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Maharashtra Politics: फडणवीस के पक्ष में उतरा संघ,भाजपा नेतृत्व को दिया साफ संदेश, ऐलान में देरी पर जताई नाराजगी

Maharashtra News: संघ की ओर से फडणवीस के नाम को लेकर दबाव बनाए जाने के बाद मुरलीधर मोहोल का बयान भी सामने आया है। उन्होंने एक पोस्ट में स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री पद को लेकर उनके नाम की चर्चा महज अफवाह है।

Anshuman Tiwari
Published on: 1 Dec 2024 9:24 AM IST (Updated on: 1 Dec 2024 10:08 AM IST)
Maharashtra Politics: फडणवीस के पक्ष में उतरा संघ,भाजपा नेतृत्व को दिया साफ संदेश, ऐलान में देरी पर जताई नाराजगी
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फडणवीस के पक्ष में उतरा संघ,भाजपा नेतृत्व को दिया साफ संदेश, ऐलान में देरी पर जताई नाराजगी (Pic:Social Media)

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 5 दिसंबर को होने वाला है मगर अभी तक मुख्यमंत्री पद को लेकर तस्वीर साफ नहीं हो सकी है। इस बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से भाजपा नेतृत्व को देवेंद्र फडणवीस को ही राज्य का नया मुख्यमंत्री बनाने का साफ संदेश दिया गया है। संघ का मानना है कि महाराष्ट्र की जीत में फडणवीस की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है और इसलिए मुख्यमंत्री पद की कमान उन्हें ही सौंपी जानी चाहिए। इसके साथ ही संघ भाजपा में चल रही अन्य नामों की चर्चा पर भी नाराजगी जताई है।

महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में इस बार सत्तारूढ़ महायुति ने बड़ी जीत हासिल की है। भाजपा ने अकेले 132 सीटों पर जीत हासिल करते हुए अपनी ताकत दिखा दी है। महायुति में शामिल शिंदे की शिवसेना को 57 और एनसीपी के अजित पवार गुट को 41 सीटों पर जीत मिली है। चुनाव नतीजे की घोषणा 23 नवंबर को की गई थी मगर एक सप्ताह बाद भी अभी तक मुख्यमंत्री का चेहरा सामने नहीं आ सका है।

संघ की ओर से फडणवीस की वकालत

गृह मंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का नाम तय करने के लिए पिछले दिनों बड़ी बैठक की थी। इस बैठक में देवेंद्र फडणवीस के अलावा एकनाथ शिंदे और अजित पवार भी मौजूद थे। इस महत्वपूर्ण बैठक के बाद भी अभी तक मुख्यमंत्री पद को लेकर तस्वीर साफ नहीं हो सकी है जिसे लेकर संघ की ओर से नाराजगी जताई गई है। मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर जारी असमंजस पर संघ नाखुश है।

महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली बड़ी जीत के पीछे इस बार संघ की महत्वपूर्ण भूमिका मानी जा रही है। जानकारों का कहना है कि संघ के स्वयंसेवकों ने महाराष्ट्र के हर जिले में बड़ा अभियान चलाकर सत्तारूढ़ महायुति की जीत सुनिश्चित करने में बड़ी भूमिका निभाई है। संघ की ओर से सबके बीच देवेंद्र फडणवीस का चेहरा ही सामने रखा जा रहा था। ऐसे में संघ की ओर से देवेंद्र फडणवीस के नाम की अब दमदार वकालत की गई है।

दावेदारी को नकारने पर होगा नुकसान

संघ के फ्रंटल संगठन राष्ट्रीय मुस्लिम मंच से जुड़े एक नेता ने बताया कि संघ की ओर से भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को साफ तौर पर संदेश दिया गया है कि फडणवीस को ही राज्य का मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए। संघ का मानना है कि महायुति की इस बड़ी जीत में फडणवीस की निर्णायक भूमिका रही है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

संघ का यह भी मानना है कि यदि भाजपा की ओर से फडणवीस की दावेदारी को नकारा गया तो इससे महाराष्ट्र में जल्द होने वाले स्थानीय निकाय चुनाव में पार्टी को नुकसान उठाना पड़ सकता है। बीएमसी चुनाव में भी पार्टी को झटका लग सकता है। बीएमसी का चुनाव भाजपा के लिए काफी अहम माना जा रहा है।

अन्य दावेदारों की चर्चा पर नाराजगी

हाल के दिनों में महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में कई अन्य नाम भी सामने आए हैं जिसे लेकर संघ नाराज है। महाराष्ट्र के सियासी गलियारों में जिन नामों की चर्चा सुनी जा रही है, उनमें भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले, केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल और चंद्रकांत पाटिल के नाम शामिल हैं। चंद्रकांत पाटिल,मोहोल और और विनोद तावड़े मराठा समुदाय से आते हैं जबकि बावनकुले ओबीसी वर्ग से जुड़े हुए हैं। दूसरी ओर फडणवीस ब्राह्मण समुदाय से हैं।

विधानसभा चुनाव के दौरान मराठा और ओबीसी वर्ग ने महायुति को जीत दिलाने में बड़ी भूमिका निभाई है। ऐसे में भाजपा के एक वर्ग का मानना है कि मुख्यमंत्री पद के चयन में इस वर्ग की दावेदारी का ध्यान रखा जाना चाहिए। दूसरी ओर संघ का मानना है कि एकनाथ शिंदे और अजित पवार दोनों मराठा समुदाय से जुड़े हुए हैं इसलिए मराठा समुदाय को लेकर कोई दबाव नहीं बनाया जाना चाहिए।

अब फडणवीस का मुख्यमंत्री बनना तय

संघ की ओर से फडणवीस के नाम को लेकर दबाव बनाए जाने के बाद मुरलीधर मोहोल का बयान भी सामने आया है। उन्होंने एक पोस्ट में स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री पद को लेकर उनके नाम की चर्चा महज अफवाह है। उन्होंने कहा कि भाजपा अनुशासित पार्टी है और पार्टी का निर्णय ही अंतिम होगा। उन्होंने कहा कि पार्टी में हर महत्वपूर्ण निर्णय संसदीय बोर्ड की ओर से लिया जाता है। ऐसे में सोशल मीडिया और अन्य चर्चाओं का कोई महत्व नहीं है।

सियासी जानकारों का कहना है कि संघ की ओर से दबाव बनाए जाने के बाद अब देवेंद्र फडणवीस के नाम का ऐलान तय हो गया है। भाजपा विधायक दल की बैठक में जल्द ही उन्हें नेता चुना जाएगा क्योंकि मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण की तारीख भी घोषित की जा चुकी है। 5 दिसंबर को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत भाजपा के अन्य दिग्गज नेता भी हिस्सा लेंगे।



Ragini Sinha

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