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Mahua Moitra: आखिरकार महुआ मोइत्रा ने खाली कर दिया सरकारी बंगला, पिछले महीने हुई थीं संसद से निष्कासित

Mahua Moitra: पूर्व टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने दिल्ली हाईकोर्ट से कोई राहत नहीं मिलने के बाद अपना सरकारी बंगला खाली कर दिया।

Krishna Chaudhary
Published on: 19 Jan 2024 7:48 AM GMT
Mahua Moitra (Photo:Social Media)
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Mahua Moitra (Photo:Social Media) 

Mahua Moitra. पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमुल कांग्रेस की तेजतर्रार नेत्री महुआ मोइत्रा को आखिरकार दिल्ली का अपना सरकारी बंगला खाली करना पड़ा। पिछले महीने संसद से निष्कासित होने के बाद संपदा निदेशालय ने उन्हें 30 दिनों के अंदर सरकारी बंगला खाली करने का नोटिस भी थमा दिया था। जिसके खिलाफ पूर्व टीएमसी सांसद दिल्ली हाईकोर्ट भी गईं लेकिन उन्हें वहां से कोई राहत नहीं मिली और आज यानी शुक्रवार 19 जनवरी को उन्हें आवास खाली कर दिया।

डायरेक्टोरेट ऑफ एस्टेट से अधिकारियों की एक टीम बंगला खाली करने महुआ मोइत्रा के आवास पर पहुंची थी। महुआ के वकीलों ने आवास खाली करने के बाद मकान की चाबियां सरकारी अधिकारियों के हवाले कर दीं। हालांकि, इस पर अभी तक पूर्व टीएमसी सांसद की ओर से कोई बयान सामने नहीं आया है।

हाईकोर्ट ने राहत देने से कर दिया था इनकार

संपदा निदेशालय के नोटिस के खिलाफ महुआ मोइत्रा की ओर से दायर याचिका पर कल यानी गुरूवार 18 जनवरी को सुनवाई हुई थी। जस्टिस गिरीश कथपालिया ने पूर्व सांसद को कोई राहत देने से इनकार करते हुए कहा कि अदालत के समक्ष कोई विशेष नियम नहीं लाया गया है, जो सांसदों के हटने के बाद उन्हें सरकारी आवास से बेदखल करने से संबंधित हो। कोर्ट ने महुआ को फौरन आवास खाली करने का आदेश भी दिया था।

महुआ ने हाईकोर्ट से क्या लगाई थी गुहार

कैश फॉर क्वेरी मामले में दोषी पाए जाने के बाद महुआ मोइत्रा को 8 दिसंबर को संसद से निष्कासित कर दिया गया था। इसके बाद 11 दिसंबर को डायरेक्टरेट ऑफ एस्टेट्स की ओर से उन्हें दिल्ली में मिले सरकारी आवास को खाली करने का नोटिस थमाया गया। जिसे 19 दिसंबर को टीएमसी नेत्री ने दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी। उन्होंने अपनी याचिका में कहा था कि उनकी पार्टी (तृणमुल कांग्रेस) ने फिर से उन्हें पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है। चूंकि लोकसभा से निष्कासन उन्हें चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य नहीं ठहराता, इसलिए वह फिर से चुनाव लड़ेंगी। उन्हें अपना समय और ऊर्जा दोनों मतदाता पर केंद्रित करने की आवश्यकता है। महुआ ने कहा कि वह दिल्ली में अकेले रहती हैं, यहां उनके पास कोई अन्य निवास स्थान या वैकल्पिक आवास नहीं है।

ऐसी स्थिति में अगर उन्हें सरकारी आवास से बेदखल किया जाता है, तो उन्हें चुनाव कर्तव्यों को पूरा करना होगा और साथ ही नया घर भी ढूंढना होगा, इससे उन पर भारी बोझ पड़ेगा। टीएमसी नेता ने आगे अपनी याचिका में अदालत से अनुरोध किया कि उन्हें 2024 के लोकसभा चुनाव नतीजे तक वर्तमान आवास में ठहरने की अनुमति दी जाए। साथ ही उन्होंने कहा कि ठहरने की विस्तारित अवधि के लिए लगने वाले किसी भी शुल्क का भुगतान करने के लिए वो तैयार हैं।

बता दें कि महुआ मोइत्रा ने संसद के निष्कासन के फैसले को भी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रखी है। जिस पर 3 जनवरी को सुनवाई भी हुई थी। यहां भी अदालत ने उन्हें फौरी राहत देने से इनकार करते हुए लोकसभा सचिवालय को नोटिस जारी कर 3 हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा था।

Krishna Chaudhary

Krishna Chaudhary

Content Writer

Krishna Chaudhary having four year experience of working in different positions during his Journalism. Having Expertise to create content in Politics, Crime, National and International Affiars.

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