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President of Maldives: चीन से लौटते ही मालदीव के राष्ट्रपति ने तरेरी आंखें, बोले- '...हमें धमकाने का लाइसेंस किसी को नहीं'

President of Maldives: चीन से लौटते ही मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू आंखें दिखाने लगे हैं। मुइज्जू ने पांच दिन के अपने चीन दौरे के दौरान राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की थी। उनका ये दौरा ऐसे समय पर हुआ था, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले मालदीव सरकार के तीन मंत्रियों को सस्पेंड किया गया।

Ashish Kumar Pandey
Published on: 13 Jan 2024 3:12 PM GMT
As soon as he returned from China, the President of Maldives rolled his eyes and said - ...no one has the license to threaten us: Photo- Social Media
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चीन से लौटते ही मालदीव के राष्ट्रपति ने तरेरी आंखें, बोले- '...हमें धमकाने का लाइसेंस किसी को नहीं': Photo- Social Media

President of Maldives: अपने पांच दिन के चीन यात्रा के बाद स्वदेश लौटते ही मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू आंखें तरेरने लगे हैं। मालदीव लौटते ही उन्होंने दो टूक कह दिया है कि हमें धमकाने का लाइसेंस किसी के पास नहीं है। मुइज्जू ने कहा कि हम भले ही छोटा देश हो सकते हैं लेकिन इससे किसी को भी हमें बुली करने का लाइसेंस नहीं मिलता।

हालांकि, उन्होंने प्रत्यक्ष तौर पर किसी का नाम लेकर ये बयान नहीं दिया है। लेकिन यह माना जा रहा है कि उनका निशाना भारत की ओर है। चीन समर्थक माने जाने वाले मुइज्जू ने अपने पांच दिन के चीनी दौरे के दौरान राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की थी। उनका ये दौरा ऐसे समय पर हुआ था, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले मालदीव सरकार के तीन मंत्रियों को सस्पेंड किया गया। इस मामले को लेकर भारत और मालदीव दोनों देशों में राजनयिक विवाद बढ़ा हुआ है।

चीन से लगाई थी गुहार

भारत में चल रहे बॉयकॉट मालदीव के ट्रेंड के बीच मुइज्जू ने चीन से अपील की थी कि वो अधिक से अधिक चीनी पर्यटकों को मालदीव भेजे। मालदीव बिजनेस फोरम को संबोधित करते हुए मुइज्जू ने कहा था कि कोविड से पहले हमारे देश में सबसे अधिक पर्यटक चीन से आते थे। मेरा अनुरोध है कि चीन को ऐसा करने के लिए फिर से अपनी कोशिशें तेज करनी चाहिए।

मुइज्जू का पहला चीन दौरा विवादों में क्यों था?

बता दें कि मुइज्जू का चीन का यह पहला राजकीय दौरा था। यह दौरा ऐसे समय पर हुआ जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप के दौरे की उनकी तस्वीरों को लेकर मालदीव के तीन मंत्रियों ने सोशल मीडिया पर कुछ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इसके बाद सोशल मीडिया पर इस मामले ने काफी तूल पकड़ लिया। मामले के तूल पकड़ने पर मालदीव सरकार ने तीनों आरोपी मंत्रियों को सस्पेंड कर दिया था। बाद में भारत में मालदीव के राजूदत को विदेश मंत्रालय ने तलब किया और इस मामले पर कड़ी आपत्ति जताई थी। इस दौरान दोनों देशों के बीच राजनयिक तनाव बना हुआ है।

...तो यहां से ही बदलने लगे थे सुर

मालदीव के नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में करीब 75 भारतीय सैनिकों की एक छोटी टुकड़ी को हटाने का संकल्प लिया था। भारतीय सैनिकों की वापसी पर चर्चा के लिए भारत और मालदीव ने दोनों देशों ने एक कोर ग्रुप का गठन किया है। मुइज्जू का स्लोगन था ‘इंडिया आउट‘। उन्होंने मालदीव के ‘इंडिया फर्स्ट पॉलिसी‘ में भी बदलाव करने की बात कही थी। जबकि भारत और चीन दोनों ही मालदीव में प्रभाव जमाने के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं।

Photo- Social Media

क्या है विवाद

प्रधानमंत्री मोदी के लक्षद्वीप दौरे के बाद मालदीव की सरकार के तीन मंत्रियों ने पीएम मोदी के इस दौरे की कुछ तस्वीरों पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इसके बाद से ही दोनों देशों के बीच राजनयिक विवाद गहराया हुआ है। मामले पर विवाद बढ़ने के बाद इन तीनों मंत्रियों को सस्पेंड कर दिया गया था।

अब मालदीव के प्रेसिडेंट का दिया गया बयान भारत और मालदीव के संबंधों में खटास ही बढ़ाएगा। जिस तरह का बयान चीन से वापस आने के बाद मुइज्जू ने दिया है उससे तो यही लगता है कि इसके पीछे मुइज्जू नहीं चीन ही बोल रहा है।

Shashi kant gautam

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