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Major Bridge Accident in India: भारत के बड़े पुल हादसे, जिसको लेकर सरकार पर उठे सवाल
Major Bridge Accident in India: मोरबी से पहले देश में कई भीषण पुल हादसे हो चुके हैं, जिनमें बड़ी संख्या में लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है।
Major Bridge Accident in India: गुजरात के मोरबी में रविवार शाम एक केबल सस्पेंशन ब्रिज टूटने से कई जिंदगियां समाप्त हो गईं। पुल के टूटने से इस पर सवार करीब 400 लोग मच्छु नदी में गिर गए। हादसे में अब तक 141 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है, वहीं 70 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। इस दर्दनाक हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हादसे ने उन पुराने भयानक पुल हादसों की भी याद दिला दी, जिनमें सैंकड़ों लोग मारे गए थे।
मोरबी से पहले देश में कई भीषण पुल हादसे हो चुके हैं, जिनमें बड़ी संख्या में लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है। कही अंग्रेजों के जमाने में बना पुल टूट गया तो कहीं निर्माणधीन ओवर ब्रिज ही लोगों के ऊपर गिर गई। इसी तरह कहीं पुल टूटने से पूरी की पूरी ट्रेन ही नदी में समा गई। भारत में ऐसे खौफनाक पुल हादसों की फेहरिस्त काफी लंबी है। हैरान कर देने वाली बात ये है कि इतने हादसों के बावजूद सरकारें लापरवाह बनी हुई हैं। सेफ्टी ऑडिट में खरा न उतरने वाले पुलों और फ्लाईओवर का इस्तेमाल देश में बदस्तूर जारी है। तो आइए एक नजर देश में अब तक हुए भयानक पुल हादसों पर डालते हैं –
केरल में कदलुंडी रेल हादसा
22 जून 2001 को मंगलौर-चेन्नई मेल ट्रेन केरल के कोझिकोड जिले के कदलुंडी रेलवे स्टेशन के पास नदी पर बने एक पुल का पिलर टूटने से बेपटरी हो गई थी। ट्रेन के चार डिब्बे नदी में समा गए थे। इस हादसे में 57 लोगों की मौत हो गई, जबकि 300 से अधिक घायल हुए थे। यह पुल 140 साल पुराना था।
रफीगंज रेल हादसा
10 सितंबर 2002 को बिहार के गया जिले के पास रफीगंज रेलवे स्टेशन पर हावड़ा – राजधानी एक्सप्रेस के 8 डिब्बे पटरी से उतर गए। हादसा रफीगंज में धवे नदी पर बने पुल के ऊपर से गुजरने के दौरान हुआ था। दुर्घटना में करीब 200 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 250 से अधिक घायल हो गए थे। मृतकों में 50 लापता यात्री भी शामिल हैं।
वालिगोंडा रेल हादसा
29 अक्टूबर 2005 को आंध्र प्रदेश के वालिगोंडा शहर में एक जर्जर पुल से गुजर रही डेल्टा फास्ट पैसेंजर ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इंजन समेत सात डिब्बे क्षतिग्रस्त पुल से नीचे नदी में जाकर गिरे। हादसे में 114 से लोगों से ज्यादा की मौत हुई, जबकि 200 से अधिक यात्री घायल हुए थे।
कोटा चंबल ब्रिज हादसा
24 दिसंबर 2009 को राजस्थान के कोटा जिले में चंबल नदी पर निर्माणधीन कोटा चंबल ब्रिज का एक बड़ा हिस्सा टूटकर नदी में गिर गया। हादसे में पुल के निर्माण कार्य में लगे 48 मजदूर और इंजीनियरों की मौत हो गई थी।
विवेकानंद फ्लाईओवर ब्रिज हादसा
31 मार्च 2016 को पश्चिम बंगाली की राजधानी कोलकाता में निर्माणधीन विवेकानंद फ्लाईओवर ब्रिज के ढ़ह जाने से करीब 27 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 80 लोग घायल हुए थे।
वाराणसी पुल हादसा
15 मई 2018 को वाराणसी के कैंट रेलवे स्टेशन के पास निर्माणधीन पुल का एक हिस्सा ढ़ह जाने से मलबे में दबकर 18 लोगों की जान चली गई थी, जबकि 10 से अधिक लोग घायल हो गए थे।
भागलपुर पैदल पुल हादसा
दिसबंर 2006 में बिहार के भागलपुर में 150 साल पुराना रेलवे फुट ओर ब्रिज नीचे से गुजर रही एक तज रफ्तार ट्रेन के ऊपर गिर गया। हादसे में 30 से अधिक लोग मारे गए।
पंजागुट्टा फ्लाईओवर हादसा
9 सितंबर 2007 को हैदराबाद के पंजागुट्टा में निर्माणधीन फ्लाईओवर गिरने से लगभग 30 लोगों की मौत हो गई थी। हादसे में कई लोग जख्मी भी हुए।
सावित्री नदी पुल हादसा
3 अगस्त 2016 को महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में मुंबई-गोवा हाईवे पर सावित्री नदी पर बना लगभग 100 साल पुराने पुल का एक हिस्सा गिरने से दो बसें और कुछ कारें नदी में समा गईं। इस दुर्घनटा में 28 लोगों की मौत हो गई थी।
बता दें कि केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय संसद में स्वीकार कर चुकी है कि देश में 100 पुल या फ्लाईओवर ऐसे हैं, जो भगवान भरोसे हैं अर्थात कभी ये गिर सकते हैं। इन पर फौरन ध्यान देने की जरूरत है।