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Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति में खींचतान बढ़ी, कई मुद्दों को लेकर शिंदे नाराज, बैठकों से बनाई दूरी

Maharashtra Politics: डिप्टी सीएम शिंदे की नाराजगी को इस बात से समझा जा सकता है कि उन्होंने मुख्यमंत्री की ओर से बुलाई गई कैबिनेट बैठक से दूरी बना ली।

Anshuman Tiwari
Published on: 4 Feb 2025 11:51 AM IST
Maharashtra Politics
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Maharashtra Politics Tension increased in Mahayuti Deputy CM Shinde is angry over many issues (Photo: Social Media)

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत हासिल करने के बाद सत्तारूढ़ महायुति में खींचतान लगातार बढ़ती जा रही है। मुख्यमंत्री पद हाथ से निकलने के बाद डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे कई अन्य मुद्दों को लेकर नाराज हैं और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस अभी तक उनकी शिकायतें दूर नहीं कर सके हैं।

उन्होंने कैबिनेट समिति कई महत्वपूर्ण बैठकों से दूरी बना ली है जिसे उनकी नाराजगी का बड़ा संकेत माना जा रहा है। जिलों के प्रभारी मंत्री के मुद्दे पर भी तकरार काफी बढ़ गई है और दावोस से लौटने के 10 दिन बाद भी मुख्यमंत्री शिंदे की शिवसेना और एनसीपी नेताओं की नाराजगी दूर नहीं कर सके हैं।

मुख्यमंत्री की बैठकों से शिंदे ने बनाई दूरी

डिप्टी सीएम शिंदे की नाराजगी को इस बात से समझा जा सकता है कि उन्होंने मुख्यमंत्री की ओर से बुलाई गई कैबिनेट बैठक से दूरी बना ली। इसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री की ओर से बुलाई गई एक और अहम बैठक में भी हिस्सा नहीं लिया। इस बैठक में हाउसिंग से जुड़ी परियोजनाओं पर चर्चा होनी थी और हाउसिंग से जुड़ा मंत्रालय शिंदे के पास ही है।

इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए दूसरे डिप्टी सीएम अजित पवार तो पहुंचे मगर शिंदे के बैठक में न पहुंचने से तमाम तरह की अटकलें लगाई जाने लगीं। हालांकि शिंदे गुट की ओर से गृह राज्य मंत्री योगेश कदम बैठक में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे मगर शिंदे के खुद न पहुंचने से तमाम सवाल खड़े किए जाने लगे।

प्रभारी मंत्री को लेकर खींचतान बढ़ी

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ महायुति की बड़ी जीत के बाद शिंदे ने मुख्यमंत्री की कुर्सी पर निगाहें गड़ा रखी थीं मगर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने इस बार उन्हें करारा झटका दिया था। इसके बाद इच्छा जताने के बावजूद उन्हें गृह मंत्रालय भी नहीं मिला और अब जिलों के प्रभारी मंत्रियों की तैनाती के मुद्दे पर शिंदे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से नाराज बताए जा रहे हैं। जानकार सूत्रों का कहना है कि इसी कारण उन्होंने जरूरी बैठकों से भी दूरी बना रखी है।

खास तौर पर रायगढ़ और नासिक जिलों के प्रभारी मंत्रियों को लेकर खींचतान की स्थिति दिख रही है। मुख्यमंत्री फडणवीस अभी तक इस मामले को सुलझा नहीं सके हैं। नासिक में भाजपा के प्रभारी मंत्री गिरीश महाजन को प्रभारी मंत्री बनाया गया था जबकि रायगढ़ में एनसीपी की अदिति तटकरे को यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इसे लेकर विवाद पैदा होने के बाद फडणवीस ने दावोस से ही इन नियुक्तियों को रद्द कर दिया था।

शिंदे और पवार गुट झुकने को तैयार नहीं

दरअसल शिंदे की शिवसेना ने इन दोनों जिलों पर अपनी निगाहें गड़ा रखी हैं पार्टी के नेता भारत गोगावले और दादा भुसे इन जिलों में प्रभारी मंत्री के दावेदार बताए जा रहे हैं मगर मुख्यमंत्री ने अभी तक इन दोनों के नामों को हरी झंडी नहीं दी है। दूसरी और डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे अपनी पार्टी के नेताओं का बचाव करने में जुटे हुए हैं। उनका कहना है कि प्रभारी मंत्री बनने की चाहत रखने में कुछ भी गलत नहीं है।

शिंदे गुट की ओर से सार्वजनिक रूप से प्रभारी मंत्री बनाए जाने की मांग की जा चुकी है और इसके लिए हाईवे तक जाम किया जा चुका है। प्रभारी मंत्री को मुद्दे पर शिंदे गुट और एनसीपी के अजित पवार गुट में भी खींचतान की स्थिति दिख रही है और दोनों गुटों ने साफ तौर पर कहा है कि वे इस मुद्दे पर झुकेंगे नहीं।

अब सबकी निगाहें मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के फैसले पर टिकी हुई हैं। सियासी जानकारों का मानना है कि महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन के बीच सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है और इसे लेकर अटकलें का बाजार लगातार गरम होता जा रहा है।



Ragini Sinha

Ragini Sinha

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