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Mamata Banerjee: मुर्शिदाबाद हिंसा पर ममता बनर्जी की अपील, धर्म के नाम पर नफरत नहीं, शांति ही असली ताकत है
Mamata Banerjee: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ कानून को लेकर भड़की हिंसा के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कालीघाट स्काईवॉक के उद्घाटन समारोह के दौरान एक भावुक और सशक्त संदेश दिया।
Mamata Banerjee
Mamata Banerjee: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ कानून को लेकर भड़की हिंसा के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कालीघाट स्काईवॉक के उद्घाटन समारोह के दौरान एक भावुक और सशक्त संदेश दिया। उन्होंने प्रदेशवासियों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि विरोध करना हर नागरिक का अधिकार है, लेकिन किसी को भी कानून हाथ में लेने का हक नहीं है।
मुख्यमंत्री ने साफ तौर पर कहा कि बंगाल की मिट्टी शांति, एकता और भाईचारे की प्रतीक रही है और इसे बिगाड़ने की कोशिशें कामयाब नहीं होने दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि किसी भी उकसावे में आकर हिंसा फैलाना न सिर्फ कानून का उल्लंघन है, बल्कि सामाजिक ताने-बाने को भी नुकसान पहुंचाने वाला है।
“धर्म नहीं सिखाता आपस में बैर रखना”
ममता बनर्जी ने अपने भाषण में धार्मिक सहिष्णुता पर जोर देते हुए कहा कि धर्म का अर्थ है प्रेम, भाईचारा और सांस्कृतिक एकता। “अगर मैं किसी धर्म के कार्यक्रम में जाती हूं, तो मेरे ऊपर टिप्पणी होती है। लेकिन धर्म का इस्तेमाल नफरत फैलाने के लिए नहीं होना चाहिए। धर्म व्यक्तिगत होता है, लेकिन त्योहार और उत्सव सभी के लिए होते हैं,” उन्होंने कहा। मुख्यमंत्री ने याद दिलाया कि बंगाल वही भूमि है जहां रवीन्द्रनाथ टैगोर और काजी नजरूल इस्लाम जैसे महान कवियों ने शांति, प्रेम और मानवता की अलख जगाई थी। “हम सभी को मिलकर उस विरासत की रक्षा करनी है,” उन्होंने लोगों से कहा।
कालीघाट स्काईवॉक: जनता से किया वादा पूरा
अपने संबोधन में ममता बनर्जी ने कालीघाट स्काईवॉक परियोजना के पूरा होने पर प्रसन्नता जताई और कहा कि यह जनता से किया गया उनका वादा था। “जब मैंने दक्षिणेश्वर स्काईवॉक बनवाया था, तभी कालीघाट के लिए भी वादा किया था। अब यह भी तैयार है,” उन्होंने कहा। इस स्काईवॉक की लंबाई 435 मीटर और चौड़ाई 10.5 मीटर है। यह श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए बड़ी सुविधा साबित होगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने धार्मिक स्थलों के विकास के लिए लगातार काम किया है, जिसमें मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारे शामिल हैं।
“लड़ाई क्यों, हिंसा क्यों?”
ममता बनर्जी ने कहा कि जब इंसान जन्म लेता है और जब वह इस दुनिया से जाता है, दोनों बार वह अकेला होता है। ऐसे में बीच के जीवन में हिंसा और नफरत की जगह क्यों हो? “हमें लोगों से प्रेम करना चाहिए, क्योंकि प्रेम सबसे बड़ा धर्म है,”। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि राज्य सरकार हर किसी को शांतिपूर्ण ढंग से अपनी बात रखने की आज़ादी देती है, लेकिन जो लोग उग्र होकर हिंसा फैलाते हैं, वे किसी के भले के नहीं होते। उन्होंने लोगों से अपील की कि किसी भी हाल में कानून हाथ में न लें और नफरत की राजनीति से दूर रहें।