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सत्ता की धमक! मालेगांव विस्फोट मामले में 2 को जमानत

Rishi
Published on: 19 Sept 2017 4:24 PM IST
सत्ता की धमक! मालेगांव विस्फोट मामले में 2 को जमानत
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मुंबई : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत ने मंगलवार को सितंबर, 2008 में मालेगांव विस्फोट मामले के दो प्रमुख आरोपी सुधाकर चतुर्वेदी व सुहार द्विवेदी को समानता के आधार पर जमानत दे दी। दोनों को 50 हजार रुपये की जमानत राशि व अन्य शर्तो के साथ जमानत दी गई।

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सर्वोच्च न्यायालय द्वारा बीते महीने लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद एस. पुरोहित को जमानत दिए जाने के बाद चतुर्वेदी व द्विवेदी, उर्फ दयानंद पांडेय ने जमानत के लिए याचिका दायर की थी। पुरोहित मालेगांव मामले में प्रमुख आरोपी हैं।

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इससे पहले, इस मामले में एक अन्य प्रमुख आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को बंबई उच्च न्यायालय जमानत पर रिहा कर चुका है। साध्वी को स्वास्थ्य व दूसरे आधारों पर करीब 9 साल की हिरासत के बाद जमानत दी गई।

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महाराष्ट्र के नाशिक जिले के मालेगांव में भीड़भाड़ वाली नूरजी मस्जिद के पास 29 सितंबर, 2008 को जुम्मे की नमाज के बाद शक्तिशाली बम विस्फोट हुआ। इस विस्फोट में छह लोग मारे गए और 100 लोग घायल हो गए। मालेगांव मुंबई से उत्तर में करीब 300 किलोमीटर दूर है।

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मस्जिद के पास किए गए इस विस्फोट को कांग्रेस ने 'भगवा आतंकवाद' नाम दिया था, क्योंकि पकड़े गए आरोपियों का ताल्लुक हिंदूवादी संगठनों से है। केंद्र में सत्ता बदलने के बाद इस मामले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) का मन भी बदला। एनआईए की क्लीनचिट पर पहले साध्वी प्रज्ञा छूटीं, उसके बाद पुरोहित।

समानता के आधार पर दो और को जमानत मिल गई है। सवाल यह है कि अगर ये निर्दोष हैं, तो दोषी कौन है? आतंकवादी घटना की जांच अगर इसी तरह होती रही तो एनआईए पर भरोसा कौन करेगा।

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Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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