TRENDING TAGS :
Mission 2024: ममता को मंजूर नहीं कांग्रेस और लेफ्ट का साथ, 2024 की सियासी जंग को लेकर दिया बड़ा संकेत
ममता के भाषण से साफ संकेत मिला है कि वे गैर कांग्रेसी विपक्षी मोर्चा के पक्ष में हैं और उन्हें वामदलों का साथ भी मंजूर नहीं है। मतलब, 2024 लोकसभा चुनाव में भी खेला होबे।
साल 2024 के सियासी जंग में विपक्ष की एकजुटता के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की सक्रियता इन दिनों खासी चर्चाओं में है। नीतीश कुमार ने अपने हाल के दिल्ली दौरे में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) समेत विपक्ष के कई बड़े नेताओं से मुलाकात की थी। उन्होंने 2024 के चुनाव में एकजुट होकर मैदान में उतरने की बात कही थी मगर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी कुछ अलग ही संकेत दे रही हैं।
ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने भी भाजपा के खिलाफ लड़ाई में विपक्ष की एकजुटता की वकालत की है। वैसे, ममता इस लड़ाई को क्षेत्रीय क्षत्रपों की मदद से लड़ना चाहती हैं। उनके बयान से साफ हो गया है कि उन्हें कांग्रेस और लेफ्ट का साथ मंजूर नहीं है। कोलकाता में पार्टी की महत्वपूर्ण बैठक के दौरान उन्होंने कई क्षेत्रीय दलों का तो नाम लिया मगर कांग्रेस और वामदलों का कोई जिक्र नहीं किया। इससे साफ संकेत मिला है कि ममता गैर कांग्रेसी विपक्षी मोर्चा बनाने की इच्छुक हैं।
क्षेत्रीय दलों का जिक्र मगर कांग्रेस को छोड़ा
कोलकाता में पार्टी की महत्वपूर्ण बैठक के दौरान ममता के भाषण से उनकी भविष्य की सियासी योजनाओं का साफ संकेत मिलता है। उन्होंने कहा कि, हमारा मकसद 2024 के चुनाव में भाजपा को सत्ता से बेदखल करना है। इस बड़ी लड़ाई में नीतीश कुमार और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Jharkhand CM Hemant Soren) के अलावा समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव, राजद के तेजस्वी यादव और अन्य नेता तृणमूल कांग्रेस का साथ देंगे। अपने भाषण के दौरान ममता ने कांग्रेस और वामदलों का कोई जिक्र तक नहीं किया। वैसे यह पहला मौका नहीं है जब ममता कांग्रेस से कन्नी काटती हुई दिख रही हैं। उपराष्ट्रपति चुनाव में भी उन्होंने मतदान का बहिष्कार करके कांग्रेस नेता और उपराष्ट्रपति पद की विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को बड़ा झटका दिया था।
ममता के भाषण से साफ संकेत मिला है कि वे गैर कांग्रेसी विपक्षी मोर्चा के पक्ष में हैं और उन्हें वामदलों का साथ भी मंजूर नहीं है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव की तरह 2024 के लोकसभा चुनाव में भी खेला होबे। भाजपा का 300 सीटों का सपना हम कभी पूरा नहीं होने देंगे।
ममता को चेहरा बनाने की जोरदार पैरवी
दूसरी ओर, प्रधानमंत्री पद के लिए विपक्ष के चेहरे को लेकर भी बड़ा पेंच फंसता दिख रहा है। तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने प्रधानमंत्री पद के लिए ममता की वकालत जोर-शोर से शुरू कर दी है। इस बैठक के दौरान तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने साफ तौर पर कहा कि भाजपा के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व करने में ममता बनर्जी ही सक्षम है। ममता बनर्जी को विपक्ष का चेहरा बनाने की बात करने वालों में पार्टी के महासचिव अभिषेक बनर्जी, सुदीप बनर्जी और कल्याण बनर्जी शामिल थे। तृणमूल कांग्रेस के नेता पहले से ही ममता को विपक्ष का चेहरा बनाने की वकालत करते रहे हैं।
नीतीश नहीं चाहते विपक्षी एकता में न हो विवाद
दूसरी ओर, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का साफ तौर पर कहना है कि वे प्रधानमंत्री पद की रेस में शामिल नहीं हैं। वैसे सियासी जानकारों का मानना है कि नीतीश कुमार अभी विपक्षी एकता में कोई विवाद नहीं पैदा होने देना चाहते। इसीलिए सोची-समझी रणनीति के तहत वे इस तरह का बयान दे रहे हैं। नीतीश की कोशिशों, जदयू नेताओं के बयानों और बिहार की सड़कों पर लिखे नारों से साफ है कि नीतीश कुमार भी समय आने पर खुलकर पीएम चेहरे की दावेदारी करने से पीछे नहीं हटेंगे।
भाजपा कोई गलतफहमी न पाले
तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) की बैठक के दौरान ममता बनर्जी ने ये भी कहा, कि भाजपा को किसी भी प्रकार की गलतफहमी में नहीं रहना चाहिए। कांग्रेस नेता राजीव गांधी के पास भी 400 से अधिक सीटें थीं, मगर उन्हें चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा। इसलिए भाजपा को भी कोई अहंकार नहीं पालना चाहिए। हम उसे हराने में सक्षम होंगे। देश के अन्य हिस्सों की पार्टियां जल्द ही हमारे साथ आएंगी और हम एकजुट होकर भाजपा को हराने में कामयाब होंगे। अपने संबोधन के दौरान ममता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, कि बुलेट ट्रेन का कहीं अता-पता नहीं है मगर उनका झूठ बुलेट ट्रेन की गति से चारों ओर फैलता दिख रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री सिर्फ अपने मन की बात करते हैं उन्हें देश के मूड की कोई जानकारी नहीं है। वे देश को बेचने की कोशिश में लगे हुए हैं मगर हम ऐसा नहीं होने देंगे।
ममता के इस भाषण के बाद साफ हो गया है कि 2024 की सियासी जंग में विपक्षी एकता की राह इतनी आसान नहीं है। कांग्रेस ने जहां राहुल गांधी को चेहरा बनाने के लिए भारत जोड़ो यात्रा के जरिए जोरदार बैटिंग शुरू कर दी है,वहीं ममता अपना अलग सुर अलापती दिख रही हैं।