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Men In Danger On Earth: पृथ्वी से खत्म हो जाएंगे पुरुष

Men In Danger On Earth: लगता है अब धरती से पुरुष ही खत्म हो जाएंगे। वैज्ञानिकों ने कहा है कि इंसानों में पुरुषों का निर्धारण करने वाले "वाई" क्रोमोसोम खत्म होता जा रहा है।

Neel Mani Lal
Published on: 21 Dec 2022 11:54 AM GMT
Males will be extinct from the earth Y chromosome is decreasing in humans
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पृथ्वी पर खतरे में पुरुष: Photo- Social Media

Men In Danger On Earth: लगता है अब धरती से पुरुष ही खत्म हो जाएंगे। वैज्ञानिकों ने कहा है कि इंसानों में पुरुषों का निर्धारण करने वाले "वाई" क्रोमोसोम खत्म (Y chromosome) होता जा रहा है। इंसानों और अन्य स्तनपायी जीवों के लिंग का निधार्रण वाई क्रोमोसाम के एक नर-निर्धारण जीन (male-determining gene) द्वारा किया जाता है, लेकिन अब कुछ विशेष वजहों से मानवों में यह वाई गुणसूत्र कम हो रहा है। वैज्ञानिकों का दावा है कि यह कुछ वर्षों बाद पूरी तरह से गायब हो सकता है। ऐसे में किसी को भी बेटा पैदा नहीं होगा और कुछ लाख वर्षों में धरती पुरुषों से खाली हो सकती है।

मानव लिंग लंबे समय से एक्स और वाई गुणसूत्रों द्वारा तय किया गया है। महिलाएं दो एक्स गुणसूत्रों के साथ पैदा होती हैं, जबकि पुरुष एक एक्स और एक वाई गुणसूत्रों के साथ पैदा होते हैं। एक नए अध्ययन में पाया गया है कि विभिन्न स्तनपायी प्रजातियों में वाई गुणसूत्र धीरे-धीरे गायब होने के कारण भविष्य खतरे में पड़ सकता है।

वैज्ञानिक पत्रिका "प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज" में प्रकाशित अध्ययन में दी जानकारी के अनुसार, शोधकर्ताओं ने लैटिपस जीव का विश्लेषण किया था। इस जीव में मानवों की तरह अलग-अलग सेक्स क्रोमोसोम होते हैं, जबकि अधिकांश स्तनधारियों में एक्स और वाई क्रोमोसोम आधारित सिस्टम समान होते हैं।

वाई क्रोमोसोम से जुड़े जीन 11 मिलियन वर्षों में विलुप्त हो जाएंगे

शोधकर्ताओं ने अनुमान लगाया कि वाई गुणसूत्र ने 166 मिलियन वर्षों में 900 से अधिक सक्रिय जीन खो दिए हैं। ये वह समय अवधि है जब मनुष्य और ऑस्ट्रेलियाई प्लैटिपस अलग अलग विकसित हो रहे थे। इस दर पर, वाई क्रोमोसोम से जुड़े जीन 11 मिलियन वर्षों में विलुप्त हो जाएंगे।

जबकि शोधकर्ताओं को डर है कि मनुष्य वाई गुणसूत्रों को खोने वाली अगली प्रजाति होगी, लेकिन वैश्विक वैज्ञानिक समुदाय पहले से ही एक स्तनपायी के बारे में जानता है जिसने अपने वाई गुणसूत्रों को खोने के बाद भी आनुवंशिकी के माध्यम से लिंग का निर्धारण किया है। ये हैं रोडेंट्स यानी कृन्तकों की दो प्रजातियाँ।

बहरहाल, जबकि वाई गुणसूत्रों का अंतिम रूप से गायब होना सैद्धांतिक रूप से मानव जाति के विलुप्त होने का कारण बन सकता है, लेकिन एक पहलू ये भी है कि एवोल्यूशन भी नए लिंग-परिभाषित जीनों को विकसित कर सकता है।

Shashi kant gautam

Shashi kant gautam

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