Maharashtra: शिवाजी की प्रतिमा गिरने पर गरमाई सियासत, विपक्ष की बड़े आंदोलन की रणनीति से सरकार की मुसीबत बढ़ी

Maharashtra: विपक्ष ने इसे बड़ा मुद्दा बना लिया है। महाराष्ट्र में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और इसलिए विपक्षी दल इस मुद्दे को लगातार गरमाए रखने की कोशिश में जुटे हुए हैं।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 30 Aug 2024 3:45 AM GMT
Maharashtra
X

शिवा जी की गिरी प्रतिमा (Pic: Social Media)

Maharashtra: महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने का मामला राज्य की शिंदे सरकार के लिए बड़ी मुसीबत बन गया है। विधानसभा चुनाव से पहले इस मुद्दे ने विपक्ष के हाथ बड़ा हथियार दे दिया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम अजित पवार शिवाजी की प्रतिमा गिरने के मुद्दे पर राज्य की जनता से माफी मांग चुके हैं मगर इसे लेकर पैदा हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है।

महाविकास अघाड़ी गठबंधन में शामिल तीनों दलों शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और एनसीपी (शरद पवार गुट) ने इस मुद्दे को लगातार गरमाए रखने का फैसला किया है। इसी के तहत अब एक सितंबर को सरकार को ‘जूते मारो आंदोलन’ किया जाएगा। दरअसल विपक्षी दल इस मुद्दे को लेकर जनता की नाराजगी को भुनाने की कोशिश में जुट गए हैं। दूसरी ओर सत्तारूढ़ खेमा इस मुद्दे पर पैदा हुए आक्रोश को थामने की कोशिश में जुटा हुआ है।

अब सरकार के खिलाफ ‘जूते मारो आंदोलन’

सिंधुदुर्ग जिले में पिछले दिनों शिवाजी महाराज की विशालकाय प्रतिमा गिर गई थी। उल्लेखनीय बात यह है कि इस प्रतिमा का अनावरण खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। ऐसे में विपक्ष ने इसे बड़ा मुद्दा बना लिया है। महाराष्ट्र में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और इसलिए विपक्षी दल इस मुद्दे को लगातार गरमाए रखने की कोशिश में जुटे हुए हैं। विपक्षी गठबंधन ने अब इस मुद्दे को लेकर सड़कों पर उतरने का फैसला किया है। इसके तहत एक सितंबर को मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया के पास स्थापित छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के सामने ‘सरकार को जूते मारो’ आंदोलन का आह्वान किया गया है। इस दौरान विपक्षी की ओर से राज्य के शिंदे सरकार को घेरने की तैयारी की गई है।


विपक्ष के सारे बड़े नेता हुए एकजुट

विपक्षी दलों की ओर से इस मुद्दे को कितना महत्व दिया जा रहा है, इसे इस बात से ही समझा जा सकता है कि आंदोलन के दौरान महाविकास अघाड़ी गठबंधन के सभी वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे। एनसीपी (शरद चंद्र पवार) के अध्यक्ष शरद पवार, शिवसेना (यूबीटी) के मुखिया उद्धव ठाकरे और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले भी आंदोलन में हिस्सा लेंगे। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने महाविकास अघाड़ी गठबंधन से जुड़े सभी कार्यकर्ताओं से इस आंदोलन में हिस्सा लेने की अपील की है। विपक्षी दलों की ओर से तय किए गए कार्यक्रम के मुताबिक एक सितंबर को गठबंधन के सभी नेता और कार्यकर्ता हुतात्मा चौक से गेटवे ऑफ इंडिया तक मार्च निकालेंगे। बाद में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के सामने राज्य सरकार के खिलाफ विरोध जताए जाने की तैयारी है।

शिंदे सरकार को उखाड़ फेंकने का आह्वान

सियासी जानकारों का मानना है कि शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने के मुद्दे को विपक्षी दल लगातार गरमाए रखना चाहते हैं। खासतौर पर पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस मुद्दे को लेकर सरकार पर हमलावर रुख अपना रखा है। एक दिन पहले सरपंचों की बैठक के दौरान भी उन्होंने राज्य की शिंदे सरकार पर तीखा हमला बोला था और इस सरकार को उखाड़ फेंकने का आह्वान किया था। उनका कहना था कि राज्य की शिंदे सरकार के राज्य में भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच चुका है जिसका ताजा उदाहरण शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने की घटना है। उन्होंने कहा कि डबल इंजन या ट्रिपल इंजन लगाने से कोई फायदा नहीं होने वाला है क्योंकि यह सरकार महाराष्ट्र की जनता के लिए काम नहीं कर रही है। शिवाजी महाराज की प्रतिमा के मुद्दे पर गुरुवार को भी गठबंधन के नेताओं और कार्यकर्ताओं की ओर से मार्च निकाला गया था।


डैमेज कंट्रोल में जुटी हुई है सरकार

शिवाजी महाराज की प्रतिमा के मुद्दे पर महाराष्ट्र के लोगों में नाराजगी दिख रही है और यही कारण है कि सत्तारूढ़ खेमे की ओर से डैमेज कंट्रोल की कोशिश की जा रही है। इसी के तहत मुख्यमंत्री शिंदे और डिप्टी सीएम अजित पवार ने माफी मांग कर मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की मगर दोनों नेता लोगों की नाराजगी दूर करने में कामयाब नहीं हो सके हैं। चुनावी माहौल होने के कारण यह मुद्दा और गरमा गया गया है और राज्य सरकार इस कोशिश में जुटी हुई है कि आखिरकार इस मुद्दे को किस तरह ठंडा किया जाए।

Sidheshwar Nath Pandey

Sidheshwar Nath Pandey

Content Writer

मेरा नाम सिद्धेश्वर नाथ पांडे है। मैंने इलाहाबाद विश्विद्यालय से मीडिया स्टडीज से स्नातक की पढ़ाई की है। फ्रीलांस राइटिंग में करीब एक साल के अनुभव के साथ अभी मैं NewsTrack में हिंदी कंटेंट राइटर के रूप में काम करता हूं। पत्रकारिता के अलावा किताबें पढ़ना और घूमना मेरी हॉबी हैं।

Next Story