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Maharashtra Politics: उद्धव को बड़ा झटका देने की तैयारी में शिंदे, अब सांसद बना सकते नया अलग गुट
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे को एक और बड़ा झटका देने की तैयारी में जुटे हुए हैं। शिंदे अब संसद में भी उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका दे सकते हैं।
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे को एक और बड़ा झटका देने की तैयारी में जुटे हुए हैं। शिवसेना के 40 विधायकों को तोड़कर भाजपा के समर्थन से महाराष्ट्र में सरकार बनाने वाले शिंदे अब संसद में भी उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका दे सकते हैं। शिंदे की अगुवाई में विधायकों की बगावत के बाद अब सांसद भी बागी तेवर दिखा रहे हैं। पार्टी के एक सांसद ने दावा किया है कि लोकसभा में पार्टी के कम से कम 12 सांसद अपना अलग गुट बनाएंगे।
मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद शिंदे कल रात दूसरी बार राजधानी दिल्ली के दौरे पर पहुंचे। माना जा रहा है कि अपने मौजूदा दौरे के समय में शिंदे चुनाव आयोग से भी संपर्क साध सकते हैं। उन्होंने सोमवार को पार्टी की नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी का गठन किया है। उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग में पहले ही कैविएट दाखिल कर रखी है ताकि कोई भी फैसला लेने से पहले उनका भी पक्ष सुना जाए।
शिंदे ने किया यह बड़ा दावा
शिंदे गुट से जुड़े हुए सूत्रों का कहना है कि अब संसद में भी उद्धव गुट को बड़ा झटका लग सकता है। सांसदों के दबाव पर ही राष्ट्रपति चुनाव में उद्धव एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने के लिए मजबूर हुए थे। शिंदे की ओर से सोमवार को की गई बैठक में शिवसेना के 12 सांसद ऑनलाइन जुड़े थे। इसे देखते हुए माना जा रहा है कि सांसद भी बागी तेवर अपनाने को तैयार बैठे हैं।
हालांकि दिल्ली पहुंचने के बाद शिंदे ने दावा किया है कि शिवसेना के 18 सांसद उनके साथ हैं। शिवसेना के एक सांसद ने लोकसभा में अलग गुट बनाने की बात पहले ही कह दी है। माना जा रहा है कि अपने मौजूदा दौरे के समय शिंदे बागी सांसदों के साथ दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस भी कर सकते हैं। इसके साथ ही महाराष्ट्र के मंत्रिमंडल विस्तार पर वे भाजपा नेताओं से चर्चा भी करेंगे।
नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी का गठन
मुख्यमंत्री शिंदे लगातार शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे पर दबाव बढ़ाते जा रहे हैं। सोमवार को उन्होंने पार्टी की नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी का गठन किया। इसमें सबसे खास बात यह रही कि उद्धव ठाकरे को ही पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया है जबकि शिंदे ने नए प्रमुख नेता का पद संभाला है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी में ऐसे कई विधायकों को शामिल किया है जिन्होंने शिवसेना से बगावत करके शिंदे गुट का दामन थामा है।
माना जा रहा है कि नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी के गठन के बाद शिंदे गुट चुनाव आयोग में दस्तक देगा। शिंदे गुट की ओर से चुनाव आयोग में यह दलील देने की तैयारी है कि बागी गुट ही असली शिवसेना है और उसे मान्यता मिलनी चाहिए। बागी गुट की नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की कल मुंबई में हुई बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा भी की गई थी।
नई कार्यकारिणी की वैधता नहीं
दूसरी ओर पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी पर करारा तंज कसा है। उन्होंने कहा कि सभी जानकार लोगों को इस बात की जानकारी है कि इस नई राष्ट्रीय कार्यकारणी की कोई कानूनी वैधता नहीं है। इस कार्यकारिणी के गठन का कोई मतलब नहीं है।
उन्होंने कहा कि शिंदे गुट के लोग कॉमेडी एक्सप्रेस का सीजन 2 चला रहे हैं। सीजन वन मुंबई विधानसभा में हुआ था और अब सीजन 2 शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि बाला साहब ठाकरे की शिवसेना ही असली है और उद्धव ठाकरे ही इसके अध्यक्ष हैं। उद्धव ठाकरे को ही संगठन में किसी भी प्रकार के फेरबदल का अधिकार हासिल है।