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Maharashtra Politics: वोटिंग के समय आखिर क्यों गायब रहे कांग्रेस के 11 विधायक, पार्टी नेता बता रहे बड़ी लापरवाही

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र विधानसभा में सोमवार को शिंदे सरकार के बहुमत परीक्षण पर वोटिंग के समय कांग्रेस के 11 विधायकों का गायब रहना चर्चा का विषय बन गया है। शिंदे सरकार ने सोमवार को 164 वोट हासिल करते हुए बहुमत परीक्षण की परीक्षा पास कर ली।

Anshuman Tiwari
Published on: 5 July 2022 4:56 AM GMT
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
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भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (फोटों साभार सोशल मीडिया)

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र विधानसभा में सोमवार को शिंदे सरकार के बहुमत परीक्षण पर वोटिंग के समय कांग्रेस के 11 विधायकों का गायब रहना चर्चा का विषय बन गया है। शिंदे सरकार ने सोमवार को 164 वोट हासिल करते हुए बहुमत परीक्षण की परीक्षा पास कर ली। वोटिंग के समय विपक्ष के कई विधायक सदन में मौजूद नहीं थे और इनमें कांग्रेस के 11 विधायक शामिल हैं। वोटिंग के समय गायब रहने वाले विधायकों में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण भी शामिल है। हालांकि विधायकों ने ट्रैफिक जाम में फ॔स जाने को इसका कारण बताया हैं, मगर पार्टी के कुछ नेता इसे बड़ी लापरवाही मान रहे हैं। पार्टी के एक नेता का कहना है कि वोटिंग को लेकर पार्टी की ओर से कोई रणनीति तक नहीं बनाई गई थी।

गायब विधायकों में पूर्व सीएम भी शामिल

कांग्रेस के कई नेताओं ने इस बात को लेकर चिंता जताई है कि शिंदे सरकार के विश्वासमत प्रस्ताव पर वोटिंग के समय पार्टी के 11 विधायक गायब रहे। एक अंग्रेजी अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक पार्टी नेताओं ने इसे विधायकों की बड़ी लापरवाही बताया है। विधायकों में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण का शामिल होना भी चिंता का बड़ा विषय बना है। हालांकि चव्हाण का कहना है कि वे ट्रैफिक जाम में फंसने के कारण समय पर विधानसभा नहीं पहुंच सके।

चव्हाण ने कहा कि वे दो-तीन मिनट विलंब से पहुंचे थे मगर तब तक सदन के दरवाजे बंद हो चुके थे। महाराष्ट्र कांग्रेस के एक नेता का कहना है कि इतनी ज्यादा संख्या में विधायकों के सदन से गायब रहने के बाद इन विधायकों के दूसरे दलों से संपर्क होने की चर्चाएं तक शुरू हो गईं। इतने महत्वपूर्ण मौके पर कांग्रेस विधायकों का ऐसा व्यवहार चौंकाने वाला है और इसे बड़ी लापरवाही माना जाना चाहिए।

पार्टी ने नहीं बनाई थी कोई रणनीति

दूसरी ओर कांग्रेस प्रभारी एच के पाटिल का कहना है कि आठ विधायक विधानसभा पहुंच गए थे मगर विलंब से पहुंचने के कारण सदन में दाखिल नहीं हो सके। वे बारिश और ट्रैफिक जाम में फ॔स जाने के कारण विलंब से सदन में पहुंचे थे। कभी-कभी आदमी को ऐसी स्थितियों का सामना करना पड़ता है।

दूसरी ओर कांग्रेस के एक नेता का कहना है कि फ्लोर टेस्ट से पहले पार्टी की बैठक बुलाकर रणनीति तैयार की जानी चाहिए थी। इतना महत्वपूर्ण मुद्दा होने के बावजूद पार्टी की ओर से कोई बैठक तक नहीं आयोजित की गई। विधानसभा में कांग्रेस विधायकों की उपस्थिति की निगरानी तक के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई थी।

सदन से गायब रहने पर दी सफाई

सदन से गायब रहने वाले बांद्रा के विधायक जीशान सिद्दीकी ने कहा कि हमें उम्मीद थी कि पहले विश्वासमत प्रस्ताव पर बहस होगी। हमें उम्मीद थी कि मतदान बाद में कराया जाएगा। इसीलिए हम लॉबी में इंतजार कर रहे थे। उन्होंने कहा विश्वासमत प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले पार्टी की कोई बैठक नहीं हुई थी और हमें 11 बजे सदन में पहुंचने का निर्देश दिया गया था। हमने स्पीकर के पास सदन में दाखिल होने के लिए संदेश भी भेजा मगर उधर से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली।

सदन में अनुपस्थित रहने वाले विधायकों में सुशील शिंदे की बेटी प्रणति शिंदे भी शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि रविवार को स्पीकर का चुनाव जीतने के बाद शिंदे सरकार ने सोमवार को सदन में अपना बहुमत भी साबित कर दिया। शिंदे सरकार को 144 मतों की जरूरत थी मगर सरकार के पक्ष में 164 मत पड़े जबकि 99 विधायकों ने विश्वास प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया।

Prashant Dixit

Prashant Dixit

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