इन बागी विधायकों के खिलाफ उद्धव के समर्थक शिवसैनिकों (Shiv sena) में जबर्दस्त नाराजगी दिख रही है। शिवसेना (Eknath Shinde) के नेता संजय राउत (Sanjay Raut) की ओर से भी इन विधायकों के प्रति शिवसैनिकों में नाराजगी का बयान दिया गया है।
शिवसैनिकों की ओर से बागी विधायकों और बागी नेता एकनाथ शिंदे के सांसद बेटे के कार्यालय को निशाना बनाए जाने के बाद केंद्र सरकार ने सुरक्षा मुहैया कराने का फैसला किया है। इन बागी विधायकों के घरों पर सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ (deployed CRPF) की तैनाती की जा रही है। शिंदे गुट की ओर से इस बाबत केंद्र सरकार से अनुरोध किया गया था।
शिवसैनिकों में दिख रहा है जबर्दस्त गुस्सा
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की ओर से बार-बार अनुरोध किए जाने के बावजूद बागी विधायकों का तेवर बदलता हुआ नहीं दिख रहा है। उद्धव के समर्थक माने जाने वाले शिवसैनिकों में इसे लेकर जबर्दस्त नाराजगी दिख रही है। शिवसैनिकों को इस बात का एहसास हो चुका है कि उद्धव सरकार अब टिकने वाली नहीं है। इसी नाराजगी की वजह से शिवसैनिकों ने प्रदर्शन के बाद तोड़फोड़ शुरू कर दी है।
पुणे में बागी विधायक तानाजी सावंत के कार्यालय में शिवसैनिकों ने जमकर तोड़फोड़ की है। इसके साथ ही एकनाथ शिंदे के सांसद बेटे श्रीकांत शिंदे के ठाणे में बने कार्यालय पर भी जमकर पथराव किया गया है। उस्मानाबाद में विधायक ध्यानराज चौगुले के खिलाफ शिवसैनिकों में प्रदर्शन किया तो मुंबई के खारघर में शिवसैनिकों ने बागी विधायकों का पुतला जलाकर आक्रोश जताया।
राउत पर भड़काने का आरोप
हाल में शिवसेना सांसद संजय राउत की ओर से दिए गए बयानों पर भी कई नेताओं ने आपत्ति जताई है। इन नेताओं का कहना है कि राउत लगातार शिवसैनिकों को भड़काने और बागी विधायकों को धमकी देने की कोशिश में जुटे हुए हैं। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में शिवसैनिकों की ओर से कई और बागी विधायकों के खिलाफ तोड़फोड़ और पथराव का कदम उठाया जा सकता है।
इसलिए केंद्र सरकार की ओर से शिंदे गुट के 16 विधायकों को सुरक्षा मुहैया कराने का फैसला किया गया है। इन 16 विधायकों को महाराष्ट्र विधानसभा उपाध्यक्ष की ओर से अयोग्यता का नोटिस भी जारी किया जा चुका है।
शिंदे गुट के अनुरोध पर बड़ा फैसला
जानकार सूत्रों का कहना है कि शिंदे गुट की ओर से केंद्र सरकार को लिखे गए पत्र के बाद सुरक्षा मुहैया कराने का फैसला किया गया। शिंदे गुट की ओर से शनिवार को इस बाबत केंद्रीय गृह सचिव और महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को पत्र लिखा गया था।
इस पत्र के बाद केंद्र सरकार की ओर से सीआरपीएफ की तैनाती का बड़ा फैसला किया गया है। सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार की ओर से बाबत आदेश जारी किया जा चुका है और शाम तक बागी गुट के विधायकों के घरों पर सीआरपीएफ जवानों की तैनाती कर दी जाएगी।
अब पार्टी पर कब्जे की लड़ाई
इस बीच राज्य भाजपा के एक नेता ने दावा किया है कि महाराष्ट्र में मौजूदा सत्ता संघर्ष की लड़ाई केवल सत्ता में बदलाव मात्र की नहीं है बल्कि यह लड़ाई और शिवसेना पर कब्जे की लड़ाई बन चुकी है। भाजपा नेता ने दावा किया कि एनसीपी शिवसेना को पूरी तरह खत्म करने में लगी हुई है क्योंकि उसकी कोशिश है कि शिवसेना के कमजोर होने पर उसे सियासी लाभ मिल सके। यही कारण है कि एनसीपी शिवसेना को हिंदुत्व की मूल विचारधारा और पार्टी के कोर मतदाताओं से दूर करने की कोशिश में जुटी हुई है।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और शिवसेना के नेता भी एनसीपी मुखिया शरद पवार की इस सियासत को नहीं समझ पा रहे हैं। भाजपा नेता ने कहा कि यदि ठाकरे बगावत के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देते तो उन्हें निश्चित रूप से जनता की सहानुभूति हासिल होती मगर अड़ियल रवैया अपनाने के कारण जनता के बीच उनकी छवि धूमिल हो चुकी है। शिवसेना मतदाताओं के बीच पहले ही कमजोर हो चुकी है और अब उद्धव ठाकरे की कुर्सी बचने की कोई सूरत भी नजर नहीं आ रही है।