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Jammu and Kashmir: जम्मू कश्मीर में बड़ा आतंकी हमला टला, झाड़ियों में छिपाकर रखे गए थे बम, सुरक्षाबलों ने किया नष्ट
Jammu and Kashmir: बम को झाड़ियों में छिपाकर रखा गया था, जिस पर एयर डिफेंस की यूनिट पड़े। जिसके बाद मौके पर सुरक्षाबलों और बम निरोधक दस्ते को भेजकर विस्फोटकों को नष्ट किया गया।
terrorist attack in Jammu Kashmir (photo: social media )
Jammu and Kashmir: जम्मू कश्मीर में सुरक्षाबलों को एक बड़ी कामयाबी मिली है। उन्होंने समय रहते एक भयानक आतंकी हमले को होने से रोक लिया। श्रीनगर-कुपवाड़ा हाईवे को जोड़ने वाले नेशनल हाईवे पर भारी बम प्लांट कर रखे थे। उनकी मंशा पुलवामा जैसे आतंकी हमले को दोहराने की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बम को झाड़ियों में छिपाकर रखा गया था, जिस पर एयर डिफेंस की यूनिट पड़े। जिसके बाद मौके पर सुरक्षाबलों और बम निरोधक दस्ते को भेजकर विस्फोटकों को नष्ट किया गया।
आतंकियों ने कुपवाड़ा इलाके के गणपोरा इलाके में IED से जोड़कर 10 किलोग्राम के तीन एलपीजी सिलेंडर बम प्लांट किए थे। IED को श्रीनगर-कुपवाड़ा हाईवे के जिस लोकेशन पर रखा गया था, वहां दिनभर में करीब एक हजार पब्लिक गाड़ियां और दो सौ सुरक्षाबलों की गाड़ियां गुजरी थीं। ऐसे में अगर विस्फोट होता तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितने बड़े पैमाने पर जनहानि होती।
सेना और पुलिस की संयुक्त टीम ने चलाया अभियान
श्रीनगर-कुपवाड़ा हाईवे पर बड़े पैमाने पर गाड़ियों का मुवमेंट होता है। सुरक्षाबलों का काफिला लगातार यहां से गुजरने के कारण यह हमेशा से आतंकियों के टारगेट पर रहा है। हाईवे जंगल और पहाड़ जैसे दुर्गम इलाके से गुजरता है, लिहाजा इसकी निगरानी एयर डिफेंस यूनिट करती है। जिसने झाड़ियों में छिपाकर रखे विस्फोटकों की पहचान कर ली। एयर डिफेंस यूनिट ने फौरन इसकी सूचना इंडियन आर्मी को दी। जिसके बाद सेना के चिनार कॉर्प्स और जम्मू कश्मीर पुलिस ने संयुक्त अभियान चलाकर झाड़ियों में रखे IED बम को नष्ट किया। चिनार कॉर्प्स की ओर से सोशल मीडिया पर इसकी तस्वीर भी पोस्ट की गई है।
कुपवाड़ा में मारे गए थे पांच विदेशी आतंकी
कश्मीर का कुपवाड़ा जिला जंगलों और पहाड़ों से घिरा होने के कारण आतंकियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह रहा है। यहां पर सुरक्षाबलों ने आतंकियों के विरूद्ध कई अभियान चलाए हैं। इसी साल जून में एक मुठभेड़ में पांच विदेशी आतंकवादियों को मार गिराया गया था। जिले के दुर्गम इलाके को देखते हुए सितंबर में सीआरपीएफ के कोबरा कमांडो फोर्सेज को यहां तैनात किया गया इन्हें छत्तीसगढ़, झारखंड और ओडिशा के खतरनाक जंगली इलाकों में नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाने का व्यापक अनुभव है।