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माल्या का ऐशोआराम वाला निजी जेट हुआ नीलाम

Manali Rastogi
Published on: 30 Jun 2018 2:14 PM IST
माल्या का ऐशोआराम वाला निजी जेट हुआ नीलाम
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मुंबई: बेंकों का करोड़ों लेकर भागे शराब कारोबारी विजय माल्या का आलीशान लग्जरी जेट नीलाम हो ही गया। कानूनी अड़चन के कारण सभी सुविधाओं से लैस इस जेट की नीलामी तीन बार रूकी थी । माल्या का लग्जरी जेट 34 करोड़ 8 लाख रूपए में बिका।

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बैंक का हजारों करोड़ रुपए का कर्ज लेकर देश से फरार माल्या का लग्जरी प्राइवेट जेट हमेशा सुर्खियों में रहा। ऐशो-आराम की सभी सुविधाओं से लैस इस जेट का रजिस्ट्रेशन नंबर भी वीआइपी है लेकिन अब A319-133C VT-VJM MSN 2650 रजिस्ट्रेशन नंबर वाले वीआइपी जेट को उसका नया मालिक मिल गया है।

इस कंपनी ने खरीदा विजय माल्या का प्राइवेट जेट

अमेरिका बेस्ड विमानन कंपनी 'एविएशन मैनेजमेंट सेल्स' ने विजय माल्या का प्राइवेट जेट खरीदा है। जेट खरीदने के लिए अमेरिकी कंपनी ने 5.05 मिलियन डॉलर की बोली लगायी, जो पिछली बार सर्विस टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा करायी गई ई-नीलामी की बोली की रकम से काफी ज्यादा है। नीलामी की शुरुआत ही 1.9 मिलियन डॉलर से की गई। ये नीलामी कारोबारी विजय माल्या की किंगफिशर एयरलाइंस पर बकाया सर्विस टैक्स की रिकवरी के तहत की गई थी।

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माल्या का प्राइवेट जेट बेहद शानदार है। इसका इंटीरियर कस्टमाइज्ड और लग्जरी से भरपूर है। माल्या के इस जेट की स्टैंटर्ड विशेषताओं के मुताबिक करीब 100 मिलियन डॉलर थी, लेकिन नीलामी के कारण ये अमेरिकी कंपनी को बेहद ही कम दामों में मिल गया। दरअसल, पिछले पांच सालों से इस जेट ने कोई उड़ान नहीं भरी है। इसलिए ग्राउंडेड कंडीशन को देखते हुए जेट इतने कम दामों में नीलाम हो गया।

यहां खड़ा था जेट

सर्विस टैक्स विभाग ने इस जेट को मुंबई के छत्रपति शिवाजी इंटरनेशनल हवाई अड्डे पर खड़ा किया हुआ था। इसको लेकर एयरपोर्ट अथॉर्रिटी बॉम्बे हाईकोर्ट पहुंच गई थी। सितंबर 2013 में सर्विस टैक्स विभाग ने जेट को सीज कर दिया था। तब से ये मुंबई हवाई अड्डे पर खड़ा था।

एयरपोर्ट अथॉरिटी ने जगह की कमी का हवाला दिया और बॉम्बे हाईकोर्ट पहुंच गई। अथॉरिटी ने कहा, जेट की पार्किंग की वजह से उसे हर घंटे करीब 13-15 हजार रुपयों का नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसके बाद बॉम्बे हाईकोर्ट ने जेट को बेचने के लिए साल 2018 में मामले को कर्नाटक हाईकोर्ट भेज दिया। किंगफिशर एयरलाइंस बेंगलुरु बेस्ड कंपनी थी, इसलिए केस को वहां ट्रांसफर किया गया।

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