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Maharashtra Politics: ग्राम पंचायत चुनाव में भाजपा-शिंदे गुट ने दिखाई ताकत, अब BMC चुनावों का इंतजार
Maharashtra Politics: 16 जिलों की 547 ग्राम पंचायतों के चुनावों में भाजपा और शिंदे गुट के कुल मिलाकर 50 फ़ीसदी से अधिक उम्मीदवार सरपंच चुने गए हैं।
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली महाविकास अघाड़ी गठबंधन की सरकार गिरने के बाद शिंदे गुट भाजपा के साथ मिलकर अपनी ताकत बढ़ाने में जुटा हुआ है। बगावत के जरिए शिवसेना को बड़ा झटका देने के बाद भाजपा ने शिंदे गुट के साथ मिलकर ग्राम पंचायतों के चुनाव में अपनी ताकत दिखा दी है। 16 जिलों की 547 ग्राम पंचायतों के चुनावों में भाजपा और शिंदे गुट के कुल मिलाकर 50 फ़ीसदी से अधिक उम्मीदवार सरपंच चुने गए हैं।
अब भाजपा और शिंदे गुट को बीएमसी के चुनावों का इंतजार है। बीएमसी चुनाव के लिए भीतर ही भीतर जोरदार तैयारियां की जा जा रही हैं। मौजूदा समय में बीएमसी पर शिवसेना का कब्जा है मगर भाजपा इस बार शिवसेना को बड़ा झटका देने की तैयारी में जुटी हुई है। बीएमसी के चुनावों में भी शिवसेना को झटका लगना तय माना जा रहा है।
50 फ़ीसदी से ज्यादा सरपंच चुने गए
उद्धव सरकार को सत्ता से बेदखल करने के बाद भाजपा-शिंदे गुट महाविकास अघाड़ी गठबंधन में शामिल शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस को लगातार झटका देने में जुटा हुआ है। भाजपा ग्रामीण इलाकों में भी अपनी ताकत दिखाने में जुटी हुई है। इसी कड़ी में ग्राम पंचायतों के चुनाव में पार्टी ने बड़ी कामयाबी हासिल की है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने दावा किया है कि ग्राम पंचायतों के चुनाव में सत्तारूढ़ गठबंधन को मतदाताओं का व्यापक समर्थन मिला है।
भाजपा नेता ने कहा कि 16 जिलों में भाजपा समर्थित 259 सरपंच चुने गए हैं। शिंदे गुट से जुड़े हुए 40 उम्मीदवार भी सरपंच बनने में कामयाब हुए हैं। ग्राम पंचायतों के चुनाव के अलावा सरपंच के लिए भी सीधे तौर पर मतदान कराया गया था। उन्होंने कहा कि भाजपा-शिंदे गुट ने अपनी ताकत दिखा दी है और गठबंधन के 50 फ़ीसदी से ज्यादा सरपंच चुनाव जीतने में कामयाब रहे हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि इन चुनाव नतीजों से इस बात की पुष्टि होती है कि महाराष्ट्र के लोगों का भाजपा-शिंदे सरकार में पूरी तरह भरोसा बना हुआ है।
शिवसेना से जंग हुई और तीखी
ग्राम पंचायतों के चुनाव नतीजों को लेकर अभी तक विपक्ष की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं जताई गई है। हालांकि इन चुनाव नतीजों को विपक्ष के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। महाराष्ट्र में हुए बड़े सियासी बदलाव के बाद शिंदे गुट और शिवसेना में असली शिवसेना की जंग लगातार तेज होती जा रही है।
शिंदे गुट शिवसेना को हर मोर्चे पर पटखनी देने की कोशिश में जुटा हुआ है। शिवाजी पार्क में दशहरा रैली को लेकर भी दोनों गुटों ने एक-दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। दोनों गुटों की ओर से किए गए आवेदन पर बीएमसी ने अभी तक कोई फैसला नहीं किया है।
अब बीएमसी चुनाव में होगी परीक्षा
ग्राम पंचायतों के चुनाव के बाद अब बीएमसी चुनावों का इंतजार किया जा रहा है। हालांकि अभी तक बीएमसी चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं किया गया है मगर इस चुनाव में भी शिवसेना को बड़ा झटका देने की तैयारी है। भाजपा और शिंदे गुट ने पहले से ही इन चुनावों की तैयारियां शुरू कर दी हैं। गृह मंत्री अमित शाह ने अपने पिछले महाराष्ट्र मुंबई दौरे में बीएमसी चुनाव के लिए जुट जाने का निर्देश दिया था।
फिलहाल बीएमसी पर शिवसेना का कब्जा है मगर भाजपा और शिंदे गुट की ओर से इस बार बीएमसी में बहुमत हासिल करने की जीतोड़ कोशिश की जा रही हैं। भाजपा-शिंदे गुट को जवाब देने के लिए उद्धव गुट और अन्य विपक्षी दल भी तैयारियों में जुटे हुए हैं। माना जा रहा है कि चुनाव के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी जंग होगी।