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सरकार ने धार्मिक स्थलों पर किया ये बड़ा ऐलान, करना होगा इन नियमों का पालन

महाराष्ट्र की उद्धव सरकार ने 16 नवंबर से शर्तों के साथ सभी मंदिर खोले जाने की अनुमति दे दी है। मंदिरों में दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं को सरकार की तरफ से जारी गाइडलाइंस का पालन करना होगा

Newstrack
Published on: 14 Nov 2020 11:27 AM GMT
सरकार ने धार्मिक स्थलों पर किया ये बड़ा ऐलान, करना होगा इन नियमों का पालन
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उद्धव सरकार ने 16 नवंबर से शर्तों के साथ सभी मंदिर खोले जाने की अनुमति दे दी है। मंदिरों में दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं को सरकार की तरफ से जारी गाइडलाइंस का पालन करना होगा

मुंबई: देशभर में कोरोना संकट की वजह से राज्यों मंदिर समेत धार्मिक स्थलों करा दिया था। हालांकि अब राज्य धीरे-धीरे धार्मिक स्थलों को खोलने की इजाजत दे रहे हैं। देश के अधिकतर राज्यों में धार्मिक स्थलों खोल दिए गए हैं। अब इस बीच महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में सभी धार्मिक स्थल खोले जाने की अनुमति दे दी है।

महाराष्ट्र की उद्धव सरकार ने 16 नवंबर से शर्तों के साथ सभी मंदिर खोले जाने की अनुमति दे दी है। मंदिरों में दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं को सरकार की तरफ से जारी गाइडलाइंस का पालन करना होगा। मास्क पहनकर जाने पर भी मंदिर में जाने की इजाजत दी जाएगी।

सरकार के आदेश के मुताबिक, मंदिर या धार्मिक स्थलों के बाहर चप्पल, जूते भले ही उतार दिए जाएंगे, लेकिन मास्क हर हाल में पहनना जरूरी होगा। अगर एक भी कोरोना मरीज भीड़-भाड़ वाले इलाके में बिना मास्क घूमता है तो वो कम से कम 400 लोगों को संक्रमित कर सकता है।

कुछ दिनों पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने संकेत दिए थे कि दिवाली के बाद प्रदेश में धार्मिक स्थलों को दोबारा खोले जाएंगे। मंदिरों और धार्मिक स्थलों को खोलने को लेकर बीजेपी ने उद्धव सरकार के खिलाफ प्रदर्शन भी किया था।

Uddhav Thackeray

राज्यपाल ने लिखा था उद्धव ठाकर को खत

कुछ दिनों पहले बंद पड़े धार्मिक स्थलों को खोलने के लिए महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक पत्र लिखा था। उन्होंने लिखा था कि क्या मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भगवान की तरफ से कोई चेतावनी मिली है कि वो धार्मिक स्थलों को दोबारा खोलने को लेकर टाल मटोल करते रहे हैं।

राज्यपाल ने पत्र में कहा था कि एक जून से सभी राज्य में धार्मिक स्थलों को खोलने की घोषणा की गई थी, लेकिन चार महीने बीतने के बाद भी इस दिशा में कोई भी फैसला नहीं लिया गया है।

यह विडंबना है कि सरकार ने बार और रेस्तरां खोल दिया है, लेकिन मंदिर जैसे धार्मिक स्थानों को नहीं खोला गया है। आप हिंदुत्व के मजबूत पक्षधर रहे हैं। आपने भगवान राम के लिए सार्वजनिक रूप से अपनी भक्ति दिखाई है।

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