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Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में भाजपा का बड़ा सियासी दांव, राज ठाकरे के बेटे अमित को मंत्री बनाने की तैयारी

Maharashtra Politics: मौजूदा समय में अमित ठाकरे किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं मगर फिर भी भाजपा उन्हें मंत्री बनाकर ठाकरे परिवार को एक और झटका देना चाहती है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 14 July 2022 9:25 AM IST
Raj Thackeray son Amit Thackeray
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राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे (photo: social media ) 

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Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में भाजपा शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को एक और बड़ा झटका देने की तैयारी में जुटी हुई है। उद्धव को सत्ता से बेदखल करने के बाद ठाकरे परिवार का असर कम करने के लिए भाजपा (BJP) एक और सियासी दांव चलने की तैयारी में है। जानकारों के मुताबिक महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे (Raj Thackeray) के बेटे अमित ठाकरे (Amit Thackeray) को मंत्री बनाने की पेशकश की गई है।

मौजूदा समय में अमित ठाकरे (Amit Thackeray) किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं मगर फिर भी भाजपा उन्हें मंत्री बनाकर ठाकरे परिवार को एक और झटका देना चाहती है। भाजपा ने इस बाबत महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख से संपर्क साधा है। हालांकि अभी तक मनसे की ओर से इस बाबत कोई प्रतिक्रिया नहीं जताई गई है।

आदित्य ठाकरे को मिलेगी सीधी चुनौती

शिवसेना में हुई बगावत के बाद उद्धव ठाकरे के सामने महाराष्ट्र में शिवसेना को एक बार फिर मजबूती से खड़ा करने की बड़ी चुनौती है। वे लगातार पार्टी पदाधिकारियों की बैठक करने में जुटे हुए हैं। दूसरी ओर भाजपा ठाकरे परिवार का असर और कम करने की मुहिम में जुटी हुई है। इसी कड़ी में पार्टी की ओर से राज ठाकरे के बेटे को आगे करने की तैयारी है। सियासी जानकारों का मानना है कि भाजपा के इस कदम से शिवसेना को और झटका लग सकता है।

हाल के दिनों में उद्धव ठाकरे अपने बेटे आदित्य ठाकरे को सियासी रूप से मजबूत बनाने की कोशिश में जुटे रहे हैं। उद्धव ने आदित्य को अपने मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री भी बनाया था। ऐसे में भाजपा आदित्य के मुकाबले ठाकरे परिवार के एक और युवा नेता को खड़ा करने की कोशिश में लगी हुई है ताकि आने वाले दिनों में ठाकरे परिवार के असर को और कम किया जा सके। अमित ठाकरे को मंत्री बनाने के बाद उन्हें आदित्य ठाकरे के मुकाबले समानांतर खड़ा करने में मदद मिलेगी। इसी कारण भाजपा ने यह कोशिश शुरू की है।

फडणवीस ने तैयार की है योजना

भाजपा सूत्रों का कहना है कि यह पूरी योजना राज्य के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस की ओर से तैयार की गई है। फडणवीस इस बाबत बुधवार को राज ठाकरे के साथ बैठक भी करने वाले थे मगर बाद में बैठक को स्थगित कर दिया गया। जानकारों का कहना है कि मनसे प्रमुख राज ठाकरे अभी इस प्रस्ताव के लिए तैयार नहीं हो रहे हैं। बागी विधायकों के नेता एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाकर भाजपा शिवसेना को पहले ही सियासी रूप से बड़ा झटका दे चुकी है।

शिंदे के मुख्यमंत्री के बाद कई नगर निकायों में भी शिवसेना को बड़ा झटका लग चुका है और काफी संख्या में पार्षद शिवसेना छोड़कर शिंदे गुट में शामिल हो चुके हैं। ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे कई चुनौतियों के बीच घिरे हुए हैं। सबसे बड़ी चुनौती तो शिवसेना का वजूद बचाने की है।

शिवसेना से सहयोगी दल भी नाराज

राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने की घोषणा के बाद शिवसेना के सहयोगी दल कांग्रेस और एनसीपी के नेता भी नाराज बताए जा रहे हैं। कांग्रेस ने शिवसेना प्रमुख के इस फैसले पर खुलकर नाराजगी जाहिर भी कर दी है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में सहयोगी दलों से शिवसेना के रिश्ते और बिगड़ सकते हैं।

एनसीपी के मुखिया शरद पवार ने हाल में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के मिलकर अगले विधानसभा चुनाव में उतरने की बात कही थी मगर जानकारों का कहना है कि तब तक तीनों दलों के बीच गठबंधन बने रहना मुश्किल नजर आ रहा है। ऐसे में शिवसेना को एक बार फिर अपने दम पर खड़े करना उद्धव के लिए बड़ी चुनौती साबित होगी।



Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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