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Maharashtra Politics: एकनाथ शिंदे को सम्मानित करने पर भड़की उद्धव की शिवसेना, संजय राउत ने शरद पवार को जमकर सुनाया
Maharashtra Politics: संजय राउत ने कहा कि शरद पवार ने ऐसे व्यक्ति को सम्मानित किया है जिसने महाराष्ट्र के गौरव को ठेस पहुंचाई है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में महाराष्ट्र का राजनीतिक परिदृश्य अजीब दिख रहा है।
Eknath Shinde Sharad Pawar (photo: social media )
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे को सम्मानित किए जाने पर उद्धव ठाकरे की शिवसेना भड़क गई है। एनसीपी नेता और देश के पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार ने नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान शिंदे को महादजी शिंदे राष्ट्र गौरव सम्मान प्रदान किया है। यह कार्यक्रम तो दिल्ली में आयोजित किया गया मगर इसका सियासी असर महाराष्ट्र में दिख रहा है। उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने शरद पवार के इस कदम पर तीखी प्रतिक्रिया जताते हुए उन्हें जमकर खरी-खोटी सुनाई है।
शिंदे को सम्मानित करना हमें स्वीकार नहीं
संजय राउत ने कहा कि शरद पवार ने ऐसे व्यक्ति को सम्मानित किया है जिसने महाराष्ट्र के गौरव को ठेस पहुंचाई है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में महाराष्ट्र का राजनीतिक परिदृश्य अजीब दिख रहा है। महाराष्ट्र में यह देखने वाली बात होगी कि कौन किसको धोखा देता है और कौन किसका समर्थन करता है। महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की सच्चाई सबको पता है। उन्होंने विश्वासघात करते हुए उद्धव ठाकरे की सरकार गिराई थी।
उन्होंने कहा कि यह मान्यता सही हो सकती है कि राजनीति में दोस्त और दुश्मन नहीं होते। वैसे यह भी समझना होगा कि महाराष्ट्र के खिलाफ काम करने वालों को इस तरह से सम्मानित करना राज्य के लिए हानिकारक है। उन्होंने कहा कि शिंदे को सम्मानित करने के प्रकरण में मेरा यही मानना है। इस संबंध में शरद पवार की भावना अलग हो सकती है मगर महाराष्ट्र के लोगों को यह स्वीकार्य नहीं है।
शिवसेना तोड़ने वाले को पवार ने दिया सम्मान
राउत ने कहा कि महाराष्ट्र में सबको पता है कि एकनाथ शिंदे ने ही शिवसेना तोड़ी थी। उन्होंने पार्टी के साथ विश्वासघात किया था। ऐसे व्यक्ति को शरद पवार की ओर से सम्मानित किया जाना दुखद है। दिल्ली का राजनीतिक माहौल अलग हो सकता है मगर महाराष्ट्र में हम इस तरह की चीजों को सहन नहीं कर सकते।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में हो रहे साहित्य सम्मेलन का साहित्य से कोई लेना-देना नहीं है और यह पूरी तरह राजनीति से प्रेरित है। इसके पीछे पूरी तरह भाजपा का खेल है। हमारा सीधे तौर पर यही मानना है कि शिवसेना और महाराष्ट्र की पीठ में छुरा भोकने वालों को सम्मानित करना गलत है।
शिंदे के सामने कमजोर हुए उद्धव
उल्लेखनीय है कि एकनाथ शिंदे की अगुवाई में शिवसेना विधायकों की बगावत के बाद महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की सरकार गिर गई थी। उसके बाद से ही दोनों खेमों के बीच आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहे हैं। महाराष्ट्र में पिछले दिनों हुए विधानसभा चुनाव के दौरान उद्धव ठाकरे इस विश्वासघात का बदला लेना चाहते थे मगर वे नाकाम साबित हुए।
महाराष्ट्र की सियासत में उद्धव ठाकरे पहले से और ज्यादा कमजोर हो गए हैं जबकि शिंदे ताकतवर बनकर उभरे हैं। उद्धव गुट के कई नेता हाल के दिनों में शिंदे की शिवसेना में शामिल हुए हैं। ऐसे में उद्धव गुट की ओर से लगातार शिंदे की शिवसेना पर हमला किया जा रहा है।